श्रद्धांजलि- उस साधना पुंज की अब बस स्मृति शेष
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श्रद्धांजलि- उस साधना पुंज की अब बस स्मृति शेष

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Jul 11, 2015, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 11 Jul 2015 13:25:34

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सोहन सिंह जी का 4 जुलाई को नई दिल्ली में निधन हो गया। उनकी आयु 92 वर्ष की थी और वे पिछले तीन माह से गंभीर रूप से बीमार थे। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनकी चिकित्सा चल रही थी। अपने आदर्शवादी, ध्येयनिष्ठ और कर्मठ जीवन से उन्होंने हजारों कार्यकर्ताओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया।
सोहन सिंह जी का जन्म 18 अक्तूबर, 1923 को ग्राम-हर्चना, जिला-बुलंदशहर (उ.प्र.) में हुआ था। वे अपने तीन भाई और तीन बहनों में सबसे छोटे थे। 1942 में बी.एस.सी. अन्तिम वर्ष की परीक्षा देने के बाद उनका चयन भारतीय वायु सेना में अधिकारी के पद पर हो गया था, लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं की और राष्ट्रसेवा का प्रण लेकर 1943 में संघ के प्रचारक बन गए। उन्होंने 1943, 44 और 45 में क्रमश: प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष का संघ शिक्षा वर्ग पूर्ण किया। 1943 से 1948 तक वे करनाल, रोहतक, झज्जर और अंबाला छावनी में तहसील प्रचारक रहे। 1949 से 1956 तक करनाल जिला प्रचारक, 1957 से 1963 तक हरियाणा संभाग प्रचारक, 1963 से 1970 तक दिल्ली संभाग प्रचारक, 1970 से 1973 तक पुन: हरियाणा संभाग प्रचारक, 1973 से 1977 तक जयपुर विभाग प्रचारक और 1977 से 1987 तक राजस्थान (संयुक्त) प्रान्त प्रचारक रहे।  1987 से 1996 तक उन्होंने उत्तर क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक का दायित्व निभाया। 1996 से 2000 तक उन्होंने अखिल भारतीय धर्म जागरण प्रमुख और 2000 से 2004 तक उत्तर क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख के दायित्व का निर्वहन किया। अस्वस्थता के कारण  2004 के बाद वे दायित्च-मुक्त रहे।
स्व. सोहन सिंह  का अन्तिम संस्कार 5 जुलाई को दिल्ली के निगम बोधघाट पर किया गया। इससे पहले झण्डेवालन स्थित संघ कार्यालय 'केशव कुंज' में स्व. सोहन सिंह को सैकड़ों वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने श्रद्धांजलि दी। इनमें प्रमुख थे क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्री रामेश्वर, क्षेत्रीय संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त, क्षेत्रीय प्रचारक श्री प्रेम कुमार, क्षेत्रीय कार्यवाह श्री सीताराम व्यास, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, भाजपा महासचिव श्री राममाधव, विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडि़या, केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर, दिल्ली प्रान्त संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा, वनवासी कल्याण आश्रम के श्री कृपा प्रसाद सिंह, श्री सोमैयाजुलू और श्री सुरेश कुलकर्णी, राष्ट्रीय सिख संगत के सरदार चिरंजीव सिंह और श्री अविनाश जायसवाल, भाजपा नेता प्रो. जगदीश मुखी, श्री शिवप्रकाश, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका   शान्ताअक्का ताई, राष्ट्रीय सेवा भारती के श्री गुरुप्रसाद आदि।
इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को निगम बोध घाट लाया गया। यहां सैकड़ों की संख्या में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल, संगठन महामंत्री श्री दिनेशचन्द्र, वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेमचन्द गोयल, वरिष्ठ प्रचारक श्री इन्द्रेश कुमार, चित्तौड़ प्रान्त प्रचारक श्री गजेन्द्र, शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के श्री दीनानाथ बत्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली प्रान्त के सह प्रान्त संघचालक श्री आलोक कुमार जैसे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने स्व. सोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद संघ प्रार्थना करके कार्यकर्ताओं ने स्व. सोहन सिंह को अन्तिम विदाई दी। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से  सेवाव्रती स्वयंसेवक स्व. सोहन सिहं जी को भावभीनी श्रद्धांजलि ।     
ल्ल प्रतिनिधि

18 जुलाई को श्रद्धांजलि सभा
स्वर्गीय श्री सोहन सिंह को श्रद्धांजलि देने के लिए नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में 18 जुलाई को सायं 5 बजे श्रद्धांजलि सभा आयोजित होगी। इसमें विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि देंगे।

सोहन सिंह जी एक श्रेष्ठ प्रचारक और महामानव  थे। उनका जीवन अद्भुत था। मैं जब 9वीं कक्षा में पढ़ता था तभी से वे हमारे घर आते थे। घर के हर व्यक्ति से उनका प्रत्यक्ष सम्बंध था। बच्चों से भी वे बहुत ही गर्मजोशी के साथ मिलते थे और उनका हालचाल पूछते थे। मैं उनके सामने ही बड़ा हुआ और हमारी घर-गृहस्थी भी बसी। वे अपने आचरण से स्वयंसेवकों को प्रेरित करते थे। जब वे करनाल में प्रचारक थे तो वहां पहली बार गुरु दक्षिणा हुई। उसमें 56 स्वयंसेवकों ने गुरुदक्षिणा की थी और कुल 4600 रु. की राशि जमा हुई थी। उन्होंने तय किया कि इसी राशि से पूरे वर्ष संघ का कार्य किया जाएगा और उन्होंने वही किया। वे अपने व्यवहार से हर किसी का मन जीत लेते थे।
– रमेश प्रकाश
पूर्व प्रान्त संघचालक, रा.स्व.संघ, दिल्ली प्रान्त

वे कहते थे कि मेरे ऊपर पैसा खर्च मत करो,  मुझे क्यों अस्पताल लेकर जाते हो। मुझे ऐसे ही रहने दो। जहां तक मुझे ध्यान है 2004 से अब तक उन्होंने अपने लिए कोई वस्त्र भी नहीं बनवाया था। वे कपड़े भी बहुत ही कम रखते थे। अगर उनके पास कोई चीज आ भी जाती थी या कोई भेंट कर जाता था तो वे अन्य प्रचारकों को दे देते थे।
-प्रेमचन्द गोयल
वरिष्ठ प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ

वे हमारे मार्गदर्शक थे। जब मैं क्षेत्रीय प्रचारक बनकर दिल्ली आया तो उनसे मिला और पूछा कि इतने बड़े क्षेत्र को कैसे संभालूंगा तो उन्होंने कहा कि डॉ. हेडगेवार के प्रताप की वजह से जगह-जगह कार्यकर्ता खड़े हो गए हैं वही संभालेंगे, तुम केवल उनसे संपर्क करो।
-दिनेश चन्द्र
अन्तरराष्ट्रीय संगठन महामंत्री, विहिप

उन्होंने राजस्थान में सैकड़ों स्वयंसेवकों को राष्ट्र कार्य करने के लिए प्रेरित किया। वे हम सबके प्रेरणादायक थे। -प्रो.भगवती प्रकाश
क्षेत्रीय संघचालक, राजस्थान क्षेत्र, रा.स्व.संघ  

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सोहन सिंह जी के निधन पर सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत तथा सरकार्यवाह श्री सुरेश भैयाजी जोशी ने गहरा दु:ख व्यक्त करते हुए कहा है कि वर्ष 1942 से प्रचारक रहे सोहन सिंह जी ने राजस्थान तथा दिल्ली के असंख्य कार्यकर्ताओं को अपने कठोर परिश्रम से, श्रेष्ठ आचरण मधुर वाणी से और अपार स्नेह से संघ कार्य में जोड़े रखा। साथ ही संघ कार्य को जीवन व्रत के नाते स्वीकार करने के लिए प्रेरित किया। जीवन के संध्याकाल में भी दिल्ली के केशवकुंज कार्यालय में रहकर पुराने तथा नई पीढ़ी के असंख्य कार्यकर्ताओं का वे अंत तक मार्गदर्शन करते रहे। उनका कर्ममय जीवन सभी कार्यकर्ताओं के लिए दीपस्तंभ के समान मार्गदर्शक रहेगा। पावन आत्मा को उत्तम गति प्राप्त हो, यह परमकृपालु परमेश्वर से प्रार्थना है।
ष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक सोहन सिंह जी का 4 जुलाई को नई दिल्ली में निधन हो गया। उनकी आयु 92 वर्ष की थी और वे पिछले तीन माह से गंभीर रूप से बीमार थे। नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में उनकी चिकित्सा चल रही थी। अपने आदर्शवादी, ध्येयनिष्ठ और कर्मठ जीवन से उन्होंने हजारों कार्यकर्ताओं को राष्ट्र सेवा के लिए प्रेरित किया।
सोहन सिंह जी का जन्म 18 अक्तूबर, 1923 को ग्राम-हर्चना, जिला-बुलंदशहर (उ.प्र.) में हुआ था। वे अपने तीन भाई और तीन बहनों में सबसे छोटे थे। 1942 में बी.एस.सी. अन्तिम वर्ष की परीक्षा देने के बाद उनका चयन भारतीय वायु सेना में अधिकारी के पद पर हो गया था, लेकिन उन्होंने नौकरी नहीं की और राष्ट्रसेवा का प्रण लेकर 1943 में संघ के प्रचारक बन गए। उन्होंने 1943, 44 और 45 में क्रमश: प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष का संघ शिक्षा वर्ग पूर्ण किया। 1943 से 1948 तक वे करनाल, रोहतक, झज्जर और अंबाला छावनी में तहसील प्रचारक रहे। 1949 से 1956 तक करनाल जिला प्रचारक, 1957 से 1963 तक हरियाणा संभाग प्रचारक, 1963 से 1970 तक दिल्ली संभाग प्रचारक, 1970 से 1973 तक पुन: हरियाणा संभाग प्रचारक, 1973 से 1977 तक जयपुर विभाग प्रचारक और 1977 से 1987 तक राजस्थान (संयुक्त) प्रान्त प्रचारक रहे।  1987 से 1996 तक उन्होंने उत्तर क्षेत्र के सह क्षेत्र प्रचारक और क्षेत्र प्रचारक का दायित्व निभाया। 1996 से 2000 तक उन्होंने अखिल भारतीय धर्म जागरण प्रमुख और 2000 से 2004 तक उत्तर क्षेत्र के प्रचारक प्रमुख के दायित्व का निर्वहन किया। अस्वस्थता के कारण  2004 के बाद वे दायित्च-मुक्त रहे।
स्व. सोहन सिंह  का अन्तिम संस्कार 5 जुलाई को दिल्ली के निगम बोधघाट पर किया गया। इससे पहले झण्डेवालन स्थित संघ कार्यालय 'केशव कुंज' में स्व. सोहन सिंह को सैकड़ों वरिष्ठ कार्यकर्ताओं और स्वयंसेवकों ने श्रद्धांजलि दी। इनमें प्रमुख थे क्षेत्रीय प्रचारक प्रमुख श्री रामेश्वर, क्षेत्रीय संघचालक डॉ. बजरंगलाल गुप्त, क्षेत्रीय प्रचारक श्री प्रेम कुमार, क्षेत्रीय कार्यवाह श्री सीताराम व्यास, उत्तराखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री भगत सिंह कोश्यारी, भाजपा महासचिव श्री राममाधव, विश्व हिन्दू परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. प्रवीण भाई तोगडि़या, केन्द्रीय मंत्री डॉ. हर्षवर्धन, हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहरलाल खट्टर, दिल्ली प्रान्त संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा, वनवासी कल्याण आश्रम के श्री कृपा प्रसाद सिंह, श्री सोमैयाजुलू और श्री सुरेश कुलकर्णी, राष्ट्रीय सिख संगत के सरदार चिरंजीव सिंह और श्री अविनाश जायसवाल, भाजपा नेता प्रो. जगदीश मुखी, श्री शिवप्रकाश, राष्ट्र सेविका समिति की प्रमुख संचालिका   शान्ताअक्का ताई, राष्ट्रीय सेवा भारती के श्री गुरुप्रसाद आदि।
इसके बाद उनके पार्थिव शरीर को निगम बोध घाट लाया गया। यहां सैकड़ों की संख्या में विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता उपस्थित थे। यहां राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री सुरेश सोनी, विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल, संगठन महामंत्री श्री दिनेशचन्द्र, वरिष्ठ प्रचारक श्री प्रेमचन्द गोयल, वरिष्ठ प्रचारक श्री इन्द्रेश कुमार, चित्तौड़ प्रान्त प्रचारक श्री गजेन्द्र, शिक्षा बचाओ आन्दोलन समिति के श्री दीनानाथ बत्रा, वरिष्ठ अधिवक्ता और दिल्ली प्रान्त के सह प्रान्त संघचालक श्री आलोक कुमार जैसे वरिष्ठ कार्यकर्ताओं ने स्व. सोहन सिंह को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद संघ प्रार्थना करके कार्यकर्ताओं ने स्व. सोहन सिंह को अन्तिम विदाई दी। पाञ्चजन्य परिवार की ओर से  सेवाव्रती स्वयंसेवक स्व. सोहन सिहं जी को भावभीनी श्रद्धांजलि ।     
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सोहन सिंह जी एक श्रेष्ठ प्रचारक और महामानव  थे। उनका जीवन अद्भुत था। मैं जब 9वीं कक्षा में पढ़ता था तभी से वे हमारे घर आते थे। घर के हर व्यक्ति से उनका प्रत्यक्ष सम्बंध था। बच्चों से भी वे बहुत ही गर्मजोशी के साथ मिलते थे और उनका हालचाल पूछते थे। मैं उनके सामने ही बड़ा हुआ और हमारी घर-गृहस्थी भी बसी। वे अपने आचरण से स्वयंसेवकों को प्रेरित करते थे। जब वे करनाल में प्रचारक थे तो वहां पहली बार गुरु दक्षिणा हुई। उसमें 56 स्वयंसेवकों ने गुरुदक्षिणा की थी और कुल 4600 रु. की राशि जमा हुई थी। उन्होंने तय किया कि इसी राशि से पूरे वर्ष संघ का कार्य किया जाएगा और उन्होंने वही किया। वे अपने व्यवहार से हर किसी का मन जीत लेते थे।
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-प्रेमचन्द गोयल
वरिष्ठ प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ
वे कहते थे कि मेरे ऊपर पैसा खर्च मत करो,  मुझे क्यों अस्पताल लेकर जाते हो। मुझे ऐसे ही रहने दो। जहां तक मुझे ध्यान है 2004 से अब तक उन्होंने अपने लिए कोई वस्त्र भी नहीं बनवाया था। वे कपड़े भी बहुत ही कम रखते थे। अगर उनके पास कोई चीज आ भी जाती थी या कोई भेंट कर जाता था तो वे अन्य प्रचारकों को दे देते थे।
-प्रेमचन्द गोयल
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