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डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर के सम्मान में भारत और लंदन स्थित पांच स्थानों को 'पंचतीर्थ' के रूप में विकसित किया जा रहा है। इन स्थानों में सम्मिलित हैं महू स्थित उनका जन्मस्थल, लंदन का वह घर, जहां वे अध्ययन के दौरान ठहरे थे, नागपुर में दीक्षा भूमि, जहां उन्होंने बौद्ध मत ग्रहण किया, दिल्ली का 26 अलीपुर रोड, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली और मंुबई के दादर-चौपाटी स्थित चैत्य भूमि, जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया। 14 अप्रैल को आंबेडकर जयंती के अवसर पर प्रस्तुत है 'पंचतीर्थ' का संक्षिप्त परिचय
महू स्थित जन्मस्थल : मध्य प्रदेश के इंदौर जिले में महू वह स्थान है, जहां भारतीय संविधान के जनक डॉ. आंबेडकर का 1891 में जन्म हुआ। वर्ष 2003 में मध्य प्रदेश सरकार ने इस शहर का नाम बदलकर डॉ. आंबेडकर नगर रख दिया।
दीक्षा भूमि : नागपुर स्थित दीक्षा भूमि वह स्थान है, जहां 14 अक्तूबर, 1956 को डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर ने बौद्ध पंथ ग्रहण किया। हाल ही में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने घोषणा की है कि इस ऐतिहासिक स्थल को विश्व स्तरीय स्मारक बनाया जाएगा। यहां 120 फुट लंबा एक बौद्ध स्तूप है। हर वर्ष करीब 11 लाख राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय पर्यटक यहां पहंुचते हैं।
इंदू मिल स्मारक : यह वही स्थान है जहां डॉ. आंबेडकर का अंतिम संस्कार हुआ था। प्रभादेवी (मुम्बई) में इंदू मिल की भूम पर यह स्मारक बनाया जाएगा। यह जमीन कपड़ा मंत्रालय के अधीन थी जिसे प्रधानमंत्री मोदी द्वारा स्मारक बनाने हेतु महाराष्ट्र सरकार को सौंपा गया ।
लंदन स्थित निवास: लंदन के 10 किंग हेनरी रोड स्थित आवास में डॉ. आंबेडकर ने वर्ष1921-22 में लंदन स्कूल ऑफ इकोनोमिक्स में अध्ययन के दौरान निवास किया। इस आवास को महाराष्ट्र की फडणवीस सरकार ने 31 करोड़ रुपये में खरीदा है। पिछले वर्ष प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिटेन यात्रा के दौरान यहां बन रहे स्मारक का उद्घाटन किया था।
डॉ. आंबेडकर महापरिनिर्वाण स्थल: 26 अलीपुर रोड, दिल्ली स्थित इस स्थान पर डॉ. आंबेडकर ने अंतिम सांस ली। 21 मार्च, 2016 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने डॉ. आंबेडकर राष्ट्रीय स्मारक के निर्माण संबंधी कार्य का शिलान्यास किया। 14 अप्रैल, 2018 को प्रधानमंत्री इस स्मारक का उद्घाटन करेंगे, जो दिल्ली के महत्वपूर्ण भवनों में से एक होगा। मार्च, 2018 तक इसका निर्माण कार्य पूरा होने का लक्ष्य रखा गया है।
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