फर्जी की न चले मर्जी, हुनर का हो सम्मान
July 15, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

फर्जी की न चले मर्जी, हुनर का हो सम्मान

by
Oct 26, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 26 Oct 2015 14:08:10

बगलूरु के एक उद्यमी ने बताया कि उनके यहां अक्षम (अकुशल) आवेदकों की भरमार है। इनके पास आईटीआई अथवा पॉलीटेक्निक के प्रमाण पत्र तो हैंं, लेकिन काम एक धेले का नहीं आता है। मसलन कम्प्यूटर विभाग के आवेदक को ‘वर्ड’ की ‘फाइल’ खोल कर ‘प्रिंट’ लेना भी नहीं आता है। देश के तमाम युवकों की पहली पसंद सरकारी नौकरी है। इसे हासिल करने के लिये ‘पहुंच’ और प्रमाण पत्र की जरूरत होती है कौशल की नहीं। ये युवक शुल्क देकर प्रमाण पत्र लेते हैंं। सरकारी नौकरी न मिलने पर बेरोजगार भटकते रहते हैंं। ये अपनी कम्प्यूटर अथवा बिजली मरम्मत की दुकान तक नहीं खोल पाते हैं क्योंकि इन्हें इन कामों की व्यावहारिक जानकारी ही नहीं होती। देश में ऐसे कर्मियों की कमी है जो वास्तव में कुशल हों। मौजूदा हालात में इस समस्या से निपटने के लिये सरकार ने ‘स्किल डेवलपमेंट’ यानी कौशल विकास मंत्रालय खोलने का नेक कदम     उठाया है।

आज सरकार के लगभग 20 मंत्रालयों के 73 विभागोंं द्वारा अलग-अलग क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जा रहा है, जैसे कृषि मंत्रालय द्वारा जैविक खेती तथा महिला एवं बाल कल्याण मंत्रालय द्वारा ‘ब्यूटीशियन’ का प्रशिक्षण दिया जाता है। कौशल विकास मंत्रालय की योजना है कि इन तमाम बिखरे हुये कार्यक्रमों के बीच समन्वय स्थापित किया जाये। यह कदम सही दिशा में तो है, लेकिन समन्वय से प्रशिक्षण का चरित्र नहीं बदलेगा। प्रमाण पत्र की होड़ मात्र का समन्वय हो सकेगा। जरूरत इस ‘प्रमाण पत्र उद्योग’ को जड़ से उखाड़ फेंकने की है। जमीनी स्थिति काफी दुष्कर है। उत्तर प्रदेश फैजाबाद जिले के 50 आईटीआई संस्थानों में किसी में भी न तो कक्षाएं हैं, न ही लेथ मशीन अथवा कम्प्यूटर। केवल एक दफ्तर खोलकर पंजीकरण होता है और प्रमाण पत्र बेचे जाते हैंं। इन फर्जी धंधा करने वालों को असली आईटीआई से खतरा दिखने लगता है। ऐसा ही अनुभव पुणे की एक संस्था का रहा है। इस संस्था ने युवाओं को विशुद्ध प्रशिक्षण देने का संकल्प लिया। छात्र-छात्राओं को स्पष्ट बता दिया गया कि न कोई पमाण पत्र मिलेगा और न ही कोई डिग्री। छात्रों को आधे से अधिक समय उद्योगों में प्रशिक्षण के लिये भेज दिया गया। देखने में आया कि अधिकतर छात्रों को पाठ्यक्रम पूरा होने के पहले ही नौकरी मिल जाती, क्योंकि वे मशीनों के जानकार हो चुके होते थे। ‘प्रमाण पत्र उद्योग’ को यह प्रयोग स्वीकार न हुआ। उन्होंने अदालत में वाद खड़ा किया कि वह संस्था बिना पंजीकरण कराये फर्जी प्रशिक्षण दे रही है। संस्था के सामने संकट पैदा हो गया। बताया गया कि सरकार द्वारा किसी प्रशिक्षण के 6 घंटा प्रतिदिन के पाठ्यक्रम के लिये सरकार से 75,000 का अनुदान दिया गया था। इस पूरी रकम को ‘प्रमाण पत्र उद्योग’ ने हजम कर लिया। केवल रजिस्टर में छात्र और अध्यापक उपस्थित हुये। दरअसल समस्या तंत्र में है। छात्रों को सरकारी नौकरी के लिये केवल प्रमाण पत्र चाहिये, असली-फर्जी से उनको कुछ लेना-देना नहीं है। ‘प्रमाण पत्र उद्योग’ को भी प्रशिक्षण में रुचि नहीं है। उनका अन्तिम उद्देश्य रकम को हजम करना मात्र है। मध्यधारा विद्वानों का सुझाव है कि उपलब्ध तथा आवश्यक कौशल में तालमेल नहीं है। दूसरा सुझाव है कि सरकार के 73 विभागों के द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण के बीच समन्वय किया जायेगा। अच्छी बात है। परन्तु पहले असली प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करनी चाहिये तब समन्वय की। विद्वानों का तीसरा सुझाव है कि उद्योगों को प्रलोभन देना चाहिये कि वे युवाओं को प्रशिक्षण दें। देश को आगे ले जाने के लिये कौशल विकास नितांत आवश्यक है। पर इसमें सबसे बड़ी बाधा नौकरशाही है। सरकारी कर्मियों के ऊंचे वेतन और ‘ऊपरी आमदनी’ से प्रभावित होकर युवाओें की लालसा मात्र सरकारी नौकरी हासिल करने की है। वे नहीं चाहते कि कौशल हासिल करके स्वरोजगार करें। इसी नौकरशाही द्वारा दलाली खाकर फर्जी प्रशिक्षण के कार्यक्रम चलाये जा रहे हैंं। अत: युवाओं के रुझान को बदलने के लिये पहली जरूरत है कि सरकारी कर्मियों के वेतन को सही से आंका जाए, बाहरी ‘आॅडिट’ कराए जाएं ताकि फर्जीवाड़े पर नियंत्रण हो। दूसरे, प्रशिक्षण पाठ्यक्रम की 25 प्रतिशत रकम प्रशिक्षण के दौरान दी जाये। शेष 75 प्रतिशत छात्रों को नौकरी मिलने के बाद दी जाये। ऐसा करने से आईटीआई के लिये प्रशिक्षण देना लाभप्रद हो जायेगा। तीसरा कदम है कि हाईस्कूल के पाठ्यक्रम में ‘वोकेशनल ट्रेनिंग’ का हिस्सा बढ़ा दिया जाये। चौथा, आईटीआई द्वारा दिए जा रहे प्रशिक्षण में तिहाई प्रयोग आधारित, तिहाई बाहरी तथा तिहाई लिखित कर दिया जाये। वर्तमान में 98 प्रतिशत लिखित और दो प्रतिशत प्रशिक्षण है। दूसरे देशों में प्रशिक्षण का हिस्सा 60-90 प्रतिशत रहता है। कौशल विकास मंत्रालय को इन मूल समस्याओं पर अपना ध्यान केंद्रित करना चाहिये। डा. भरत झुनझुनवाला

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

नीतू की बेटी को भी छांगुर ने बनाया मुस्लिम, पोते से कराई सगाई; हो रही थी निकाह की तैयारी

सुशांत कुमार मजूमदार  (File Photo)

अपहरणकर्ता मजहबियों से कैसे मुक्त हुए सुशांत मजूमदार? क्यों बांग्लादेश में आएदिन हिन्दुओं को किया जा रहा अगवा!

anand mahindra

आनंद महिंद्रा ने अपने करियर के 44 साल पूरे होने पर बताया सफलता का मूल मंत्र

Bihar Voter List Verification

बिहार में फर्जी वोटर्स का भंडाफोड़, चुनाव आयोग ने 35.69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाम बदलकर, टीका लगाकर और कलावा बांधकर हिंदू लड़कियों को फंसाने की चल रही साजिश, लव जिहादियों से सतर्क रहने की जरूरत

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

नीतू की बेटी को भी छांगुर ने बनाया मुस्लिम, पोते से कराई सगाई; हो रही थी निकाह की तैयारी

सुशांत कुमार मजूमदार  (File Photo)

अपहरणकर्ता मजहबियों से कैसे मुक्त हुए सुशांत मजूमदार? क्यों बांग्लादेश में आएदिन हिन्दुओं को किया जा रहा अगवा!

anand mahindra

आनंद महिंद्रा ने अपने करियर के 44 साल पूरे होने पर बताया सफलता का मूल मंत्र

Bihar Voter List Verification

बिहार में फर्जी वोटर्स का भंडाफोड़, चुनाव आयोग ने 35.69 लाख नाम वोटर लिस्ट से हटाए

Supreme Court

अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कुछ भी पोस्ट नहीं कर सकते, SC ने कार्टूनिस्टोंं और स्टैंडअप कॉमेडियनों पर की सख्त टिप्पणी

प्रतीकात्मक तस्वीर

नाम बदलकर, टीका लगाकर और कलावा बांधकर हिंदू लड़कियों को फंसाने की चल रही साजिश, लव जिहादियों से सतर्क रहने की जरूरत

CM Yogi

29.6 लाख करोड़ की ओर बढ़ी यूपी की अर्थव्यवस्था, CM योगी आदित्यनाथ ने बताया आत्मनिर्भरता का मार्ग

ईडी कार्यालय में पूछताछ के लिए जाते रॉबर्ट वाड्रा (फाइल फोटो)

मनी लॉन्ड्रिंग: ED ने रॉबर्ट वाड्रा से की लंबी पूछताछ, हथियार बिचौलिये संजय भंडारी मामले में भेजा था समन

Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट ने RSS और PM मोदी पर अपमानजनक कार्टून मामले में दिखाई सख्ती, कार्टूनिस्ट हेमंत मालवीय की जमानत खारिज

सरदार फौजा सिंह

Turban Tornado: विश्व के सबसे उम्रदराज एथलीट फौजा सिंह का सड़क हादसे में निधन, 100 साल की उम्र में बनाए 8 रिकॉर्ड

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies