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किसी भी सरकार के स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य अस्वस्थ नागरिकों को उनके रोगों से मुक्ति दिलाना ही नहीं होता। इसके अंतर्गत स्वास्थ्य सेवा का संपूर्ण दायरा आता है। नरेन्द्र मोदी सरकार के दो वर्ष के कार्यकाल में स्वास्थ्य सेवा में सुधार हुआ है। हालांकि भारत में दुनिया की एक-तिहाई ग्रामीण निर्धन आबादी बसती है और यहां की स्वास्थ्य सेवा समस्याएं भी गंभीर हैं। इसलिए पहले लक्ष्य के अनुसार सभी लोगों को उनकी जरूरत के अनुसार प्रभावी सेवाएं उपलब्ध होनी चाहिए और उन पर स्वास्थ्य सेवाओं का भुगतान करने का दबाव नहीं होना चाहिए। कुछ क्षेत्र ऐसे हैं जहां पर सरकार को अत्यधिक ध्यान देने की जरूरत है। जच्चा मृत्युदर एवं अस्वस्थता, नवजात मृत्युदर अस्वस्थता। भारत में प्रत्येक 1 हजार जन्मदर पर 44 की मृत्यु दर बेहद अधिक है। सरकार को जिस ओर अभी ध्यान देना है उनमें निर्धनता, अशिक्षा, सरकारी सुविधाओं के प्रति जागरूकता की कमी और स्वास्थ्य सेवा से जुड़े बड़े मुद्दे शामिल हैं। देश में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में गर्भवती महिलाओं की प्रसव पूर्व पूरी देखभाल न होने के कारण या तो मौत हो जाती है या फिर जच्चा-बच्चा की हालत में गिरावट देखी जाती है। कई सुदूर वनवासी प्रदेशों में अभी भी सरकारी अस्पतालों में प्रसव की उचित व्यवस्था नहीं है। लिंग असमानता भी चिंता का विषय है। 0-6 आयुवर्ग के बच्चों में बालक की बजाए कन्या शिशुओं की दर में तेजी से कमी आ रही है जो सामाजिक तौर पर चिंता का विषय है। एक स्वास्थ्य संबंधी रिपोर्ट की मानें तो पिछले दस वर्ष में देश में सरकारों द्वारा अव्यावहारिक स्वास्थ्य नीतियां बनाई गईं और उनके अमलीकरण में कोताही बरती गई है। अस्पतालों में डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की सख्त जरूरत है। स्वास्थ्य मंत्रालय स्वास्थ्य सेवा सुविधाओं को दुरुस्त करने की दिशा में गहरे प्रयास कर रहा है। केंद्र सरकार ने विभिन्न राज्यों में एम्स (अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान) खोलने का निर्णय लिया है, जो स्वागतयोग्य कदम है। इन संस्थानों के खुलने से उन क्षेत्रों के रोगियों को काफी लाभ होगा। ये संस्थान तीन रूपों में काम करेंगे जिसमें अति-संवेदनशील मामलों के साथ-साथ आमतौर पर सामने आने वाली चुनौतियों से भी निबटा जा सकेगा, साथ ही जरूरतमंद रोगियों के लिए यह बेहद लाभदायक साबित होंगे।
-डॉ. मनु प्रसाद पटेल
(लेखक नेशनल मेडिकोज ऑर्गनाइजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं)
मुख्य बातें
* निम्न आय वर्ग के लिए सरकार ने स्वास्थ्य सुरक्षा योजना लाने का प्रस्ताव रखा। जिसमें प्रति व्यक्ति को एक लाख रुपये तक का स्वास्थ्य बीमा कवर
दिया जाएगा
योजनाएं
* 2016-17 में प्रधानमंत्री जन औषधि योजना के तहत सस्ती दवाई मुहैया कराने के लिए 3 हजार मेडिकल स्टोर खोलने की योजना
* दिल्ली के एम्स की क्षमता दो साल में दोगुनी करने
की योजना
असर
* सरकार की नीति के चलते डायलिसिस उपकरण सस्ते हुए
* 60 साल और उससे अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों के लिए 30 हजार रुपए का अतिरिक्त टॉप अप पैकेज दिया जाएगा
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