पुलिस द्वारा महिलाओं को बाल पकड़ कर घसीटा गया
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

पुलिस द्वारा महिलाओं को बाल पकड़ कर घसीटा गया

by
Jun 20, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 20 Jun 2015 11:27:25

पाञ्चजन्य के पन्नों से
वर्ष: 12  अंक: 1   
28 जुलाई 1958
यह नौगढ़ है!
जनसंघ के नेतृत्व में 10,000 जनता द्वारा तहसील के समक्ष धरना
(विशेष प्रतिनिधि द्वारा)
बस्ती।  नौगढ़ तहसील में पुलिस के क्रूर और बर्बर लाठी-चार्ज ने एक बार पुन: अंग्रेज नौकरशाही के दमन  चक्र की याद ताजा कर दी। पुलिस, तहसील के चपरासी, परगनाधीश तथा तहसीलदार आदि सभी ने निरीह और निर्दोष जनता पर भीषण लाठी-चार्ज किया, सत्याग्रह के लिए आए हुए किसान मजदूरों पर अमानुषिक प्रहार किए, महिलाओं के बाल पकड़-पकड़ कर घसीटा और जब इस पर भी संतोष न हुआ, घेरे के बाहर जाकर बाजार में भी अपना जंगलीपन प्रदर्शित किया।
सत्याग्रह से पूर्व
'घेरा डालो' आन्दोलन आरंभ करने के पूर्व जनसंघ के नेताओं ने अनेक बार न्यायाधीश तथा जिलाधिकारियों से भेंटकर उनके समक्ष अपनी मांगें रखीं और उन्हें तहसील की दयनीय स्थिति से परिचित कराया, किन्तु सब व्यर्थ रहा। संक्षेप में मांगें निम्न हैं-
तहसील को अकाल पीडि़त घोषित किया जाए। लगान, तकाबी तथा सभी प्रकार की वसूलियां तुरंत रोक दी जाएं। नहर तथा बांध में ली गई जमीनों का मुआवजा तथा उनमें फसलों की क्षतिपूर्ति दी जाए और उन खेतों पर लिए गए लगान का अगले वर्ष में सूद सहित मोजरा दिया जाए। लोगों को रोजी देने के लिए सहायता-कार्य शुरू किया जाए जिसकी मजदूरी कम से कम एक हो। प्रत्येक अदालत पंचायत में सस्ते गल्ले की दुकान खोली जाए। अपाहिजों को मुफ्त गल्ला दिया जाए। जरूरतमंदों को ही सस्ते गल्ले की दूकानों से गल्ला मिल सके।  इसके लिए राशन कार्ड बनाया जाए।

बास ग्राम में होशियारपुर-काण्ड की पुनरावृत्ति
महिलाओं और बालकों पर नृशंस अत्याचार
श्री बलरामदास टण्डन का वक्तव्य
जालन्धर। होशियारपुर की उना तहसील के बास ग्राम में नर-नारियों की एकत्रित भीड़ पर पुलिस के बर्बरतापूर्ण अत्याचारों ने होशियारपुर काण्ड की याद ताजा कर दी। पुलिस ने आग बुझाने वाले इंजनों से महिलाओं और बच्चों पर पानी फेंका। फलस्वरूप अनेक महिलाएं और बच्चे निकटस्थ तालाब में गिर गए। उनके गंभीर चोटें आईं। पुलिस के लोगों ने महिलाओं को जबरन घसीट-घसीट कर ट्रकों में फेंका व उनके साथ अभद्र व्यवहार किया, ये शब्द हैं पंजाब प्रदेश जनसंघ के मंत्री श्री बलराम दास टंडन एम.एल.ए. के जो उन्होंने एक प्रेस वक्तव्य में कुछ दिनों पूर्व बास ग्राम में वहां के निवासियों द्वारा सरकार की ज्यादतियों के विरोध में किए गए प्रदर्शन पर प्रकाश डालते हुए कहे।
श्री टंडन ने कहा कि मैंने संपूर्ण क्षेत्र का स्वयं पैदल भ्रमण किया है और उक्त काण्ड के संबंध में वहां के निवासियों से जानकारी प्राप्त की है।
आन्दोलन का कारण
श्री टंडन ने आंदोलन के कारणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्थानीय जनता सरकार  द्वारा निर्माण की जा रही खाद फैक्ट्री का विरोध नहीं कर रही वरन् वह चाहती है कि उपजाऊ भूमि के स्थान पर निकट ही पड़ी बंजर भूमि उक्त फैक्ट्री के लिए उपयोग में लाई जाए। आपने कहा, आरंभ में सरकार ने उक्त मांग स्वीकार कर ली थी किन्तु कुछ समय बाद ही उसने अपना विचार बदल दिया। कारण, साम्प्रदायिक है। उक्त क्षेत्र में कुछ बड़े लोगों के संबंधी रहते हैं। दूसरी बात यह है कि क्षेत्र की जनता को अब तक यही पता नहीं चल सका है कि सरकार को कितनी भूमि चाहिए। आरंभ में उसने 1360 एकड़ कहा, पुन: 3000 एकड़ बताया और फिर 4360 एकड़ भूमि की आवश्यकता बताई। किन्तु जब बास ग्राम में नाप-जोख शुरू हुई 4360 एकड़ से भी अधिक भूमि की मांग की गई। इसके कारण जनता में रोष व्याप्त हो गया और उसने सरकारी चिन्हों को हटा दिया।
आंदोलन करने का तीसरा कारण यह है कि स्थानीय लोग सरकार को उपजाऊ भूमि के स्थान पर बंजर प्रदान कर रहे हैं जो कि फैक्ट्री के निकट है जब कि सरकार फैक्ट्री के श्रमिकों के आवास बनाने के लिए जो भूमि चाहती है वह फैक्ट्री से 2-3 मील की दूरी पर है। चौथा कारण है कि सरकार ने फैक्ट्री बनने से पूर्व स्थानीय लोगों को आश्वासन दिया था कि 75 प्रतिशत कर्मचारी और श्रमिक क्षेत्र के ही लोग रखे जाएंगे, किन्तु अब मुश्किल से 5 प्रतिशत लोगों को काम मिला है और वह भी चतुर्थ श्रेणी के। पांचवां कारण यह है कि स्थानीय जनता सरकार के पूर्व वायदों के अनुसार मुआवजा चाहती है, जबकि सरकार काफी कम दे रही है। उपरोक्त कारणों से असंतुष्ट जनता ने आंदोलन किया व अपनी मांगें स्वीकार करवाने के लिए शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन आयोजित किया।

स्वतंत्रता
स्वतंत्रता मानव और राष्ट्र की स्वाभाविक आकांक्षा है। पराधीनता में न सुख है न शांति। राजनीतिक स्वतंत्रता के साथ आर्थिक और सामाजिक स्वतंत्रता भी चाहिए। शासन का व्यक्ति और समष्टि के प्राकृतिक हित में हस्तक्षेप न करना तथा सदैव उसके अनुकूल चलना राजनीतिक स्वतंत्रता है। अर्थ के भाव-रूप अथवा अभाव रूप से मनुष्य के हित में विघ्न न होना आर्थिक स्वतंत्रता है। समाज का व्यक्ति के स्वाभाविक विकास में बाधक न होकर साधक होना ही सामाजिक स्वतंत्रता है। इन स्वतंत्रताओं के राष्ट्रगत हुए बिना वे व्यक्ति को प्राप्त नहीं हो सकतीं। राज्य के सब अंगों द्वारा अपने-अपने कर्तव्य का पालन करने से सबको स्वतंत्रता प्राप्त होती है।
(पंडित दीनदयाल उपाध्याय: विचार दर्शन, खंड -7 पृष्ठ संख्या 62)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

वाराणसी में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय पर FIR, सड़क जाम के आरोप में 10 नामजद और 50 अज्ञात पर मुकदमा दर्ज

Udaipur Files की रोक पर बोला कन्हैयालाल का बेटा- ‘3 साल से नहीं मिला न्याय, 3 दिन में फिल्म पर लग गई रोक’

कन्वर्जन की जड़ें गहरी, साजिश बड़ी : ये है छांगुर जलालुद्दीन का काला सच, पाञ्चजन्य ने 2022 में ही कर दिया था खुलासा

मतदाता सूची मामला: कुछ संगठन और याचिकाकर्ता कर रहे हैं भ्रमित और लोकतंत्र की जड़ों को खोखला

लव जिहाद : राजू नहीं था, निकला वसीम, सऊदी से बलरामपुर तक की कहानी

सऊदी में छांगुर ने खेला कन्वर्जन का खेल, बनवा दिया गंदा वीडियो : खुलासा करने पर हिन्दू युवती को दी जा रहीं धमकियां

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies