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पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने एक जुलूस के दौरान न केवल हथियार लहराये, बल्कि ओछी राजनीति का प्रमाण दिया। इसके बाद पूरे राज्य में कार्यकर्ताओं की तीखी आलोचना शुरू हो गई है।
मुर्शीदाबाद के महकुमा नगर में गत 22 सितम्बर को तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा एक जुलूस निकाला गया। उस दिन जिला प्रभारी व सांसद शुभेन्दु अधिकारी की बैठक थी और वे मुख्य वक्ता थे। करीब दोपहर 12 बजे जुलूस आना शुरू हो गया। कुछ समय बाद जैसे ही ढोल-बैंड के साथ जुलूस वहां पहंुचा तो उसमें शामिल कार्यकर्ता हथियार लहराने लगे। इस दौरान तीन लोगों ने हवा में गोली भी चलाई। कार्यकर्ताओं ने करीब 20 मिनट तक हवा में अवैध हथियार लहराकर कानून-व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर रख दीं।
मामले को तूल पकड़ता देख शुभेन्दु ने इसे ओछी राजनीति बताते हुए सारा दोष कांगे्रस पर मढ़ दिया और पत्रकारों के पूछने पर कहा कि उन्होंने किसी को हथियार लहराते या गोली चलाते नहीं देखा। कांग्रेस के राज्य प्रभारी अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस स्वयं ओछी राजनीति कर रही है। उन्होंने कहा कि इन सभी को पुलिस का संरक्षण भी मिला हुआ है, जबकि यह सब मीडिया और पुलिस की मौजूदगी में ही हुआ।
इस घटना से ठीक अगले दिन
विधानसभा में कांग्रेस और माकपा के विधायकों ने नकली पिस्तौलें दिखाकर अपनी ओर
से विरोध दर्ज कराया। इसके बाद पुलिस ने गयानाथ और इमरान शेख नामक दो लोगों
को गिरफ्तार कर लिया। तृणमूल के जिलाध्यक्ष ने उन दोनों को अपना समर्थक मानने से मना कर दिया।
सीसीटीवी फुटेज में दो अन्य भाइयों को भी पिस्तौल के साथ देखा गया, जो कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के करीबी माने जाते हैं। जिस समय तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ता यह सब कर रहे थे तो वहां राज्य पुलिस के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे, लेकिन किसी ने कोई कार्रवाई नहीं की। एक पुलिसकर्मी ने कहा कि आला अधिकारियों का आदेश न होने के कारण वे किसी को नहीं पकड़ सके। -बासुदेब पाल
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