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राजस्थान के फतहनगर में 7 जून को अखिल भारतीय साहित्य परिषद्, चित्तौड़ प्रान्त का प्रान्तीय अधिवेशन एवं सहित्यकार सम्मेलन सम्पन्न हुआ, जिसमें 140 साहित्यकारांे की सहभागिता रही। अधिवेशन में परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर का पूरे समय मार्गदर्शन रहा। अधिवेशन के प्रथम सत्र की अध्यक्षता प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ़ देव कोठारी ने की तथा मुख्य अतिथि थे 'ऊं शान्ति लोक मंगल न्यास' के अध्यक्ष कर्नल केशर सिंह। मुख्य वक्ता परिषद् के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर थे। श्री पराड़कर ने साहित्य की दशा एवं दिशा पर चर्चा करते हुए कहा कि साहित्य लोकरंजन के स्थान पर लोकमंगल करे। उन्होंने साहित्य के वे विषय, जो महत्वपूर्ण होकर भी षड्यंत्रपूर्वक अप्रासंगिक एवं अस्पृश्य से बना दिए गए उन्हें पुन: स्थापित करने का आह्वान किया। उन्होंने नव रचनाकारों को भी प्रोत्साहित करने की बात कही। इस सत्र में मंच पर परिषद् के राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ अन्नाराय शर्मा और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ़ मथुरेशनन्दन कुलश्रेष्ठ भी उपस्थित थे।
द्वितीय सत्र वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. के. के़ शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। इसके मुख्य अतिथि थे अजमेर के प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ़ बद्रीप्रसाद पंचोली। इस सत्र में अनेक वरिष्ठ साहित्यकारों ने साहित्य के अनेक पहलुओं पर विचार-विमर्श किया। तृतीय सत्र समापन सत्र एवं काव्य गोष्ठी के रूप में रहा, जिसमें 80 कवियों ने अपनी रचनाएं पढ़ीं। काव्य गोष्ठी का संचालन हिम्मत सिंह उज्जवल ने किया। इस सत्र की अध्यक्षता डॉ़ ज्योति पुंज पण्ड्या ने की। मुख्य अतिथि कर्नल गुमान सिंह थे। इस अवसर पर पर्यावरण पे्रमी ललित सिंह का सम्मान किया गया। – प्रतिनिधि
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