वृक्षारोपण से सूखे का मुकाबला
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

वृक्षारोपण से सूखे का मुकाबला

by
May 9, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 09 May 2016 15:32:23

प्रमोद कुमार

ऐसे समय जब देश के कई इलाके भयंकर सूखे की चपेट में हैं, तब कर्नाटक के हासन जिले के अनुगनालू गांव ने जल संकट से निपटने का स्थायी तरीका सुझाया है। यहां के निवासियों ने गांव की बंजर और पथरीली जमीन पर घना जंगल उगाकर दिखा दिया है। इसके बाद इस इलाके में भूजल का स्तर वर्ष 2000 के 100 फीट के मुकाबले अब 6 फीट पर आ गया है।

दरअसल, इस चमत्कार का श्रेय गांव निवासी दो भाइयों, डॉ़ मलाली गौडा और कृष्णामूर्ति को जाता है जिन्होंने प्रकृति के संरक्षण को मुहिम का रूप देने के लिए सभी गांववासियों को एकजुट किया। इस सफलता का नतीजा है कि प्रत्येक नववर्ष के दौरान अब गांव में श्रमदान और पौधारोपण का उत्सव मनाया जाता है। यही कारण है कि गांव के जैवविविधता और शोध पार्क को देखने के लिए विख्यात वनस्पतिशास्त्री और डॉक्टर लगातार आने लगे हैं। इस चमत्कार की नींव 2001 में 26 जनवरी को भुज में आए भूकंप के बाद रखी गई थी। उस आपदा में कई जानें गई थीं। उस दौरान अनुगनालू गांव के युवा मलाली गौडा के बारे में खबर आई थी कि वे भी भूकंप में मारे गए थे। स्नातकोत्तर शिक्षा प्राप्त कर रहे मलाली गौडा अनुगनालु के पहले व्यक्ति थे। खबर से दुखी गांववालों ने गौडा की श्राद्ध क्रिया भी संपन्न कर दी थी, लेकिन कुछ दिनों बाद खबर मिली कि मलाली जिंदा थे। गांव लौटने पर मलाली ने गांववालों से कहा, ''बेशक यह मेरे लिए दूसरा जन्म है। जेनेटिक वैज्ञानिक के नाते मैं जानता हूं कि भूकंप या सूनामी प्रकृति के प्रकोप होते हैं, इसलिए प्रकृति की हर कीमत पर रक्षा की जानी चाहिए।'' गांववालों पर उनकी अपील का असर हुआ और वे उनके शब्दों को साकार करने के लिए आगे आए। परंतु पथरीली जमीन पर पौधे रोपना और उनकी देखभाल का काम कठोर मेहनत मांगता था और वहां आसपास कोई जलस्रोत भी नहीं था। इसके बावजूद, गांववालों ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने प्लॉट के ऊ परी इलाके में वर्षाजल संरक्षण के लिए छोटे टैंक खोदे। यह तरकीब बेहद कारगर रही। नतीजा, आज वहां करीब 700 तरह के विभिन्न पेड़ों वाला घना जंगल है, जिसमें चंदन के पेड़ भी हैं। वहां कई तरह की प्राकृतिक धरोहर भी हैं। कई ऐसी तरह के पक्षी भी वहां दिखते हैं जिन्हें पहले कभी आसपास के गांवों में नहीं देखा गया। इस जंगल की देखभाल अब बायोडाइवर्सिटी रिसर्च एंड कंजर्वेशन ट्रस्ट (बीसीआरटी) के अंतर्गत की जाती है। स्थानीय गांव वाले इस ट्रस्ट के सदस्य हैं। इस ट्रस्ट ने निकटवर्ती गांवों को 80,000 मुफ्त पौधे मुहैया कराने के अलावा 100 स्कूलों में भी पौधारोपण किया है।

गांववालों ने एक मेडिसनल पार्क भी विकसित किया है जहां मंगरबेली, मधुनाशनी, रुद्राक्ष, इंसुलिन आदि जैसे 125 औषधीय गुणों वाले दुर्लभ पौधे लगाए गए हैं। प्रकृति संरक्षण से जुड़ी जागरूकता कुछ इतनी गहराई तक पहुंची है कि अब गांववाले अपने जन्मदिन, विवाह आयोजन और अन्य शुभ अवसरों को गांव में पौधा लगाकर मनाते हैं और उसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी उठाते हैं। अब तक ऐसे 300 पौधे रोपे जा चुके हैं। इस कार्य के प्रति स्नेह के कारण ही वन के चारों ओर सुरक्षा बाड़ भी नहीं लगाई गई है। मवेशियों और अन्य जानवरों से पौधों की देखभाल गांववाले खुद ही करते हैं। इस अनोखी पहल को राज्य और देश के पर्यावरण प्रेमियों की ओर से ही नहीं बल्कि आसपास के गांववालों की ओर से भी सराहा गया है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ़ एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 में बीसीआरटी को कर्नाटक राज्य की ओर से 'डॉ़ एपीजे अब्दुल कलाम परिसर प्रशस्ति' (पर्यावरण पुरस्कार) से भी सम्मानित किया था। भूजल के वर्ष 2000 में 100 फीट से आज 6 फीट तक आने से ही गांववालों ने पौधारोपण की शुरुआत अभियान के तौर पर की थी। यही कारण है कि आज गांव के मुख्यमार्ग से हासन-बेलूर मुख्य मार्ग तक तीन किलोमीटर लंबे क्षेत्र में दोनों ओर पौधे रोपे जा चुके हैं।

एक नजर काम पर

स्थान: हासन शहर से 14 किमी दूर बेलूर मार्ग पर स्थित कर्नाटक के हासन जिले का अनुगनालू गांव

काम: पथरीली बंजर जमीन पर व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण की मदद से भूजल में अभूतपूर्व वृद्घि।

वर्ष 2000 में 100 फीट से अधिक गहराई पर पहुंच गया जल स्तर आज केवल 6 फीट तक रह गया है।

विशेषता: डॉ़ एपीजे अब्दुल कलाम ने 2006 में बेहतरीन पहल के लिए गांववालों को सम्मानित किया था।

 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies