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भारतीय संस्कृति कलाओं और लोककलाओं के रूप में व्यक्त होती है आज हमारी कलाओं पर पाश्चात्य अपसंस्कृति का आक्रमण हो रहा है इससे होने वाले आक्रमण से हमें अपनी संस्कृति को केवल इसलिए नहीं बचाना कि वह हमारी संस्कृति है बल्कि इसलिए भी कि हमारी संस्कृति में संसार को भोगने की भावना न होकर उसमें ईश्वर स्वरूप सत्ता से योग की भावना है। इसी प्रयास में तत्पर कला और साहित्य की अखिल भारतीय संस्था संस्कार भारती की फरीदाबाद इकाई द्वारा भव्य समारोह का आयोजन किया गया।
द्विदिवसीय प्रांतीय कला साधक संगम में सर्वप्रथम संस्कार भारती के राष्ट्रीय संरक्षक बाबा योगेन्द्र, राष्ट्रीय स्वयंसेवक के प्रान्त कार्यवाह मेजर (से.नि.) करतार सिंह, ए.के़ सक्सेना, कैप्टन एम़ एल़ सचदेवा और क्षेत्र प्रमुख सतीश पालीवाल द्वारा दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम शुरू किया गया। प्रथम सत्र का सफल संचालन प्रांतीय महामंत्री श्री अजय सिंहल ने किया जिसके बाद चित्रकला, प्राचीनकला, लोककला छायांकन प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया गया। उसके उपरान्त संस्कार भारती के पूरे हरियाणा से आये कला साधकों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम- नृत्य और संगीत के कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए जिसमें स्वर साधना की संस्थापिका एवं संस्कार भारती की संगीत विधा प्रमुख श्रीमती अंजू मुंजाल के शिष्यों द्वारा अद्भुत कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए। संस्था द्वारा आयोजित किये गए 'मटका सजाओ' प्रतियोगिता के विजेताओं को भी इस अवसर पर पुरस्कृत किया गया। सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सफल संचालन प्रांतीय मातृशक्ति संयोजिका श्रीमती ऋचा गुप्ता द्वारा किया गया। फरीदाबाद इकाई के अध्यक्ष श्री समोद सिंह चरौरा द्वारा 1965 के युद्घ में शामिल सैनिकों का सम्मान में किया गया। इसके साथ ही डा. सुरेश अवस्थी के संयोजन में नाटकों की प्रस्तुति की गयी। अंत में वन्देमातरम् के साथ कला साधक संगम समाप्त हुआ। – प्रतिनिधि
अधिवक्ता परिषद द्वारा गोष्ठी का आयोजन
मेरठ। 'समाज में सभी को न्याय मिले, यही मानव धर्म है। इसीलिए अधिवक्ता परिषद का ध्येय मंत्र 'न्याय मम धर्म:' है। ये विचार जिला जज आर.के. गौतम ने अधिवक्ता परिषद द्वारा आयोजित एक गोष्ठी में रखे। मेरठ के साकेत स्थित शिव मंदिर सभागार में संविधान दिवस एवं अधिवक्ता दिवस के उपलक्ष्य में 'मूल कर्त्तव्यों का अनुपालन और अधिवक्ता की भूमिका 'विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद के प्रदेश अध्यक्ष शशि प्रकाश सिंह ने परिषद के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अधिवक्ता परिषद राष्ट्र का अधिवक्ता है।
गोष्ठी के मुख्य वक्ता इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ के न्यायाधीश श्री नारायण शुक्ल ने कहा कि संविधान और मूलभूत कर्त्तव्यों का समाज में निर्वहन अधिवक्ता द्वारा ही संभव है। अधिवक्ता ही ऐसी कड़ी है जो समाज और उसके अधिकारों को संविधान से जोड़ता है।
इस अवसर पर अधिवक्ता परिषद के क्षेत्रीय संगठन मं़त्री कृष्ण पहल, इकाई अध्यक्ष नरोत्तम गर्ग और महामंत्री विजय त्यागी ने भी विचार रखे। कार्यक्रम में तीन वरिष्ठ अधिवक्ताओं को विदुर सम्मान से सम्मानित किया गया। ल्ल प्रतिनिधि
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