अंधाकानूनशब्दों को कभी नहीं मारा जा सकता।'
May 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • अधिक ⋮
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

अंधाकानूनशब्दों को कभी नहीं मारा जा सकता।'

by
Mar 7, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 07 Mar 2015 15:15:53

.मेरे पिता एक बहुत ही प्रसिद्ध बंगाली लेखक थे। वे विज्ञान और नास्तिकता के बारे में लिखने के लिए जाने जाते थे। वे मेरी मां के साथ पिछले दिनों बंगलादेश में राष्ट्रीय पुस्तक मेले में अपनी किताबों के प्रकाशन के लिए गए थे। इस्लामिक कट्टरपंथियों ने मेरे पिता की चाकुओं से गोदकर हत्या कर दी। मेरी मां को भी इस हमले में गंभीर चोटें आई हैं और वे अस्पताल में भर्ती हैं। उनकी मौत बंगलादेश में सुर्खियों में रही। जो मैं यह बातें आपसे साझा कर रही हूं वह मेरे लिए कम और मेरे पिता के लिए ज्यादा हैं। उनका अटूट विश्वास था लोगों के विचारों को इस तरह उजागर किया जाए जिससे कि दुनिया को और बेहतर बनाया जा सके। जब मैं छह वर्ष की थी तब मेरे पिता और माता ने मिलना शुरू किया। अगले 12 वर्षों में वह मेरे अच्छे मित्र बन गए। वे मेरे नायक थे, मेरे 'डांस पार्टनर' थे और मेरे पिता थे। वह अक्सर मुझसे कहते थे 'शांत रहो भद्र बनो और ज्यादा से ज्यादा नम्रता से अपनी बात को रखो।' उन्होंने मुझे वाकपटु और निर्भीक बनना सिखाया। उन्होंने सिखाया कि यदि मैं गुस्से में रहूंगी तो मेरी बातों को कोई तरजीह नहीं देगा। मेरे पिता ने जो मुझे सिखाया मैं हमेशा उसको सहेज कर रखूंगी। यदि मेरी मदद करना चाहते हैं तो उनकी हत्या की खबर को ज्यादा से ज्यादा साझा करें, अपने दोस्तों को बताएं , सोशल साइट पर इसके संबंध में लिखें। उनके बारे में ज्यादा से ज्यादा बातें साझा की जाएं, क्योंकि मैं मानती हूं कि बंगलादेश में कानून नाम की कोई चीज नहीं है। वहां भ्रष्टाचार है और कट्टरपंथियों का राज है। कृपया मेरे पिता की मौत को यूं बेकार न जानें देें मेरा मानना है 'व्यक्ति रहे ना रहे लेकिन उसके शब्द कभी नहीं मरते वे हमेशा जिंदा रहते हैं।'
अविजीत रॉय की बेटी तृषा अहमद के फेसबुक वॉल से :- (तृषा ने लोगों से अपील की है कि उसके पिता की मौत की जानकारी व उन पर हुए हमले को ज्यादा से ज्यादा साझा किया जाए ताकि कट्टरपंथियों के खिलाफ लगातार आवाज उठती रहे और उन्हें मुंहतोड़ जवाब मिले। )

इस्लामिक कट्टरपंथियों ने स्वछंद विचारों वाले एक विद्वान लेखक को मार डाला। हम एक अंधेरे युग में जी रहे हैं।
—तस्लीमा नसरीन, लेखिका

स्वतंत्र सोच वालों के लिए यह दक्षिण एशिया और समस्त विश्व के लिए एक बड़ी क्षति है। वह एक मानववादी सहकर्मी और एक दोस्त थे -उनके लिए जो मानव अधिकारों स्वतंत्रता और तर्कों में विश् वास करते थे। हमारी संवेदनाएं उनके परिवार के साथ हैं।
—बॉब चर्चिल,
आईएसईयूके प्रचार निदेशक

मैं लगभग एक घंटे पहले से इस वार्षिक पुस्तक मेले को देख रहा था और कुछ चीजों पर चर्चा कर रहा था। वह स्वयं ही पुस्तक मेले से बाहर निकलने में असमर्थता जता रहे थे।
—अरीफुर्रहमान,
स्वतंत्र बंगलादेशी ब्लॉगर

वह मेरे भाई समान थे। यह बंगलादेश के लिए एक बड़ी क्षति है। हम उन्हें बंगलादेश का रिचर्ड डॉवकिन्स कहते थे। वह अच्छे व्यक्ति थे। मुझे इस बात का विश्वास नहीं हो रहा कि वे नहीं रहे। वह मेरे मित्र थे और हमने साथ-साथ मजहबी अतिवादियों के खिलाफ छह वर्षों तक काम किया।
—आसिफ मोहिनुद्दीन,
बंगलादेशी लेखक

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Operation Sindoor : एक चुटकी सिंदूर की कीमत…

नागरिकों को ढाल बना रहा आतंकिस्तान : कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान को किया बेनकाब

पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाला युवक हजरत अली गिरफ्तार 

“पहाड़ों में पलायन नहीं, अब संभावना है” : रिवर्स पलायन से उत्तराखंड की मिलेगी नई उड़ान, सीएम धामी ने किए बड़े ऐलान

योगी आदित्यनाथ, मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश

लखनऊ : बलरामपुर, श्रावस्ती, महराजगंज, बहराइच और लखीमपुर खीरी में अवैध मदरसों पर हुई कार्रवाई

पाकिस्तान अब अपने वजूद के लिए संघर्ष करता दिखाई देगा : योगी आदित्यनाथ

चंडीगढ़ को दहलाने की साजिश नाकाम : टाइम बम और RDX के साथ दो गिरफ्तार

कर्नल सोफिया कुरैशी

कर्नल सोफिया कुरैशी ने बताया क्यों चुनी सेना की राह?

“ये युद्धकाल है!” : उत्तराखंड में चारधाम यात्रा से नेपाल सीमा तक अलर्ट, CM ने मॉकड्रिल और चौकसी बरतने के दिए निर्देश

Live: ऑपरेशन सिंदूर पर भारत की प्रेस कॉन्फ्रेंस, जानिये आज का डेवलपमेंट

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies