कार्टून की दुनिया का स्तंभ : आर. के. लक्ष्मण
July 11, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

कार्टून की दुनिया का स्तंभ : आर. के. लक्ष्मण

by
Jan 31, 2015, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 31 Jan 2015 12:48:32

.सुनील भट्ट
26 जनवरी को भारत के सबसे लोकप्रिय कार्टूनिस्ट आऱ के़ लक्ष्मण का पुणे के दीनानाथ मंगेशकर अस्पताल में निधन हो गया। वे 94 वर्ष के थे। उनके निधन के साथ ही पत्रकारिता जगत में शोक की लहर दौड़ गई। कार्टून की दुनिया का मानो स्तम्भ चला गया। आऱ के़ लक्ष्मण को लोग उनके रचे 'कॉमन मैन' या 'आम आदमी' से ज्यादा पहचानते हैं। पुणे व मुंबई में तो 'आम आदमी' की मूर्तियाँ तक स्थापित की गई हैं। उनके बड़े भाई आऱ के़ नारायण की कहानियों पर बने टी.वी. सीरियल 'मालगुडी डेज' पर बने उनके स्केच आज भी लोगों की स्मृति में ताजा हैं। सोनी के सब टी़ वी़ चैनल ने उनके कार्टूनों को आधार बनाते हुए 'आऱ के़ लक्ष्मण की दुनिया' नाम से सीरियल भी बनाया।
राजनीतिक-सामाजिक कार्टून हमारे समाचार पत्रों व पत्रिकाओं का अभिन्न अंग रहे हैं। इनमें कई-कई कार्टूनिस्टों ने काफी अच्छा काम किया, पर जो लोकप्रियता आऱ के़ लक्ष्मण को मिली, उसका कोई सानी नहीं है। इसका मुख्य कारण है, उनका रचा हुआ 'कॉमन मैन' नाम पात्र, जो उनके कॉलम की परिधि से निकल कर समूचे भारतवर्ष के आम जन का प्रतीक बन गया। पाठकों को इस पात्र में अपनी झलक दिखाई देती है। वह धोती, कुर्ता और चारखाने की जैकेट पहनता है और एक मूकदर्शक की तरह अपने ईद-गिर्द की घटनाओं को हक्का-बक्का सा देखता रहता है। वह हर जगह मौजूद है। वह अकालग्रस्त क्षेत्रों में है, हवाई अड्डे पर है, सड़क के ट्रैफिक जाम में है, चुनाव की रैली में है। वह कुछ नहीं कहता। बस एक गवाह की तरह चुपचाप खड़ा देखता रहता है। वह घटनाओं का रचयिता नहीं, साक्षी है, ठीक भारत के आम नागरिक की तरह।
24 अक्तूबर, 1921 को मैसूर के एक तमिल परिवार में जन्मे रासिपुरम कृष्णास्वामी लक्ष्मण अपने भाइयों में सबसे छोटे थे। उन्हें आऱ के़ नारायण जैसे विख्यात लेखक के रूप में बड़ा भाई मिला, जिसने उन्हें शब्दों के इस्तेमाल में मितव्ययिता बरतनी सिखाई। यह सीख आगे चलकर उनके लिए काफी मददगार साबित हुई। अपने कैरियर की शुरुआत उन्होंने 'फ्री प्रेस जनरल' से की, जहां उन्हें बाला साहब ठाकरे के साथ काम करने का मौका मिला। कुछ समय बाद वे 'टाइम्स ऑफ इंडिया' में आ गए, जहां वे अगले पचास वर्ष तक काम करते रहे। उन्हें प्रसिद्धि अपने कॉलम 'यू सेड़ इट' से मिली। यह कॉलम 'नवभारत टाइम्स' में 'आप फरमाते हैं' के नाम से छपता था। इन पचास वर्षों में उन्होंने हजारों कार्टून बनाए। नेहरू से लेकर इन्दिरा गांधी, राजीव गांधी, अटल बिहारी वाजपेयी तक सब पर उनके 'आम आदमी' की दृष्टि रही। उनके कार्टूनों के लिए उन्हें सराहना भी मिली, निंदा भी। भारत सरकार ने उन्हें अपने दूसरे सबसे बड़े सम्मान पद्म विभूषण से नवाजा। अपनी आत्मकथा 'द टनल ऑफ टाइम' में वे लिखते हैं, 'मैंने पाया लोग मुझे एक कार्टूनिस्ट नहीं, बल्कि एक विचारक, समाज सुधारक, राजनीतिक चिंतक इत्यादि समझते थे। मुझे पाठकों के पत्र मिलते थे, जिसमें लोग अपनी डाक, टेलीफोन, बिजली, नगर निगम की समस्याएं बताते।'
हिन्दी समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में ज्यादातर हास्य की बजाय व्यंग्य को ज्यादा तरजीह दी जाती है। यह मानसिकता लेखन व कार्टून दोनों में दिखती है। व्यंग्य चोट करता है, हास्य गुदगुदाता है। दोनों का उद्देश्य चाहे एक हो, पर असर अलग होता है। बिना किसी को नाराज किए उसकी कमी बताना, वह भी कुछ इस तरह कि वह इसे स्वीकार कर ले, एक मुश्किल काम है। यह काम आऱ के़ लक्ष्मण ने कई बार किया। उनके बनाए कार्टूनों की एक खूबी यह थी कि वे बड़ी से बड़ी बात को बिना हो-हंगामा मचाए आसानी से कह देते थे। यह कोई संयोग नहीं है कि उनके कार्टून स्वतंत्र भारत का इतिहास जानने का एक अच्छा साधन माने जाते हैं और यह स्थिति तब है, जब एक कार्टून की उम्र एक दिन से ज्यादा नहीं होती। आजादी के पचास वर्ष पर उनका संकलन बिना किसी विचारधारा विशेष के बंधन में फंसे एक आम नागरिक की नजर से एक युग की कथा कहता चलता है। हम उन घटनाओं को एक निरपेक्ष दर्शक की नजर से देख पाते हैं। किसी विचारधारा को खुद से दूर रखते हुए मात्र एक दर्शक की दृष्टि से अपने ईद-गिर्द की घटनाओं को देखना एक विकट गुण है। ज्यादातर रचनाकार इस किस्म की नजर नहीं रखते हैं। यही कारण है कि लक्ष्मण के बनाए कार्टून आज भी उतने ही प्रासंगिक हैं, जितने कल थे।

(यह आलेख केवल इन्टरनेट संस्करण के लिए है।)

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

Ajit Doval

अजीत डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान के झूठे दावों की बताई सच्चाई

Pushkar Singh Dhami in BMS

कॉर्बेट पार्क में सीएम धामी की सफारी: जिप्सी फिटनेस मामले में ड्राइवर मोहम्मद उमर निलंबित

Uttarakhand Illegal Majars

हरिद्वार: टिहरी डैम प्रभावितों की सरकारी भूमि पर अवैध मजार, जांच शुरू

Pushkar Singh Dhami ped seva

सीएम धामी की ‘पेड़ सेवा’ मुहिम: वन्यजीवों के लिए फलदार पौधारोपण, सोशल मीडिया पर वायरल

Britain Schools ban Skirts

UK Skirt Ban: ब्रिटेन के स्कूलों में स्कर्ट पर प्रतिबंध, समावेशिता या इस्लामीकरण?

Aadhar card

आधार कार्ड खो जाने पर घबराएं नहीं, मुफ्त में ऐसे करें डाउनलोड

जब केंद्र में कांग्रेस और UP में मायावती थी तब से कन्वर्जन करा रहा था ‘मौलाना छांगुर’

Maulana Chhangur Hazrat Nizamuddin conversion

Maulana Chhangur BREAKING: नाबालिग युवती का हजरत निजामुद्दीन दरगाह में कराया कन्वर्जन, फरीदाबाद में FIR

केंद्र सरकार की पहल से मणिपुर में बढ़ी शांति की संभावना, कुकी-मैतेई नेताओं की होगी वार्ता

एक दुर्लभ चित्र में डाॅ. हेडगेवार, श्री गुरुजी (मध्य में) व अन्य

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ @100 : उपेक्षा से समर्पण तक

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies