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भूकंप की त्रासदी से त्रस्त नेपालवासियों का दर्द बांटने के लिए सबसे पहले भारत ने हाथ बढ़ाया। अभी भूकंप को आए घंटा भर भी नहीं बीता था कि भारत सरकार ने आपात बैठक करके नेपाल की मदद के लिए ऑपरेशन मैत्री की पूरी रणनीति बना ली। भारतीय वायुसेना के विमान राहत सामग्री और आपदा से निपटने में विशेषज्ञ दलों के साथ काठमांडू रवाना हो गए; आहत नेपालवासियों को हरसंभव मदद पहुंचाई और संकट में फंसे भारतीयों को वहां से निकाला। लेकिन विपदा की इस घड़ी में भी ईसाई मिशनरियों ने अपनी 'फसल' काटने का दाव खेला। 'गिद्धों' ने मुसीबत में फंसे लोगों को अपने अमानुषिक पाश में जकड़ने की उतावली दिखाई। नेपाल के साथ समान संस्कृति के सूत्रों से बंधे भारत ने दुनिया को एक बार फिर यह दिखा दिया कि पड़ोसी धर्म क्या होता है और दर्द बांटना किसे कहते हैं।
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