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राष्ट्रीय सेवा संगम का उद्घाटन 4 अप्रैल को विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानंदमयी करेंगी। इसी दिन सायं को सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे। 5 अप्रैल को सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और विप्रो के अध्यक्ष श्री अजीम प्रेमजी का सान्निध्य मिलेगा।
राष्ट्रीय सेवा भारती के तत्वावधान में नई दिल्ली के अलीपुर में दूसरा राष्ट्रीय सेवा संगम 4, 5 एवं 6 अप्रैल को आयोजित हो रहा है। इस संगम में राष्ट्रीय सेवा भारती से सम्बंधित 700 से अधिक स्वयंसेवी संस्थाएं भाग ले रही हैं। तीन दिवसीय इस आवासीय संगम में देशभर से 3000 से अधिक कार्यकर्ताओं के भाग लेने की संभावना है। पहला सेवा संगम कुछ वर्ष पहले बेंगलुरू में आयोजित हुआ था।
सेवा संगम का उद्घाटन 4 अप्रैल को विश्वविख्यात आध्यात्मिक गुरु माता अमृतानन्दमयी करेंगी। इसी दिन सायं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह श्री भैयाजी जोशी संगम में आए प्रतिभागियों को सम्बोधित करेंगे। 5 अप्रैल को कार्यकर्ताओं को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक श्री मोहनराव भागवत और 'विप्रो' के अध्यक्ष एवं प्रख्यात उद्योगपति श्री अजीम प्रेमजी सहित अनेक विद्वानों और सेवा कायार्ें में लगे महानुभावों का सान्निध्य प्राप्त होगा। 6 अप्रैल को संगम का समापन समारोह आयोजित होगा और इसके मुख्य अतिथि होंगे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सहसरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले।
संगम में स्वयंसेवी संस्थाओं द्वारा देशभर में हो रहे सेवा कायार्ें की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, साथ ही सेवा कार्य कर रहे कार्यकर्ताओं के अनुभव भी सुनने को मिलेंगे। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय सेवा भारती से जुड़ीं संस्थाएं महानगरों की सेवा बस्तियों, पिछड़े और वनवासी क्षेत्रों में शिक्षा, स्वावलम्बन, चिकित्सा, संस्कार, समरसता, रोजगार आदि के लिए कार्य कर रही हैं। इन संस्थाओं द्वारा पूरे भारत में डेढ़ लाख से अधिक सेवा केन्द्र चलाए जा रहे हैं। इन केन्द्रों से प्रतिवर्ष 6-7 लाख लोग लाभान्वित होते हैं। किसी को चिकित्सकीय मदद मिल जाती है, किसी को रोजगार मिल जाता है, किसी को स्वरोजगार करने का प्रशिक्षण मिलता है। इन संस्थाओं के द्वारा चलाए जा रहे शिक्षण संस्थानों में वनवासी और कमजोर वर्ग के हजारों बच्चे प्रतिवर्ष नि:शुल्क शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन संस्थानों से पढ़कर निकले बच्चे समाज जीवन के हर क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य कर रहेे हैं। प्रशासनिक पदाधिकारी, सैन्य अधिकारी, चिकित्सक, विश्वविद्यालयों में प्राध्यापक जैसे महत्वपूर्ण दायित्वों को निभा रहे हैं। कुछ बच्चे विदेशों में शोध कार्य भी कर रहे हैं। यही नहीं ये बच्चे सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में सेवाभाव से शिक्षण कार्य कर रहे हैं। ये संस्थाएं नई पीढ़ी को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए बड़ी संख्या में कम्प्यूटर प्रशिक्षण केन्द्र चलाती हैं, जहां बहुत ही न्यूनतम शुल्क पर बच्चों को कम्प्यूटर विज्ञान की हर विधा की जानकारी दी जाती है। इससे हजारों बच्चे स्वावलम्बी बन रहे हैं। यही नहीं, किसी आपदा के समय भी इन संस्थाओं के कार्यकर्ता तन, मन, धन से पीडि़तों की सेवा करने में जुट जाते हैं। प्रतिनिधि
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