महज दलित नेता नहीं थे आंबेडकर
July 14, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

महज दलित नेता नहीं थे आंबेडकर

by
Apr 18, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 18 Apr 2016 12:37:22

वे भारत के समग्र उत्थान को कभी नहीं भूले, विदेशी विचारों, संगठनों और प्रेरणाओं से उन्होंने सदैव दूरी बनाए रखी
शंकर शरण
यहां कुछ अरसे से डॉ़ भीमराव आंबेडकर को दिनोंदिन छोटा बनाने की साजिश चल रही है। जितनी संख्या में उनकी प्रतिमाएं लगाई जा रही हैं, उतन ही उनके विचारों, संदेशों का मर्म भुलाने का चलन भी बढ़ रहा है। यही नहीं, चर्च-पोषित और दूसरे संदिग्ध किस्म के कुछ लोग डॉ. आंबेडकर के नाम का दुरुपयोग मनगढ़ंत बातें फैलाने में करते रहे हैं। इस गंभीर प्रवृत्ति के प्रति दलितों और गैर-दलितों, दोनों को सचेत होना चाहिए अन्यथा पूरे देश की हानि हो रही है। हैदराबाद के प्रसंग ने इसे बड़े तीखेपन से प्रदर्शित किया है।
सब से पहली बात, डॉ़ आंबेडकर केवल दलित नेता नहीं थे। यह ठीक है कि उनके जीवन की प्रमुख चिन्ता और संघर्ष अछूत कहे जाने वाले लोगों को मान-सम्मान दिलाना रहा था। मगर उनके कार्य इसी तक सीमित नहीं थे। उनके विचार-फलक में केवल अछूतों की अवस्था और उनके लिए उपाय मात्र नहीं थे। वे स्वतंत्र भारत के संविधान निर्माताओं में भी सर्वप्रमुख थे। सबसे बढ़कर डॉ. आंबेडकर एक गंभीर राजनीतिक चिंतक भी थे। उन्होंने पूरे विश्व की राजनीतिक, ऐतिहासिक गति पर भी निरंतर ध्यान रखा था और उससे न केवल अनुसूचित जातियों, बल्कि संपूर्ण भारत के लिए सबक निकाले थे। कम्युनिज्म, इस्लाम एवं ईसाइयत पर डॉ़ आंबेडकर के मूल्यांकन आज भी खरे हैं। ध्यान दें, ये तीनों मतवाद तब हिन्दू-धर्म-संस्कृति-समाज के सबसे प्रबल विरोधी थे! इसके बावजूद, इन गंभीर सभ्यतागत चुनौतियों पर तब सबसे बड़े भारतीय नेताओं ने भी न के बराबर ध्यान दिया था। केवल इसी एक तथ्य से समझा जा सकता है कि डॉ़ आंबेडकर कितने गंभीर राजनीतिक चिंतक थे। मानव इतिहास में महापुरूषों की भूमिका की जैसी सारगर्भित प्रस्तुति डॉ. आंबेडकर ने की है, वह अत्यंत मूल्यवान है। इसी प्रकार लोकतांत्रिक राजनीति में नागरिक स्वतंत्रता और समानता की अवधारणा, उसे व्यवहारत: कायम करने तथा देश व राज्य की रक्षा के लिए उनकी सीमाएं निर्धारित करने संबंधी आंबेडकर के विचार स्थायी महत्व के हैं। एक महत्वपूर्ण व्याख्यान में जस्टिस रानाडे के महान योगदान पर विचार करते हुए डॉ़ अंाबेडकर ने राजनीतिक क्रियाकलाप के लिए दो  शिक्षाओं को रेखांकित किया था: (1) किन्हीं काल्पनिक विचारों को अपना आदर्श नहीं बनाना चाहिए। आदर्श ऐसे होने चाहिएं जिन्हें व्यवहार में प्राप्त करना विश्वसनीय जान पड़े। (2) राजनीति में बौद्धिकता और कोरे सिद्धांत की तुलना में लोगों की भावना और उनके विशिष्ट स्वभाव का अधिक महत्व होता है।
डॉ़ आंबेडकर के अनुसार लोकतांत्रिक राजनीति मूलत: लोकतांत्रिक समाज पर निर्भर है। देश की शक्ति और प्रगति उसके सामाजिक जीवन, उच्च स्तरीय नैतिकता, ईमानदार आर्थिक क्रियाकलाप, जन मनोबल, साहस और दैनंदिन आदतों पर आधारित होती है। इसीलिए वे राजनीतिक सुधारों से अधिक सामाजिक सुधार और सामाजिक पुनर्निर्माण पर बल देते थे। इसीलिए उन्होंने भारत में सबसे निचले पायदान के लोगों को सामाजिक, शैक्षिक, आर्थिक और राजनीतिक रूप से सशक्त करने पर अपना ध्यान केंद्रित किया था।  ऐसा करते हुए वे न कभी दिखावे की कार्रवाइयों में पड़े, न मनमानी मांगें और घोषणाएं करने में। किंतु डॉ़ आंबेडकर ने संपूर्ण भारत के हित, विश्व में उसके उत्थान को कभी नहीं छोड़ा। विदेशी विचारों, संगठनों और विभाजनकारी प्रेरणाओं से सदा दूरी रखी। उन्होंने कहा भी कि ''मैं भारत से प्रेम करता हूं (इसीलिए झूठे नेताओं से घृणा करता हूं)।'' देश-विदेश में ऐसी शक्तियां थीं जो डॉ़ आंबेडकर को फूट-परस्ती की ओर बढ़ाना चाहती थीं। किंतु हिन्दू समाज की कुरीतियों, उसके प्रति कटुता के बावजूद डॉ़ आंबेडकर वैश्विक संदर्भ में संपूर्ण भारत की अस्मिता, एकता के प्रति निष्ठावान बने रहे। विदेशियों द्वारा भारतीय समाज की धूर्ततापूर्ण, स्वार्थपरक आलोचना करने पर डॉ़ आंबेडकर इसका बचाव करते थे। जब कैथरीन मेयो ने अपनी पुस्तक में कहा कि हिन्दू धर्म में सामाजिक विषमता है, जब कि इस्लाम में भाईचारा है, आंबेडकर ने इसका खंडन करते हुए कहा कि इस्लाम गुलामी और जातिवाद से मुक्त नहीं है। भारत के मुसलमानों का सामाजिक विश्लेषण करते हुए उन्होंने यह सविस्तार प्रमाणित किया। उनकी प्रसिद्ध पुस्तक 'भारत विभाजन या पाकिस्तान'(1940) का दसवां अध्याय इसी पर केंद्रित है। उसमें तथ्यों और आंकड़ों के साथ हिन्दू और मुस्लिम स्त्रियों की स्थिति का विशद, प्रामाणिक विश्लषण है। डॉ़ आंबेडकर ने स्पष्ट कहा, ''हिन्दुओं में सामाजिक बुराइयां हैं। किंतु एक अच्छी बात है कि उनमें उसे समझने वाले और उसे दूर करने में सक्रिय लोग भी हैं जबकि मुस्लिम यह मानते ही नहीं कि उनमें बुराइयां हैं और इसलिए उसे दूर करने के उपाय भी नहीं करते।'' वस्तुत: कई विषयों में डॉ़ आंबेडकर की मीमांसा गांधी से अच्छी है। मात्र उक्त पुस्तक के अध्ययन से ही यह बात पुष्ट हो जाएगी, जिसे उसके तथ्यों और निष्पक्ष, बेबाक विश्लेषण के लिए अपने समय में बहुत ख्याति मिली थी।  

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नूंह में शोभायात्रा पर किया गया था पथराव (फाइल फोटो)

नूंह: ब्रज मंडल यात्रा से पहले इंटरनेट और एसएमएस सेवाएं बंद, 24 घंटे के लिए लगी पाबंदी

गजवा-ए-हिंद की सोच भर है ‘छांगुर’! : जलालुद्दीन से अनवर तक भरे पड़े हैं कन्वर्जन एजेंट

18 खातों में 68 करोड़ : छांगुर के खातों में भर-भर कर पैसा, ED को मिले बाहरी फंडिंग के सुराग

बालासोर कॉलेज की छात्रा ने यौन उत्पीड़न से तंग आकर खुद को लगाई आग: राष्ट्रीय महिला आयोग ने लिया संज्ञान

इंटरनेट के बिना PF बैलेंस कैसे देखें

EPF नियमों में बड़ा बदलाव: घर खरीदना, इलाज या शादी अब PF से पैसा निकालना हुआ आसान

Indian army drone strike in myanmar

म्यांमार में ULFA-I और NSCN-K के ठिकानों पर भारतीय सेना का बड़ा ड्रोन ऑपरेशन

PM Kisan Yojana

PM Kisan Yojana: इस दिन आपके खाते में आएगी 20वीं किस्त

FBI Anti Khalistan operation

कैलिफोर्निया में खालिस्तानी नेटवर्क पर FBI की कार्रवाई, NIA का वांछित आतंकी पकड़ा गया

Bihar Voter Verification EC Voter list

Bihar Voter Verification: EC का खुलासा, वोटर लिस्ट में बांग्लादेश, म्यांमार और नेपाल के घुसपैठिए

प्रसार भारती और HAI के बीच समझौता, अब DD Sports और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर दिखेगा हैंडबॉल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies