भारत-अमरीका संबंध - हम तो सहिष्णुता के जगद्गुरु हैं
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

भारत-अमरीका संबंध – हम तो सहिष्णुता के जगद्गुरु हैं

by
Jan 31, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 31 Jan 2015 14:53:40

अमरीका के राष्ट्रपति बराक हुसैन ओबामा को अपने सफल और हर्ष परिपूर्ण भारत दौरे के पूरा होतेे-होतेे यह सीख देने की कोई जरूरत नहीं थी कि भारत की सफलता का दारोमदार इस बात पर है कि देश में धार्मिक सहिष्णुता कायम रहती है या नहीं। आखिर उन्हें कौन-सी बात कचोट रही थी या फिर भारत में ऐसी कौन-सी धार्मिक असहिष्णुता घटित हो गई कि ओबामा को सहिष्णुता का आह्वान करना पड़ा? अगर ओबामा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 25 की दुहाई नहीं देते, अगर वे शाहरुख-मिल्खा-मैरिकॉम के नामों का उल्लेख नहीं करते, अगर वे देश के नागरिकों का आह्वान नहीं करते कि धार्मिक सहिष्णुता की रक्षा करना सिर्फ सरकार का ही नहीं, हर नागरिक का कर्तव्य है तो हम समझते कि ओबामा का धार्मिक साहिष्णुता का आह्वान पेरिस में हुए उस आतंकी हमले के सन्दर्भ में है, जिसमें सहिष्णुता प्रेमी पत्रकारों को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। भारत के संदर्भ में हम इतना तो जरूर मान लेते कि ओबामा का इशारा उस पाक आतंकी हमले की ओर है जो ओबामा की भारत यात्रा के दौरान संभावित माना जा
रहा था।
लेकिन ओबामा ने तो भारत से जुड़े इतने संदर्भ बता दिए कि शब्द की कोई गुंजाइश ही नहीं रही कि अमरीकी राष्ट्रपति ने और किसी को नहीं, सीधे-सीधे भारत को धार्मिक सहिष्णुता का पाठ पढ़ा दिया। इस एक ही आह्वान ने हमारे सामने तस्वीर साफ कर दी है कि भारत के बारे में ओबामा उस भारत विरोधी प्रचार तंत्र का शिकार हैं, जो भारत विमुख और कई मायनों में भारत विरोधी सेकुलरों ने सामान्यतया पिछले छह-सात दशकों से और खासकर पिछले आठ-नौ महीनों से बेतहाशा चला रखा है। ओबामा इस घटिया प्रचार तंत्र का इतना आसान शिकार बन चुके हैं कि उन्हें यह भी याद नहीं रहा कि वे किस तरह एक निस्तेज और थोथे तर्क अपनी बात के समर्थन के लिए दे रहे हैं।
कहने को तो ओबामा ने नाम गांधी और स्वामी विवेकानंद का लिया इसके बावजूद उन्हें भारत के इस वैचारिक तत्व का पता तक नहीं है कि भारत में धार्मिक सहिष्णुता देश के संविधान की धारा 21 के कारण नहीं है, बल्कि देश के संविधान मेंं धारा 25 है ही इसलिए कि अपने देश में धार्मिक सहिष्णुता स्वाभाविक रूप से है और संविधान में इस धारा का होना हमारे देश के व्यक्तित्व का एक परिचय है। ओबामा ने शाहरुख-मिल्खा-मैरीकॉम जैसे भारतीयों के, जो उनके हिसाब से भारत के अल्पसंख्यक समुदायों से हैं, नाम तो गिनवा दिए, पर वे यह बताना भूल गए कि देश के कुल जमा 14-15 प्रतिशत आबादी के ये नागरिक भारत में इसलिए सहज रूप से जीवन-यापन कर पा रहे हैं, क्योंकि देश मेंं 84-85 प्रतिशत आबादी हिन्दू है और हिन्दू जीवन का मूलदर्शन है- 'सर्वे भवन्तु सुखिन:।' जिस धार्मिक सहिष्णुता की दुहाई ओबामा ने भारत का लगभग अपमान करते हुए दी है, उस भारत के बारे में ओबामा को पता ही नहीं है कि हमारे देश का मूलमंत्र ही यही है कि 'एकं सद् विप्रा बहुदा वदन्ति।'
अर्थात् सत्य एक है और विद्वान उसे कई तरह से बखान करते हैं। ओबामा से, राष्ट्रपति स्तर के एक व्यक्ति से, खासकर उससे जो विचारधारा का पाठ पढ़ाने सीरीफोर्ट पहुंच गए, ऐसे व्यक्तित्व से यह उम्मीद तो की ही जानी चाहिए कि जिस देश के बारे में बड़बोला फतवा देने को तालियां बटोरने वे खड़े हो गए थे, उन्हें भारत का पता होगा।
विवेकानंद का अर्थ 'मेरे प्यारे भारत के भाइयो और बहनो' यह वाक्य भर नहीं होता, इसके पीछे का जीवनदर्शन होता है, जहां सभी को एक ही माता की संतान माना जाता है। गांधी का अर्थ सिर्फ अहिंसा नहीं होता, अहिंसा के पीछे का वह तत्व भी होता है, जो मनुष्य को आतंक से लड़ने की शक्ति देता है। भारत का अर्थ सिर्फ भारत में आर्थिक निवेश नहीं होता, इसका अर्थ वह जीवनदर्शन होता है, जिस दर्शन में से नरेन्द्र मोदी का महावाक्य जन्म लेता है- 'सबका साथ, सबका विकास।' हमें कृपया धार्मिक साहिष्णुता का पाठ मत पढ़ाइए। हम तो सहिष्णुता के जगद्गुरु हैं।
सहिष्णुता हमारे रक्त में है, सोच में है। हमारी आस्था में है। याद रखिए कि इस जगद्गुरु भारत ने सांस्कृतिक महादेश के रूप में सहस्राब्दियों से बनी उस पहचान पर मुहर लगा रखी है। इस मुहर की भाषा, रंग और शक्ल की समझ हरेक को होनी चाहिए। हमारी राष्ट्रवादी महत्वाकांक्षाओं के आड़े मत आइए। राजनय के क्रूरमार्ग से अलग होकर हमारे अन्दरूनी मामलों में दखलअंदाजी मत करिए। धार्मिक सहिष्णुता का पाठ 9/11 के हमलावरों को पढ़ाइए। उनको भी पढ़ाइए, जो भारत की धार्मिक काया और आस्था में पैसे के जोर पर सेंध लगाने की महत्वाकांक्षाएं पाले बैठे हैं। -सूर्यकान्त बाली

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

स्वामी दीपांकर

भिक्षा यात्रा 1 करोड़ हिंदुओं को कर चुकी है एकजुट, अब कांवड़ यात्रा में लेंगे जातियों में न बंटने का संकल्प

पीले दांतों से ऐसे पाएं छुटकारा

इन घरेलू उपायों की मदद से पाएं पीले दांतों से छुटकारा

कभी भीख मांगता था हिंदुओं को मुस्लिम बनाने वाला ‘मौलाना छांगुर’

सनातन के पदचिह्न: थाईलैंड में जीवित है हिंदू संस्कृति की विरासत

कुमारी ए.आर. अनघा और कुमारी राजेश्वरी

अनघा और राजेश्वरी ने बढ़ाया कल्याण आश्रम का मान

ऑपरेशन कालनेमि का असर : उत्तराखंड में बंग्लादेशी सहित 25 ढोंगी गिरफ्तार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies