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तमिलनाडु में 13 मार्च को पांच अज्ञात व्यक्तियों ने एक 22 वर्षीय दलित युवक और उच्च जाति से संबंधित उसकी पत्नी पर दिनदहाड़े कुल्हाड़ी और दरांतियों से हमला कर लोगों के देखते-देखते उस युवक को मार डाला। दरअसल, तमिलनाडु में दलितों और उच्च जातियों के बीच हिंसक संघर्ष होते रहे हैं। राज्य के दक्षिणी हिस्सों में दलितों के लिए आज भी चाय या कॉफी के बर्तन अलग रखने का चलन है। यह हालात उस राज्य के हैं जहां स्वतंत्रता प्राप्ति से पूर्व वैद्यनाथ अय्यर जैसे दिग्गज समाजसेवियों ने मंदिरों में हरिजनों के प्रवेश के लिए आंदोलन चलाया था। यह घटना उस राज्य की है जहां समाज सुधारक ईवीआर, जिन्हें आमतौर पर तंंती पेरियार के नाम से जाना जाता है, ने जीवनभर संघर्ष किया था।
ताजा हमले का शिकार यह प्रेमी युगल कुछ ही समय पहले विवाह के बंधन में बंधा था। तिरुपुर जिलेे के उदुमलपेट क्षेत्र में अचानक आए कुछ अज्ञात हमलावरों ने तेजी से इस युगल पर हमला कर युवक को मार डाला, उसकी पत्नी इस हमले में घायल हो गई। हमला तब हुआ जब ये दंपती एक दुकान से खरीदारी कर बाहर आए ही थे। इससे पहले कि वे कुछ समझ पाते, हमलावर टूट पड़े। युवक ने हमलावरों से बचकर भागने का प्रयास किया, लेकिन सफल नहीं हो सका। पति को बचाने के प्रयास में उसकी पत्नी को भी सिर पर गंभीर चोटें आईं। इस जानलेवा हमले के बाद सभी हमलावर मोटरसाइकिल पर बैठकर भाग निकलेे।
हमला बस स्टैंड के पास हुआ जहां मौजूद लोगों में से किसी ने भी घटना को रोकने की हिम्मत नहीं दिखाई। घायल युवक और उसकी पत्नी को लोग अस्पताल ले गए, लेकिन युवक ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया। उसकी पत्नी को कोयंबतूर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के सघन चिकित्सा यूनिट में भर्ती किया गया। पुलिस सूत्रों के अनुसार अब उसकी हालत स्थिर है।
हमले का शिकार 21 वर्षीय वी़ शंकर कुमारलिंगम गांव का निवासी था और उसकी पत्नी 19 वर्षीया कौशल्या डिंडिगुल जिले के पलानी की हैं। इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ते हुए दोनों प्रेम में पड़ गए और आठ महीने पहले कौशल्या के माता-पिता के कड़े विरोध के बाद भी दोनों ने विवाह कर लिया। इस विवाह से कौशल्या के परिजन नाखुश थे। हालांकि, शंकर के परिवार ने इस विवाह का समर्थन किया था और नवदंपती कुमारलिंगम गांव में ही रह रहे थे। विवाह के बाद कौशल्या ने कॉलेेज छोड़ दिया था, जबकि शंकर ने पढ़ाई जारी रखी थी।
पुलिस परिवार के सम्मान की खातिर हत्या (ऑनर-किलिंग) की संभावना से इनकार नहीं कर रही है क्योंकि शंकर अनुसूचित जाति से था तो कौशल्या थेवर जाति से जिसका क्षेत्र में काफी दबदबा है। शंकर के खेतिहर मजदूर पिता वेलुस्वामी कहते हैं, ''शादी के बाद से ही कौशल्या के परिवार से युगल को जान से मारने की धमकी मिल रही थी।''
इस घटना के बाद से तिरुपुर जिले में तनाव है। इसमें कई दुकानों को भी नुकसान पहुंचा है। शंकर के परिवार ने दोषियों को फौरन गिरफ्तार करने की मांग की है। कुमारलिंगम गांव में शंकर के परिजनों ने चार घंटे तक मार्ग रोके रखा और 10 लाख रु. मुआवजे के साथ कौशल्या के लिए सरकारी नौकरी की मांग की। प्रदर्शन कर रहे लोगों ने अजा-जजा के लोगों के खिलाफ हो रहे हिंसक मामलों को तुरंत रोकने की मांग की है। यही नहीं, शंकर के परिजनों ने उसका शव लेने से भी इनकार कर दिया। उनके विरोध प्रदर्शनों के बाद मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू हुई। सीसीटीवी के आधार पर घटना की जांच के बाद दोषियों को पकड़ने के लिए चार विशेष दल तैयार किए गए। हालांकि 14 मार्च को शंकर के ससुर ने खुद को पुलिस के हवाले कर दिया, जिसके बाद उन्हें डिंडिगुल जिले के नीलकोट्टई की स्थानीय अदालत में पेश किया गया। राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग के हत्या का संज्ञान लेने के बाद तमिलनाडु सरकार को घटना से जुड़ी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। उधर एमडीएमके प्रमुख वाइको ने ऑनर किलिंग के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। प्रभावी वन्नियार समुदाय के कल्याण के लिए काम करने वाली पीएमसी के संस्थापक अंबुमणि रामदास ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। रामदास ने 2012 में मंझली जातियों का एक फेडरेशन बनाया था जो खासतौर पर अजा-जजा में अंतरजातीय विवाह का खुलेआम विरोध करता है। ल्लटी.एस. वेंकटेशन
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