'गुरु दक्षिणा रूप में है यह विशेषांक'
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

'गुरु दक्षिणा रूप में है यह विशेषांक'

by
Jul 25, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 25 Jul 2015 12:37:37

गत 18 जुलाई को दिल्ली के कांस्टीट्यूशन क्लब में 'सुदर्शन-स्मृति' का लोकार्पण हुआ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक स्वर्गीय कुप्.सी. सुदर्शन की जीवनी पर आधारित इस पुस्तक का प्रकाशन  दैनिक 'स्वदेश' ने किया है। लगभग साढ़े छह सौ पृष्ठ की इस पुस्तक मेंे सुदर्शन जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व के अनेक प्रसंगों को समाहित किया गया है। विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल की अध्यक्षता में आयोजित लोकार्पण समारोह की मुख्य अतिथि थीं विदेश मंत्री श्रीमती सुषमा स्वराज जबकि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, उत्तर क्षेत्र के क्षेत्र संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त और वरिष्ठ भाजपा नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी की गरिमामय उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में श्री अशोक सिंहल ने कहा कि  सुदर्शन जी का व्यक्तित्व ऐसा था कि उन्हें किसी एक ग्रंथ में समेटना मुश्किल है। फिर भी यह ग्रंथ सुदर्शन जी को जानने के लिए काफी है। यह स्वदेश की सुदर्शन जी को गुरु दक्षिणा है। उन्होंने कहा कि संसार में बहुत से लोग ऐसे होतेहैं जो एक ही ढर्रे पर चलते हैं, लेकिन कुछ लोग जन्म से ही रचनात्मक होते हैं। वे हर समय नएपन की तलाश में रहते हैं। सुदर्शन जी ऐसे ही थे। श्रीमती सुषमा स्वराज ने कहा कि सुदर्शन जी एक संत थे और पूरा जीवन उन्हांेने संत जैसा ही जिया। श्री सुदर्शन जी से मेरे पिता जैसे संबंध न होकर माता जैसे संबंध थे, क्योंकि पिता से बात करते समय बहुत सी गरिमाओं का ध्यान रखना पड़ता है, लेकिन माता के सामने खुलकर बात होती है। मैं उनसे खुलकर बात करती थी। वह डांटते भी थे और उतना ही ममत्व भी देते थे। उन्होंने यह भी कहा कि वे किसी भी शोधकर्ता को आगे बढ़ाने का कार्य करते थे। उनके न रहने से सबसे ज्यादा क्षति शोधकर्ताओं को ही हुई है। वे स्वदेशी के पक्षधर थे। वे नहीं चाहते थे कि भारत विदेशों पर आश्रित हो।
डॉ. बजरंगलाल गुप्त ने कहा कि सुदर्शन जी एक बार जैन मुनि आचार्य महाप्रज्ञ के दर्शन करने गए। उनके साथ मैं भी था। आचार्य महाप्रज्ञ ने श्री सुदर्शन जी से कहा कि आप लोग हिन्दू, हिन्दू राष्ट्र जैसे शब्दों को बराबर बोलते हैं। इन शब्दों की जगह और कोई शब्द अनपाएं तो आपको सर्व समाज का साथ मिल सकता है। इस बात पर श्री सुदर्शन जी ने 18 मिनट तक हिन्दू और हिन्दुत्व पर संदर्भ सहित सारगर्भित तर्क रखे। इससे आचार्य जी बड़े प्रभावित हुए और कहा कि आप तो स्वयं चलते-फिरते 'एंसाइक्लोपीडिया' हंै। डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कहा कि सुदर्शन जी स्वदेशी के प्रति आग्रही थे। उनका मानना था कि भारत की समस्याओं का समाधान भारत के चिंतन से ही होना चाहिए। सुदर्शन जी के भाई श्री कुप्. सी. रमेश ने युवा सुदर्शन जी की कुछ बातों को याद करते हुए कहा कि वे धुन के पक्के थे। एक बार माता जी ने उनसे कहा कि तुम्हें इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई, लेकिन इसका कोई लाभ तो हमें नहीं मिला। तुम एक रेडियो बना दो तो समाचार वगैरह सुन लिया करेंगे। उस समय उनके पास समय नहीं था।
उन्होंने कहा कि कुछ दिन बाद आकर रेडियो बना देंगे। कुछ दिन बाद रेडियो बनाने का सामान लेकर वे घर आए और रेडियो तैयार करने में लग गए। उस काम में वे इस तरह जुटे कि उन्हें खाने-पीने की भी सुध नहीं रही। चौथे दिन जब रेडियो तैयार हो गया तब उन्होंने ठीक से भोजन किया। कार्यक्रम में स्वदेश समूह के संपादक श्री राजेन्द्र शर्मा ने बताया कि इस विशेषांक का यह पांचवां लोकार्पण कार्यक्रम है। सुदर्शन जी के जीवन से जुड़े कुछ अन्य स्थानों पर भी इसका लोकार्पण कराया जाएगा। इस अवसर पर अनेक वरिष्ठ लोग उपस्थित थे।     
ल्ल प्रतिनिधि

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Loose FASTag होगा ब्लैकलिस्ट : गाड़ी में चिपकाना पड़ेगा टैग, नहीं तो NHAI करेगा कार्रवाई

Marathi Language Dispute

‘मराठी मानुष’ के हित में नहीं है हिंदी विरोध की निकृष्ट राजनीति

यूनेस्को में हिन्दुत्त्व की धमक : छत्रपति शिवाजी महाराज के किले अब विश्व धरोहर स्थल घोषित

मिशनरियों-नक्सलियों के बीच हमेशा रहा मौन तालमेल, लालच देकर कन्वर्जन 30 सालों से देख रहा हूं: पूर्व कांग्रेसी नेता

Maulana Chhangur

कोडवर्ड में चलता था मौलाना छांगुर का गंदा खेल: लड़कियां थीं ‘प्रोजेक्ट’, ‘काजल’ लगाओ, ‘दर्शन’ कराओ

Operation Kalanemi : हरिद्वार में भगवा भेष में घूम रहे मुस्लिम, क्या किसी बड़ी साजिश की है तैयारी..?

क्यों कांग्रेस के लिए प्राथमिकता में नहीं है कन्वर्जन मुद्दा? इंदिरा गांधी सरकार में मंत्री रहे अरविंद नेताम ने बताया

VIDEO: कन्वर्जन और लव-जिहाद का पर्दाफाश, प्यार की आड़ में कलमा क्यों?

क्या आप जानते हैं कि रामायण में एक और गीता छिपी है?

विरोधजीवी संगठनों का भ्रमजाल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies