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कुरुक्षेत्र के निकट दयालपुर गांव में ग्रामीणों ने गत 5 जुलाई को ठूंस-ठूंसकर गोधन से लदे दो वाहनों को कब्जे में ले लिया। ग्रामीणों ने गो तस्करों के आगे चल रही एक पुलिस नियंत्रण कक्ष की गाड़ी में सवार पुलिसकर्मियों पर भी, तस्करी की मदद करने का आरोप लगाया है।
इस पर कार्रवाई करते हुए जिला पुलिस प्रमुख ने आरोपों को ध्यान में रखते हुए संबन्धित चारों पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया। पुलिस प्रमुख ने कहा है कि इस प्रकरण की पूरी जांच की जाएगी, यदि वे दोषी मिले तो उनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई भी होगी। दयालपुर गांववासियों के अनुसार कई दिनों से उनके गांव व आसपास से पशु चोरी हो रहे थे। इसकी रोकथाम के लिए ग्रामीणों ने स्वयं ही रात में पहरेदारी शुरू कर दी। गत 5 जुलाई की तड़के पौने चार बजे उन्होंने दो वाहनों को रोका जिसमें 54 पशु बुरी तरह भरे गए थे। ठूंस-ठूंस कर वाहनांे में पशु भरने के कारण उनमें से दो की मौत भी हो चुकी थी। ग्रामीणों ने ट्रकों में सवार 7 लोगों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया। ग्रामीणों का आरोप है कि पशुओं वाले वाहनों से आगे-आगे पुलिस की गाड़ी भी चल रही थी। इस कारण से पुलिस नियंत्रण कक्ष की गाड़ी पर तैनात पुलिसकर्मियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में आ गई। पुलिस प्रमुख सिमरदीप सिंह ने मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में इस गाड़ी पर तैनात एक उपनिरीक्षक बृजलाल, सिपाही नरेश व देवेंद्र कुमार को निलंबित कर दिया है। वहीं इसी मामले में ड्यूटी पर शराब पीकर पहंुचे सहायक उपनिरीक्षक रामपाल को भी निलंबित कर दिया गया। उल्लेखनीय है कि शाहबाद में भी पिछले दिनों अनाज मंडी में तस्करों ने गोलीबारी की थी और वे पशु लाद कर फरार हो गए थे। उस घटना को लेकर भी क्षेत्र में काफी रोष व्याप्त है।
गोरक्षक सेवादल के प्रांत संयोजक रोहित चौधरी का कहना है कि हरियाणा सरकार ने गो संरक्षण एवं संवर्द्धन के लिए सख्त कानून बनाया है, लेकिन वह कारगर साबित नहीं हो पा रहा है। गो तस्कर हथियारों से लैस होते हैं और वे मौका पाते ही गोरक्षकों पर गोलियां चला देते हैं तो कभी पथराव कर उन्हें घायल कर देते हैं।
इसके लिए जरूरी है कि गो तस्करी के लिए जो संदिग्ध इलाके हैं उनमें कुछ गो रक्षकों को भी अपनी सुरक्षा के लिए हथियार मुहैया कराए जाएं। इससे गो तस्करों में भी भय पैदा होगा। उन्होंने आरोप लगाया कि गोरक्षा के लिए ग्रामीण अपनी जान पर खेलते हैं और पुलिस को भी सूचित करते हैं, लेकिन उस समय हमें भारी दिक्कत होती है कि जब पुलिस के कुछ कर्मचारी अपने कर्तव्य का पालन नहीं करते हैं।
चौधरी का कहना है कि गत अप्रैल माह में ही गो तस्करों ने गो रक्षकों पर तीन बार जानलेवा हमला किया था। यही नहीं गत 31 मई को उन्होंने यमुनानगर के गोरक्षक दल के जिला संयोजक का अपहरण कर उन्हें बुरी तरह पीट-पीट कर घायल कर दिया था। 5 जून को गांव खुर्दबन में खालसी नाले के निकट जब पशुओं से भरी दो गाडि़यों को रुकने के लिए संकेत किया तो आगे चल रही तीसरी गाड़ी में बैठे पशु तस्करों ने गो रक्षक दल के सदस्यों और पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी थी। पुलिस महानिरीक्षक हनीफ कुरैशी ने स्पष्ट किया है कि कुरुक्षेत्र जिला में चार पुलिसकर्मियों को गो तस्करी में सहयोग करने के आरोप में निलंबित कर दिया गया है। इससे पूर्व करनाल में भी दो पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि गोतस्करों के विरुद्ध धारा 307 के तहत मामले दर्ज किए जा रहे हैं।
डॉ. गणेश दत्त वत्स ल्ल
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