रपट/जम्मू-कश्मीरअलगाववादी छलावा
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

रपट/जम्मू-कश्मीरअलगाववादी छलावा

by
May 30, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 30 May 2016 12:36:45

जम्मू-कश्मीर अब शांति, प्रगति और विकास के रास्ते पर है। लेकिन विकृत मानसिकता वाले कुछ पथभ्रष्ट लोग इसे रोकना चाहते हैं

जयबंस सिंह

कश्मीर से जुड़ा एक दुर्भाग्यपूर्ण सच यह है कि जब भी वहां की कोई चुनी हुई सरकार कोई सकारात्मक कदम उठाती है तो कुछ बाहरी ताकतें उसके प्रयासों को गिराने में व्यस्त हो जाती हैं। अपनी विध्वंसकारी सोच, विघटनकारी कार्यशैली और अंदरूनी कलह के लिए मशहूर कश्मीरी अलगाववादी नई गठबंधन सरकार के खिलाफ एक बार फिर वही पुराना खेल खेलने पर उतारू हैं।
इस बार फिर 'ज्वाइनिंग द हैंड्स' नामक एक मुहिम के अंतर्गत मीडिया की चकाचौंध के बीच उन्होंने सरकार के 'षड्यंत्रकारी कार्यक्रमों' के खिलाफ एकजुट होने का एलान किया है। जाहिर है इस नई दोस्ती के कर्णधार यासीन मलिक हैं, जिन्हें मीरवाइज उमर फारूक और सैयद अली शाह गिलानी के रूप में नए साथी मिले हैं। हालांकि शबीर शाह के बारे में अभी कुछ स्पष्ट नहीं है।
इस बार इन स्वघोषित नेताओं का एजेंडा सरकार द्वारा कश्मीरी पंडितों के लिए बनाई जाने वालीं 'विशिष्ट कॉलोनियों' के खिलाफ आवाज बुलंद करना है। यही नहीं, कश्मीरी जनता के इन कथित 'हमदर्द नेताओं' का काम अन्य मुद्दों के अलावा सैनिक कॉलोनियां और राज्य की नई औद्योगिक नीति का विरोध करना भी होगा।
हालांकि, पहले अपने कश्मीरी पंडित 'भाइयों' के घाटी में लौट आने के पक्ष में आवाज बुलंद करने वाले यही अलगाववादी नेता थे। सैयद गिलानी विशेष रूप से ऐसे न्योता भेजने में सबसे आगे रहे थे। और अब जब सरकार इस दिशा में कुछ संजीदा कदम उठा रही है, ये अलगाववादी नेता उलटा राग अलाप कर इस प्रक्रिया में तमाम तरह की रुकावटें खड़ी कर रहे हैं।
वहीं सेवानिवृत्त सैनिकों के लिए सैनिक कॉलोनियां उस सरकारी जमीन पर बन रही हैं जो सरकार ने मुहैया कराई है। यह ऐसी सोसाइटियों के तौर पर हैं जिनमें आवंटित भूमि पर भूखंड काटे गए हैं। ऐसी कॉलोनियां देश के प्रत्येक राज्य व शहर में हैं। कश्मीर से भी भारतीय सेना में कई पदों पर जवान कार्यरत हैं। इन्हीं सैनिकों को प्रस्तावित योजना में भूखंड दिए जाएंगे। आखिर ऐसी योजना से राज्य के लोगों का क्या नुकसान हो सकता है?
इसी तरह नई औद्योगिक नीति के तहत दूसरे राज्यों के लोग कश्मीर में पट्टे पर जमीन लेकर उद्योग शुरू कर सकेंगे। यह शुरुआत राज्य के विशेष दर्जे को ध्यान में रखकर शुरू की गई है। इस निवेश से छह लाख बेरोजगार युवाओं को काम मिल सकेगा। अलगाववादियों को चिंता है कि इससे बाहरी लोग राज्य में आकर बसेंगे और जनसंख्या अनुपात में परिवर्तन आ सकता है।
सवाल यह भी है कि जम्मू-कश्मीर जैसे पिछड़े राज्य और विशेष कर कश्मीर घाटी में कौन बाहरी व्यक्ति आकर रहना चाहेगा? अभी यह भी दावे के साथ नहीं कहा जा सकता कि नई औद्योगिक नीति पर उद्योग जगत की क्या राय रहेगी। लेकिन अलगाववादी सरकार के इन प्रयासों को शुरू करने से पहले ही खत्म कर देना चाहते हैं! कहना न होगा कि अलगाववादियों द्वारा इन मुद्दों पर विरोध के तार पाकिस्तान से जुड़े हुए हैं।
अलगाववादियों की यह एकता सरकार के खिलाफ मौकापरस्त गठजोड़ से ज्यादा और कुछ नहीं। ऐसा पहले भी देखा गया है जब हाशिये पर पड़े ये गुट कुछ समय के लिए एक साथ खड़े दिखे हैं। सैयद गिलानी पहले भी खुद को ऐसे गुटों का सिरमौर घोषित कर चुके हैं जो कुछ ही समय बाद धराशायी हो जाते थे। इस बार अलगाववादियों ने यह चाल जल्दी शुरू होने वाली श्री अमरनाथ यात्रा को देखकर भी चली है। यात्रा 1 जुलाई को शुरू होगी जिसकी तैयारियां हो चुकी हैं। कश्मीर में चल रहे तनाव को देखकर यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ सकती है और सीमापार बैठे अपने आकाओं को खुश करने के लिए अलगाववादी यही चाहते भी हैं।
वैसे भी प्रतिवर्ष यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में कमी आ रही है।  इस वर्ष भी पंजीकरण बेहद धीमा रहा है। अलवावादियों को इस बात की भी परवाह नहीं कि यात्रा के दौरान अधिकांशत: निर्धन मुस्लिम वर्ग ही अपने परिवारों को पालने का इंतजाम कर पाता है। कम यात्रियों के कारण इसी निर्धन वर्ग का सबसे अधिक नुकसान होता है। सच यह है कि नई शुरुआत से यदि कश्मीरी युवा को रोजगार मिलता है तो वह अलगावावादियों से मात्र 500 रुपये लेकर सुरक्षाबलों पर पत्थरबाजी से किनारा कर लेंगे।
दरअसल, कश्मीरी अलगाववादी लोगों को लगातार डरा कर भ्रम की स्थिति में रखने में माहिर हैं। लोगों को ही उनकी इस शैतानी हरकत को समझकर इससे दूर हटना होगा। इसके लिए जरूरी है कि वह सरकार की प्रगतिशील योजनाओं से जुड़ें जो उन्हें सामाजिक समरसता के नए पायदान पर ले जा सकती हैं।

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

मतदाता सूची पुनरीक्षण :  पारदर्शी पहचान का विधान

दिल्ली-एनसीआर में 3.7 तीव्रता का भूकंप, झज्जर था केंद्र

उत्तराखंड : डीजीपी सेठ ने गंगा पूजन कर की निर्विघ्न कांवड़ यात्रा की कामना, ‘ऑपरेशन कालनेमि’ के लिए दिए निर्देश

काशी में सावन माह की भव्य शुरुआत : मंगला आरती के हुए बाबा विश्वनाथ के दर्शन, पुष्प वर्षा से हुआ श्रद्धालुओं का स्वागत

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies