दूसरे की राह सुगम बनाना ही जीवन-मंत्र
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दूसरे की राह सुगम बनाना ही जीवन-मंत्र

by
May 30, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 30 May 2015 15:17:49

 

 

 

 

मैं मात्र 11 माह का था कि जब बुखार आने पर मुझे डॉक्टर द्वारा गलत इंजेक्शन लगा देने से मेरे दोनों पांव हमेशा के लिए खराब हो गए। विकलांग होने पर जब स्कूल में दाखिला लिया तो स्कूल प्रबंधन ने मेरे जैसे छात्र का दाखिला देने में पहले आनाकानी की, फिर मेरा विशेष ध्यान रखने के नाम पर पहले टेस्ट लिया और टेस्ट पास करने पर 12 पंखे दान के नाम पर मांगे गए।
मैं पांव खराब होने के कारण कभी कंप्यूटर लैब या लाइब्र्रेरी में न जा सका क्योंकि मैं सीढि़या चढ़कर उन कक्षाआंे मंे नहीं जा सकता था और ये सभी कक्षाएं दूसरी या तीसरी मंजिल पर होती थीं। हर दिन स्कूल जाकर हाथों के सहारे सीढि़यां चढ़कर अपनी कक्षा में जाना बहुत चुनौतीपूर्ण रहता था, लेकिन मैंने कभी हार नहीं मानी। उस समय मेरे पास 'व्हीलचेयर' नहीं थी और न ही स्कूल में उपलब्ध थी। 12वीं कक्षा पास करने के बाद मैंने दिल्ली विश्वविद्यालय केे पत्राचार से बी. कॉम. में स्नातक की पढ़ाई की और फिर मथुरा से एम. कॉम. के बाद आज मैं कॉमर्स में पी. एच. डी. कर चुका हूं। यहां तक कि परीक्षा केन्द्र पर व्यवस्था न होने के कारण एम़ ए. की परीक्षा तो कार के बोनट पर उत्तर पुस्तिका रखकर देनी पड़ी थी।
स्कूल में पढ़ाई के दौरान जो कष्ट या प्रताड़ना मैंने सही, उसे देखते हुए प्रण कर लिया था कि हर हाल में अपना स्कूल खोलना है जिसमें विकलांग बच्चों के लिए विशेष व्यवस्था हो। मेरे पिता शीशपाल नागर के सहयोग से वर्ष 2004-05 में मेरे दादाजी की स्मृति में कर्मवीर पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल की फरीदाबाद सेक्टर 11 डी में स्थापना की गई। मैं वर्ष 2007 से शिक्षा पूरी करने के बाद स्कूल से जुड़ गया। मैंने यहां आने के बाद सबसे पहले स्कूल की कंप्यूटर लैब, लाइब्रेरी, म्यूजिक लैब और रोबोटिक लैब को भूतल पर स्थापित कराया। इस बात का विशेष ध्यान रखा गया कि यदि किसी कक्षा में कोई विकलांग बच्चा है तो उस कक्षा के बच्चों को भूतल पर ही बैठाया जाए, ताकि बच्चे को ऊपर न चढ़ना पडे़। साथ ही खेल के मैदान मंे जाने के लिए विकलांग बच्चों के लिए 'रैंप' तैयार कराए गए जिससे वे सीधे अपनी 'व्हीलचेयर' से वहां पहंुच सकें और दूसरे बच्चों की तरह खेल  या दूसरी गतिविधियांे का आनंद उठा सकें। स्कूल मंे विकलांग बच्चों के लिए 'व्हीलचेयर' की व्यवस्था है। स्कूल में विकलांग बच्चों की सुविधा को ध्यान में रखकर भविष्य में लिफ्ट लगवाने की योजना भी है। गत अप्रैल माह में ही हमारे स्कूल को डीपीएस (यूनिट ऑफ दिल्ली पब्लिक स्कूल प्राइवेट लिमिटेड) से उनकी शाखा की मान्यता मिली है। विशेषकर विकलांग बच्चांे को दाखिला देने और उन्हें हर प्रकार की सुविधा मुहैया कराने का मेरा प्रयास रहता है। मैं नहीं चाहता कि विकलांगता के कारण स्कूल मंे जिन परिस्थितियांे का सामना मैंने किया, उस तरह कोई दूसरा छात्र परेशान हो। आज भी अधिकतर स्कूल विकलांग बच्चांे को दाखिला देने से बचते हैं। मेरे संपर्क मंे एक अभिभावक ऐसे भी आए, जो कि स्वयं शिक्षक हैं और जिस स्कूल में कार्यरत हैं, वहां वे अपने बच्चे को इसलिए प्रवेश नहीं दिला सके क्योंकि उनका बच्चा विकलांग था। वह बच्चा हमारे स्कूल में पढ़ रहा है। स्कूल में बच्चों को बस्ते के बोझ से छूट दी गई है। बच्चे यहां टैबलेट पर पढ़ाई करते हैं और उनके शिक्षक हर बच्चे पर नजर बनाए रखते हैं कि कौन-क्या कर रहा है। इसके लिए सबके टैबलेट पर कैमरा, गेम और इंटरनेट ब्लॉक किए गए हैं जिससे कि बच्चों का ध्यान पढ़ाई से न हटे। टैबलेट बीएसएनएल से खरीदे गए हैं। यदि कोई अभिभावक आर्थिक रूप से कमजोर होता है तो उनकी मदद की जाती है।     ल्ल
निर्णायक मोड़- स्कूल मंे पढ़ते समय मैं इस बात को जान चुका था कि विकलांग होने पर शिक्षा ग्रहण करना बेहद चुनौतीपूर्ण है। इस चुनौती को मैंने सहर्ष स्वीकार किया।

प्रेरणा-  स्व़  दादा डॉ. कर्मवीर सेना से सेवानिवृत्त हुए थे और उनकी इच्छा थी कि हमारा स्कूल हो। उसी दिन हमने प्रण किया था कि अपना स्कूल खोलंेगे।
विजय मंत्र – स्कूल के द्वार से लेकर कक्षाआंे तक पहुंचना कठिन होता था, लेकिन मैंने उससे हार नहीं मानी और आगे बढ़ता चला गया।
संदेश – यदि व्यक्ति की इच्छाशक्ति प्रबल है तो उसके लिए कोई भी लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल हो सकता है, लेकिन असंभव नहीं। 

डॉ. नरेन्द्र नागर
प्रबंध निदेशक, डीपीएस से-11 डी, फरीदाबाद 

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

गुरु पूर्णिमा पर विशेष : भगवा ध्वज है गुरु हमारा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नामीबिया की आधिकारिक यात्रा के दौरान राष्ट्रपति डॉ. नेटुम्बो नंदी-नदैतवाह ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया।

प्रधानमंत्री मोदी को नामीबिया का सर्वोच्च नागरिक सम्मान, 5 देशों की यात्रा में चौथा पुरस्कार

रिटायरमेंट के बाद प्राकृतिक खेती और वेद-अध्ययन करूंगा : अमित शाह

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies