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.पांथिक सहिष्णुता पर सवाल उठाते हुए भारत को नसीहत देने की कोशिश करने वाले अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने देश में एक मंदिर को निशाना बनाने की कोशिश की गई। मंदिर में तोड़फोड़ की गई और दीवारों पर आपत्तिजनक भाषा में घृणास्पद संदेश लिखे गए। उल्लेखनीय है कि भारत दौरे पर 27 जनवरी को दिल्ली के सिरीफोर्ट सभागार में अपने संबोधन के दौरान अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा था कि भारत में पांथिक आजादी बनाए नहीं रखी गई तो उसका विकास रुक जाएगा। इसके बाद पांच फरवरी को वाशिंगटन में नेशनल ब्रेकफास्ट प्रेयर में भी उन्होंने कहा कि भारत में पांथिक असहिष्णुता इतनी बढ़ गई है कि यदि महात्मा गांधी होते तो वे बहुत आहत होते।
अब उनके अपने ही देश में सिएटल से करीब 36 किमी दूर बोथेल स्थित एक मंदिर में तोड़फोड़ की गई। उसकी दीवार पर नफरत भरे संदेश लिखे गए। हमलावरों ने मंदिर की दीवार पर पेंट से स्वास्तिक का निशान बनाकर 'गेट आउट' लिख दिया। जिस मंदिर को निशाना बनाया गया वह मंदिर अमरीका के बड़े हिंदू मंदिरों में से एक है। हिंदू अमरीकन फाउंडेशन ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। हिंदू मंदिर एवं सांस्कृतिक केंद्र न्यास बोर्ड बोथेल, (वाशिंगटन) के अध्यक्ष नित्य निरंजन ने बताया कि कुछ साल पहले इस मंदिर की बाहरी दीवार पर किसी ने रंग छिड़ककर माहौल बिगाड़ने की कोशिश की थी लेकिन उस वक्त इस संबंध में शिकायत दर्ज नहीं की गई थी। उल्लेखनीय है कि अमरीका में हिंदू मंदिरों को निशाना बनाने की यह पहली घटना नहीं है। पिछले कुछ समय से ऐसी घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है। पिछले वर्ष वर्जीनिया की लोडोउन काउंटी और जॉर्जिया के मोनेरो में ऐसी ही घटनाएं हुई थीं। ल्ल
हस्तक्षेप न करे अमरीका : चीन
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने तिब्बत और ताईवान के मुद्दे पर अमरीका से हस्तक्षेप न करने की अपील की है। उन्होंने अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से फोन पर हुई बातचीत के दौरान कहा कि तिब्बत और ताईवान के मसले पर चीन की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए इस पर हस्तक्षेप न किया जाए। चीन अमरीका से संबंधों को आगे बढ़ाना चाहता है।
चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों पक्षों को सैन्य, आर्थिक, ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में आपसी सहयोग करना चाहिए। उल्लेखनीय है कि बराक ओबामा ने शी जिनपिंग को आगामी सितंबर में अमरीका आने के लिए न्यौता दिया है। इस दौरे को दक्षिण पूर्व एशिया के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दोनों देश एक-दूसरे के साथ व्यापार को बढ़ाने के लिए इच्छुक हैं।
भारत को नसीहत देने पर ओबामा को लताड़ाल्ल
भारत दौरे के दौरान भारत को पांथिक सहिष्णुता की नसीहत देने पर राष्ट्रपति बराक ओबामा से अमरीका में भी लोग नाराज हैं। इन्हीं में पुलित्जर पुरस्कार से सम्मानित वरिष्ठ पत्रकार चार्ल्स क्रॉथमर। वे वाशिंगटन पोस्ट के लिए स्तंभ लिखते हैं। उन्होंने सीरिया और इराक के साथ भारत को पांथिक सहिष्णुता पर पाठ पढ़ाने के लिए ओबामा को जमकर लताड़ा है। एक रेडियो कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि ऐसी कौन-सी मुसीबत है कि वे इस मामले में भारत को घसीट रहे हैं? यह पहला मौका है, जब मैं भारत का नाम इस तरह के विवादों में सुन रहा हूं। यह साफ है कि ओबामा भारत का अपमान कर रहे हैं और इसका कारण ये है कि भारत एक हिंदू देश है उन्होंने ओबामा के भाषण को अप्रिय करार दिया। क्राथमर ने कहा कि आप इस तरह की बातें उस वक्त करते हैं, जब आपकी उम्र 12 साल या 17 साल की होती है। आप कोलंबिया के छात्रावास में बैठकर इस तरह की चर्चा करते हैं लेकिन, ओबामा इसे दुनिया के सामने इस तरह से रख रहे हैं जैसे उन्होंने किसी रहस्य से पर्दा उठा दिया है। वह भी तब जब जॉर्डन के पायलट को आईएस द्वारा जिंदा जलाए जाने से पूरी दुनिया सदमे में है। ओबामा भारत के पीछे पड़ गए हैं, जो कि इस ग्रह पर हमारा सबसे मजबूत, सबसे उल्लेखनीय और लोकतांत्रिक सहयोगी है। इस देश ने सभी मत-पंथों और भाषाओं को आश्रय दिया है। ल्ल
आईएस से लड़ने को ओबामा ने
मांगा युद्ध का अधिकार
अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने इस्लामिक स्टेट (आईएस) के खात्मे के लिए अमरीकी कांग्रेस से युद्ध का अधिकार मांगा है। प्रस्ताव को मंजूरी मिलने पर अमरीका अपनी पूरी शक्ति के साथ आईएस के खिलाफ सैन्य अभियान शुरू कर सकेगा। ओबामा ने भौगोलिक क्षेत्र का ब्यौरा दिए बगैर तीन वर्षों के लिए अनुमति देने का अनुरोध किया है। फिलहाल अमरीका आईएस के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में शामिल है। उन्होंने आईएएस को अमरीकी सुरक्षा के लिए भी खतरा बताया है। ओबामा के अनुसार आईएस हारने की कगार पर है। ऐसे में कांग्रेस से मंजूरी मिलने पर आतंकी संगठन को जड़ से खत्म किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि हमारा गठबंधन आक्रमण की स्थिति में है। जबकि आतंकी बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। आईएस अब हारने वाला है। उन्होंने कहा कि अतंरराष्ट्रीय गठबंधन आतंकी संगठन के ठिकानों, टैंकों व महत्वपूर्ण प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट कर चुका है। आपूर्ति सेवाओं को भी ध्वस्त कर दिया गया है। आईएस के शीर्ष कमांडरों और नेताओं को भी एक बाद एक खत्म किया जा रहा है।
सांसदों को लिखे पत्र में उन्होंने कहा है कि युद्ध की अनुमति मिलने से यह संदेश जाएगा कि अमरीका आतंकियों के खिलाफ लड़ने के बादे पर दृढ़ता से डटा हुआ है। ल्ल
आईएस आतंकियों ने 40 को जिंदा जलाया
अपने दुर्दांत और बर्बरतापूर्ण कार्यों के लिए दुनिया में प्रसिद्ध हो चुके आतंकी संगठन आईएस ने एक और बर्बरता की मिसाल कायम की है। खूंखार आतंकियों ने 40 से अधिक मासूम लोगों को जिंदा जला डाला। मारे गए लोगों में अधिकतर सुरक्षाकर्मी और सरकार से जुड़े प्रतिनिधि शामिल हैं। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार पूर्वी इराक के बगदादी इलाके से इन सबको अगवा किया गया था। आतंकियों ने आइन अल असद हवाई अड्डे पर हमला बोला था। इस एयर बेस के पास अमरीकी सेना के जवानों को ठहराया गया था। इस दौरान आईएस व सैनिकों के बीच जमकर संघर्ष हुआ। आईएस के आतंकी इस क्षेत्र के एक बड़े भूभाग पर कब्जा करने में कामयाब भी हो गए हैं। बताते हैं अमरीकी सेना और आतंकियों के बीच लगातार संघर्ष जारी है। ल्ल
बेल्जियम में 45 जिहादियों को सजा
बेल्जियम में एक ऐसे चरमपंथी गुट के नेता को 12 साल कैद की सजा सुनाई गई है, जिसने सीरिया में जिहादी भेजे थे। बेल्जियम में ये अपनी तरह का सबसे बड़ा मुकदमा है। न्यायालय ने 'शरिया4बेल्जियम' समूह के कुल 45 सदस्यों को चरमपंथ से जुड़े मामलों में दोषी पाया। न्यायाधीश ने इस संगठन को एक आतंकी संगठन करार देते हुए समूह के नेता फवाद बेलकसीम को जेल भेज दिया। संगठन के अन्य 44 सदस्यों को तीन साल से लेकर 15 साल तक की सजा दी गई है। न्यायालय में दलील देते हुए अभियोजकों ने कहा कि इस समूह ने भर्ती किए गए लोगों को इस्लामिक स्टेट जैसे चरमपंथी संगठनों की मदद के लिए भेजा था। जिस समय मामले की सुनवाई चल रही थी उस समय न्यायालय में सात अभियुक्त मौजूद थे। सजा पाए लोगों में से अधिकांश लोग अभी भी सीरिया में बताए गए हैं। यहां के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार सीरिया और इराक में लड़ाई के लिए बेल्जियम से 350 लोग गए हैं। यह संख्या यूरोप में किसी भी देश के मुकाबले अधिक है। ल्ल
गवर्नर ने पुलिसिया बर्बरता के लिए मांगी माफी
अलबामा के गवर्नर रोबर्ट बेंटली ने एक भारतीय बुजुर्ग पर पुलिसिया बर्बरता के लिए क्षमा मांगी है। उल्लेखनीय है कि गत छह फरवरी को पुलिस ने 57 वर्षीय सुरेशभाई पटेल से हाथापाई की जिसके चलते वह आंशिक रूप से लकवे का शिकार हो गए। उन्होंने इस संबंध में भारतीय महावाणिज्यदूत अजीत कुमार को एक पत्र लिखकर कहा 'पटेल और हमारे राज्य में काम कर रहे एवं रह रहे भारतीय नागरिक के साथ हुई इस दु:खद घटना के लिए मैं तहेदिल से माफी मांगता हूं।'साथ ही बेंटली ने अलबामा प्रशासन को मामले की समानांतर जांच करने का आदेश दिया है। पत्र में उन्होंने लिखा है 'मैं सुरेश भाई पटेल पर मेडिसन पुलिस विभाग द्वारा अत्यधिक बल के दुर्भाग्यपूर्ण प्रयोग और उन्हें पहुंची चोट पर खेद प्रकट करता हूं। कृपया ईमानदारी से मेरी माफी को स्वीकार कीजिए।' उन्होंने यह भी उम्मीद भी जताई है कि पटेल की सेहत में सुधार होगा। वहीं पटेल के वकील हेनरी एफ शेरोड ने बताया कि उनकी स्थिति में सुधार के बाद उन्हें हंट्सविले अस्पताल से पुनर्वास केंद्र में स्थानांतरित कर दिया गया है। ल्ल प्रस्तुति : आदित्य भारद्वाज
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