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पिछले दिनों बिहार के सोनपुर स्थित हरिहरनाथ से नेपाल के मुक्तिनाथ तक एक यात्रा आयोजित की गई। उल्लेखनीय है कि हरिहरनाथ के पास ही नारायणी नदी गंगा में मिलती है और मुक्तिनाथ उसका उद्गम स्थल है। यानी यह यात्रा नारायणी नदी के विसर्जन स्थल से लेकर उद्गम स्थल तक हुई। इसका उद्घाटन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारी मण्डल के सदस्य श्री इन्द्रेश कुमार ने किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस तरह की यात्राएं सांस्कृतिक और धार्मिक रूप से लोगों को सजग करती हैं। यात्रा में लगभग 150 लोगों ने भाग लिया। रास्ते में इस यात्रा का जोरदार स्वागत हुआ और लोगों में एक नई ऊर्जा पैदा हुई। यात्रा के समापन पर यात्रा समिति के अध्यक्ष और बिहार भाजपा के पूर्व अध्यक्ष श्री गोपाल नारायण सिंह ने लोगों को सम्बोधित किया। यात्रा समिति के उपाध्यक्ष श्री रामलखन सिंह ने बताया कि एक सप्ताह तक हुई इस यात्रा का उद्देश्य दोनों देशों के लोगों के सम्बंधों को और मजबूत करना था। -प्रतिनिधि
'जम्मू-कश्मीर को राजनीतिक चश्मे से देखना घातक'
पटना में 21 अप्रैल को 'जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक एवं विधिक स्थिति' पर विद्वानों ने विमर्श किया और कहा कि इस राज्य को खुले मन से देखने की जरूरत है। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता और जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र, नई दिल्ली के निदेशक श्री अरुण कुमार ने कहा कि जम्मू-कश्मीर की समस्या को राजनीतिक चश्मे से देखना घातक है। वहां की संवैधानिक एवं विधिक स्थिति पर पारदर्शी तरीके से चिंतन करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर के लोगों का दुर्भाग्य है कि उनके दर्द को किसी ने सही ढंग से टटोलना उचित नहीं समझा। आजादी के बाद जो भी सरकारें आईं वे वहां की समस्या को राजनीतिक चश्मे से देखती रहीं। सरकारी रवैयों ने राज्य की समस्याओं को और उलझा दिया। उन्होने कहा कि अनुच्छेद 370 पर एक व्यापक बहस की आवश्यकता है। जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र के बिहार प्रदेश सचिव डॉ़ गिरीश गौरव ने कहा कि सामान्य व्यक्ति जम्मू-कश्मीर को मीडिया की नजर से देखता है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय पटना के कुलपति सह डीएस राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय विशाखापत्तनम के कुलाधिपति डॉ़ ए़ लक्ष्मीनाथ ने की। उन्होंने जम्मू-कश्मीर की संवैधानिक एवं विधिक स्थिति पर व्यापक चर्चा की। कार्यक्रम में प्रख्यात भूगोल वेत्ता डॉ़ सुदिप्तो अधिकारी, उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता अनिरुद्ध राजपूत, ए. एऩ सिन्हा सामाजिक अध्ययन एवं शोध संस्थान, पटना के सह प्राध्यापक डॉ़ सुधीर कुमार, जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र, पटना के अध्यक्ष एवं ए़ एऩ सिन्हा सामाजिक अध्ययन एवं शोध संस्थान के प्राध्यापक डॉ़ अजय कुमार झा इत्यादि ने भी अपने विचार रखे। कार्यक्रम का आयोजन जम्मू-कश्मीर अध्ययन केन्द्र एवं चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, पटना ने किया था। -संजीव कुमार
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