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कुरुक्षेत्र। 4 मार्च को करीब 100 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले गीता ज्ञान संस्थान का शिलान्यास मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत ने किया। उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए डॉ मोहनराव भागवत ने कहा कि भारत को फिर से विश्व गुरु बनाने के लिए प्रत्येक नागरिक को स्वयं में परिवर्तन लाना होगा और इसके लिए पवित्र गं्रथ गीता के उपदेशों का चिंतन, मनन कर इसे अपने आचरण में जीवंत करना होगा। भारत ही नहीं विदेशों में भी गीता के कर्मयोग, सांख्ययोग सहित सभी संदेश मार्गदर्शन कर रहे हैं। मनीषियों ने जिस योग साधना का ज्ञान प्रवाह भारत को दिया। पूरा विश्व उसी योग का अनुकरण कर अनुशासित और संस्कारित हो रहा है। गीता ज्ञान से लोगों में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होगा और भौतिकवाद की ओर बढ़ रहा विश्व विज्ञान की आधुनिक तकनीक और ऋषिमुनियों के ज्ञान का अनुसरण कर नए आयाम प्राप्त करेगा। श्री मोहनराव भागवत ने कहा कि गीता ज्ञान संस्थान सभी गीता प्रेमियों, साधकों, शोधकर्ताओं के लिए प्रेरणा स्थली बनेगा। कार्यक्रम में गीता ज्ञान संस्थान के अध्यक्ष गीता मनीषी स्वामी ज्ञानानंद, हरियाणा व पंजाब के राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी, हिमाचल के राज्यपाल आचार्य देवव्रत, मुख्यमंत्री मनोहर लाल, विश्व हिन्दू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष डा़ प्रवीण भाई तोगडि़या, रा.स्व.संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार, योगगुरु बाबा रामदेव, स्वामी गुरु शरणानंद, स्वामी अवधेशानंद गिरि, दीदी मां साध्वी ऋतंभरा, रमेश भाई ओझा, स्वामी वेदांतानंद, बाबा भूपेंद्र सिंह, प्रदेश सरकार के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज, शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा सहित अनेक मंत्री, विधायक, प्रशासनिक अधिकारी एवं गणमान्य व्यक्तियों सहित हजारों लोग उपस्थित रहे। संस्थान की स्थापना श्रीकृष्ण सेवा समिति और जियो गीता मिलकर कर रहे हैं। कुरुक्षेत्र विकास बोर्ड ने इसके निर्माण स्थल की 6 एकड़ भूमि 5 लाख रुपए प्रति एकड़ की दर से लीज पर दी है। स्वामी रामदेव ने कहा कि यहां धर्मयुद्घ हुआ था, लेकिन कभी जातीय युद्घ नहीं हुआ, आंदोलन हुए, मांगें उठी। आरक्षण को लेकर भी वाद-विवाद होते रहे परंतु वे कभी भी भाईचारा खंडित नहीं कर सके। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आपसी मतभेद भुलकर 36 बिरादरी को एकजुट रहना होगा, तभी हम प्रदेश को विकास की राह पर ले
जा सकेंगे।
उल्लेखनीय है कि गीता ज्ञान संस्थान में अंतर्राष्ट्रीय स्तर का संग्रहालय बनेगा। इसके भावों को प्रदर्शित करते शोध, चित्र, काव्य प्रेरणाएं शामिल होंगी। इसके निर्माण पर 100 करोड़ रुपए की लागत आएगी और यह तीन साल में बनकर पूरा होगा। स्वामी ज्ञानानंद ने बताया कि संस्थान मंे गीता के 18 अध्यायों के आधार पर प्रकल्प शुरू होंगे।
शिलान्यास कार्यक्रम में हिंदू हेल्पलाईन व इंडिया हेल्पलाईन के सौजन्य से चिकित्सा जांच शिविर और मुफ्त कानूनी सलाह शिविर का आयोजन किया गया। अनेक समाजसेवी संस्थाओं ने भी इस कार्यक्रम में अपना सहयोग दिया। इस अवसर पर कार्यक्रम के संयोजक मदनमोहन छाबडा, गौरव कुमार पिपली, राजकुमार बाबैन, दीपक, जांगडा, सहित अनेक कार्यकर्ता उपस्थित रहे। ल्ल डा. गणेश दत्त वत्स
'भारत-नेपाल के संबंध सांस्कृतिक – सामाजिक हैं'
मेरठ। ''भारत और नेपाल के संबंध केवल राजनीतिक और कूटनीतिक ही नहीं वरन चिरकालीन सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक भी हैं।'' यह विचार अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद के तत्वावधान में आयोजित विचार गोष्ठी में हिन्दू स्वयंसेवक संघ, नेपाल के राष्ट्रीय सह-प्रचारक रेवित कुमार ने मुख्य वक्ता के रूप में कहे। नोएडा के सेक्टर 125 स्थित, एमिटी विवि के सभागार में ''भारत-नेपाल संबंध वर्तमान परिदृश्य और भविष्य'' विषय पर आयोजित विचार गोष्ठी में वक्ताओं ने कहा कि पिछले 4 महीनों में कुछ कारणों से दोनों देशों के मध्य थोडी सी खटास थी, लेकिन नेपाल के प्रधानमंत्री श्री के.पी. शर्मा ओली की भारत यात्रा और भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की प्रस्तावित नेपाल यात्रा से स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं कि दोनों के नेताओं ने भारत-नेपाल के संबंधों को और मजबूत बना दिया है। मुख्य अतिथि नेपाल के राजदूत श्री दीपक कुमार ने भी दोनों देशों के बीच मधुर संबंधों की उम्मीद जताई। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व विदेश सचिव शशांक ने की। श्री नारायण कुमार ने अन्तर्राष्ट्रीय सहयोग परिषद की भूमिका और कार्य पर प्रकाश डाला। कार्यक्रम का संचालन डा. सुरेन्द्रनाथ गुुप्ता ने किया। एमिटी विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डा. अशोक कुमार चौहान ने सबका आभार व्यक्त किया। ल्ल विसंके, मेरठ
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