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सहारनपुर जिले के गांव गंझेड़ी में एक मुस्लिम युवक ने अपनी दाढ़ी काटने के बाद उसे साम्प्रदायिक रंग देने का नाटक रचा। वह कुछ लोगों को अपने षड्यंत्र का शिकार बनाना चाहता था, लेकिन पुलिस जांच में धार्मिक भावनाएं भड़काने के आरोप में वह स्वयं ही आरोपी बन गया। उसे धार्मिक भावनाओं को आहत करने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 153 ए का आरोपी बनाया गया है। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ने संयुक्त रूप से 6 मई को इस बात की पुष्टि की है।
किसी मामूली घटना को साम्प्रदायिक रंग किस तरह से दिया जाता है, उसका जीता जागता उदाहरण सहारनपुर में देखने को मिला। थाना नागल स्थित गांव गंझेड़ी में रहने वाले 23 वर्षीय सनव्वर ने गत दो मई की रात पुलिस से शिकायत कर यह आरोप लगाया कि कुछ लोगों ने उसकी दाढ़ी काट दी है। आरोप था कि गांव जगदेई के जंगल में मोटरसाइकिल पर सवार होकर आए चार हिन्दुओं ने पहले उसे अपशब्द कहे और बाद में मारपीट कर उसकी दाढ़ी काट दी। इस घटना की खबर से जिले से लेकर लखनऊ तक पूरे पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। इसके तत्काल बाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षण नितिन तिवारी के तत्वावधान में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डॉ़ यशवीर सिंह, पुलिस अधीक्षक देहात डॉ़ धर्मवीर और पुलिस उपाधीक्षक देवबंद सुरेशपाल सिंह को मामले की जांच सौंप दी गई। पुलिस उपाधीक्षक सुरेशपाल सिंह के मुताबिक इलाके के एक दर्जन लोगों से एक-एक कर घटना के बारे में पूछताछ की गई, लेकिन कोई खुलासा नहीं हो सका। इस पर वरिष्ठ अधिकारियांे को कुछ संदेह हुआ कि कहीं सनव्वर ने स्वयं ही कोई नाटक न रचा हो। पुलिस ने उससे जब सख्ती से पूछताछ की तो उसने सच उगल दिया। सनव्वर ने पुलिस को बताया कि उसकी मां ने उसे ताना मारा था कि-'वह बूढ़ा हो गया है और ऐसे में उससे शादी कौन करेगा।' इससे परेशान होकर उसने ब्लेड से खुद ही अपनी दाढ़ी काट ली। उसी दौरान ब्लेड टूट जाने से दाढ़ी अधूरी रह गई। इस शर्मिंदगी से बचने के लिए उसने यह खबर फैला दी कि हिन्दुओं के चार लोगों ने उसे बुरी तरह से पीटा और जबरन दाढ़ी काट दी।
जिलाधिकारी डॉ़ इंद्रवीर सिंह यादव ने कहा कि सन्नवर ने जिस तरह का नाटक रचकर अफवाह फैलाई उससे जिले की शांति और कानून-व्यवस्था बिगड़ सकती थी। उन्होंने लोगांेेे को सचेत करते हुए कहा कि भविष्य में वे सांप्रदायिक तनाव फैलाने वाली अफवाहों पर प्रतिक्रिया करने से पहले उसकी सच्चाई जरूर जान लें। जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक का कहना था कि दो माह पहले सहारनपुर में कुछ लोगो द्वारा इसी तरह एक मस्जिद गिराने की झूठी अफवाह फैलाने से भी हिंसा भड़क गई थी। उसमें कुछ लोगों की जानंे चली गई थीं, काफी लोग घायल हुए थे और करोड़ों रुपए की संपत्ति का नुकसान हुआ था। इस मौके पर दोनों अधिकारियों ने मीडिया से भी अपील की कि वे संवेदनशील मामलों के प्रकाशन से पहले उसकी गहराई से जांच एवं पुष्टि अवश्य करें। पुलिस महानिरीक्षक मेरठ जोन आलोक शर्मा ने सहारनपुर पुलिस के इस कार्य की सराहना की। ल्ल प्रतिनिधि
नागालैंड में बढ़े आतंकवादी हमले
नागालैंड एक बार फिर से हिंसा की चपेट में आ गया है। आतंकवादी चुन-चुन कर सुरक्षा बलों के जवानों को निशाना बना रहे हैं। ऐसा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि केन्द्र सरकार ने नेशनल सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नागालैंड-खापलांग (एनएससीएन-के) की राष्ट्र विरोधी मांगों को मानने से इंकार कर दिया। इसके बाद एनएससीएन-के ने 14 वर्षों से चले आ रहे युद्ध विराम को तोड़ दिया।
अप्रैल माह में ही एक के बाद एक हमले कर आतंकवादियों ने सैनिकों का खूब खून बहाया है। गत 25 अप्रैल को कोहिमा में असम राइफल्स के 19 जवानों की हत्या कर दी। 3 मई को एनएससीएन-के ने 23 असम राइफल्स के 'सी' कंपनी पर तोबड़तोड़ दो बार हमला कर 8 जवानों की हत्या कर दी और 9 जवानांे को बुरी तरह से घायल कर दिया। एक ट्रक में सैनिक नागालैंड के मोन जिले स्थित तोबू टाउन से 10 किलोमीटर दूर चांगलांग्स गांव से पानी लेने गए थे। उसी समय पोस्ट संख्या 148 के निकट दोपहर 2:45 बजे घात लगाकर बैठे आतंकवादियों ने हमला बोल दिया। इस हमले में तीन जवान मारे गए। इस हमले की सूचना मिलते ही जब जवानों की दूसरी टुकड़ी मौके पर पहुंची तो वहां छिपे आतंकवादियों ने पांच अन्य जवानों पर हमला कर उनकी जान ले ली। आतंकवादी जवानों के हथियार लेकर फरार हो गए। इस मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि एक घायल हो गया। घायल आतंकवादी को उसके साथी अपने साथ घसीट कर ले गए। मारे गए 8 जवानांे में से 7 असम राइफल्स, जबकि उक नागा टेरिटोरियल आर्मी से है। यदि समय रहते इन पर लगाम नहीं कसी गई तो स्थिति बेकाबू हो जाएगी। ल्ल जगदम्बा मल्ल
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