बहुआयामी उपायों से बदल रही परिस्थति
July 13, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बहुआयामी उपायों से बदल रही परिस्थति

by
Jan 25, 2016, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 25 Jan 2016 14:20:27

 

छत्तीसगढ़ सरकार ने माओवाद प्रभावित जिलों में सुरक्षातंत्र को चाक-चौबंद बनाने के
साथ ही विकास कार्य शुरू किए, जनभागीदारी बढ़ाई और माओवादियों को समर्पण के लिए प्रेरित किया जिसके नतीजे अच्छे
पवन देव
वामपंथी अतिवादी और उनके समर्थक हमेशा दलील देते हैं कि विकास की कमी से स्थानीय स्तर पर उन्हें मदद  मिलती है। लेकिन इसके साथ ही वे राज्य सरकार की विकास की प्रक्रिया में लगातार बाधा डालते रहते हैं। वनवासियों में उनका खौफ एक और कारक है जिससे विकास के कामों में अड़चन आती है। माओवादियों ने सन 2000 में पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी बनाने का फैसला किया और अपनी रणनीति पूरी तरह बदल दी। बस्तर क्षेत्र में माओवादियों की गतिविधियां 1980 के दशक में शुरू हुईं। आज बस्तर और उससे सटे सात जिले माओवादियों से प्रभावित हैं। बस्तर में बारूदी सुरंगों के सबसे ज्यादा- 60 प्रतिशत बिस्फोट होते हैं। वे अब मोबाईल फोन, इन्टरनेट और  रॉकेट लांचरों का भी इस्तेमाल करते हैं। सामान्य वनवासी से लेकर राजनीतिक नेता भी हर कोई उनके निशाने पर है। व्यापारी अतिवादियों की उगाही की मांगों से परेशान हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने इस पृष्ठभूमि में समस्या से निबटने के लिए बहुआयामी नीति अपनाई है। एक तरफ तो पुलिस मशीनरी के जरिए गांव वालों से संपर्क बढ़ाया गया है दूसरी तरफ पुलिस बल की ताकत भी 23,000 जवानों से बढ़ाकर 70,000 जवानों पर पहुंचाई गई है। माओवादियों से लड़ने के लिए एक प्रशिक्षण अकादमी भी कार्यरत है। विभिन्न मुठभेड़ों में 537 अतिवादी पकड़े गए हैं जबकि 40 को मार गिराया गया है। माओवादियों को समर्पण के लिए प्रेरित किया जा रहा है और उनके पुनर्वास की योजना भी कार्यान्वित की जा रही है। पुलिस थानों के तंत्र को मजबूत बनाने की योजना के तहत छत्तीसगढ़ में केन्द्र सरकार की मदद से 775 थानों के भवन तैयार किए जा रहे हैं। 40 पुलिस थाने बन गए हैं जबकि 25 का निर्माण कार्य चल रहा है। योजना के तहत अतिवादी प्रभावित क्षेत्र में 50 और पुलिस थाने बनाने का प्रस्ताव किया गया है।
सात जिला मुख्यालयों और बस्तर रेंज के सात अंदरुनी कैंपों में हेलिकॉप्टरों के रात में उतरने की सुविधा मुहैया कर दी गई है ताकि किसी आपात स्थिति से निबटा जा सके। छोटेबेतिया और बीजापुर हेलीपैड पर रात में लैंडिंग की सुविधा का परीक्षण सफलतापूर्वक किया जा चुका है। राज्य में भारतीय वायु सेना के चार एमआई-17 और बीएसएफ के तीन ध्रुव हेलिकॉप्टर नक्सल विरोधी अभियान में मदद देने के लिए उपलब्ध हैं। इनके जरिए अभियानरत सुरक्षा बलों को रणनीतिक सहायता बलों की तैनाती या निकासी और आपात स्थिति में उनको निकालने का काम संभव हो सका है।
स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) का मुख्यालय दुर्ग जिले के बघेरा में तैयार हो रहा है। इसके अतिरिक्त सुकमा, जगदलपुर, कांकेर और बीजापुर में एसटीएफ के चार ऑपरेशनल हब बनाये जा रहे हैं। किसी भी अभियान के लिए प्रशिक्षण महत्वपूर्ण है। इसलिए चंदखुरी, बिलासपुर, राजनांदगांव और जगदलपुर में केन्द्र सरकार से सहायता प्राप्त आतंकवाद विरोधी स्कूल (सीआईएटी) चल रहे हैं जिनमें राज्य पुलिस को बगावत विरोधी तत्वों से निबटने का प्रशिक्षण दिया जाता है। कांकेर में सुरक्षा बलों को प्रशिक्षित करने के लिए काउंटर टेररिज्म और जंगल वारफेयर कॉलेज चल रहा है। बमों को निष्क्रिय करने का प्रशिक्षण देने के लिए रायपुर में आईईडी स्कूल चल रहा है। नक्सल प्रभावित 10 जिलों के लिए जिलास्तरीय प्रशिक्षण केन्द्र स्वीकृत किए गए हैं।
सुरक्षा उपायों के साथ ही विकास की पहल भी हुई है ताकि सुशासन का फल जनता तक पहुंच सके। केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने प्रभावित जिलों में 146 मोबाईल टावरों को स्वीकृति दी है जिन्हें लगाने के लिए राज्य सरकार ने बीएसएनएल को मुफ्त में जमीन मुहैया कराई है। अतिवाद प्रभावित क्षेत्र में 22 चुनिंदा सड़कों पर चौबीसों घंटे सुरक्षा के लिए 12 अतिरिक्त चौकियां बनाई गई हैं। बस्तर के अतिवाद प्रभावित क्षेत्र के अंदरुनी गांवों का मुख्य राजमार्गों से संपर्क कायम करने के लिए  प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत सड़कों के निर्माण को मंजूरी दी गई है। इसी तरह दल्लीराजहरा- रावघाट के बीच 95 कि.मी. लंबे रेलमार्ग पर काम चल रहा है जिसकी सुरक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र बल की चार बटालियनें तैनात की गई हैं।
आतंकमुक्त समाज के लिए पुलिस-जनता के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध जरूरी है और इसके लिए पुलिस को जनता से संवाद बढ़ाकर उनकी शिकायतों का तेजी से निबटारा करना चाहिए। इसके अंतर्गत प्रभावित गांवों में पुलिस की ओर से घरेलू सामान खेल-कूद की वस्तुएं वितरित की जाती हैं और चिकित्सा शिविर नियमित तौर पर लगाए जाते हैं। अंदरुनी इलाके में सुरक्षा बलों के शिविरों के पास राशन दुकान खोलने की योजना सरकार ने बनाई है। दंतेवाड़ा जिले में शुरू किए गए लाइवलीहुड कॉलेज की तर्ज पर सरकार ने सभी जिलों में स्किल डेवलेपमेंट खोलने का निर्णय लिया है। इनमें युवाओं को किसी भी उद्यम में अपनी दक्षता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जाएगा। यह तीन से छह महीने का कोर्स होगा।
जवांगा में एक शिक्षा संकुल बनाया जा रहा है जिसका उद्देश्य व्यक्ति को शिक्षा देने के साथ गहराई से सोचने-विचारने को प्रेरित करना है। बुद्धिमत्ता और चरित्र को शिक्षा का मूल बताने का काम इस प्रकल्प में किया जाएगा। इससे पिछड़े जिले के छात्रों को विभिन्न प्रतियोगी और प्रवेश परीक्षाओं के लिए तैयार होने में मदद मिलेगी।
इसके अतिरिक्त इस योजना में सौर ऊर्जा संयंत्र लगाना और अतिवाद प्रभावित क्षेत्र में काम कर रहे पुलिस जवानों को वित्तीय लाभ प्रदान करने के उपाय भी शामिल हैं।
(लेखक छत्तीसगढ़ पुलिस में आईजी हैं)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

fenugreek water benefits

सुबह खाली पेट मेथी का पानी पीने से दूर रहती हैं ये बीमारियां

Pakistan UNSC Open debate

पाकिस्तान की UNSC में खुली बहस: कश्मीर से दूरी, भारत की कूटनीतिक जीत

Karnataka Sanatan Dharma Russian women

सनातन धर्म की खोज: रूसी महिला की कर्नाटक की गुफा में भगवान रूद्र के साथ जिंदगी

Iran Issues image of nuclear attack on Israel

इजरायल पर परमाणु हमला! ईरानी सलाहकार ने शेयर की तस्वीर, मच गया हड़कंप

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies