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'समात' की आड़ में बंगलादेशी जमात

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Jan 10, 2015, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 10 Jan 2015 15:39:35

हारनपुर का देवबंद बंगलादेशियों की शरणस्थली बनता जा रहा है। हाल ही में नोएडा से गिरफ्तार संदिग्ध बंगलादेशी आतंकी अब्दुल अजीज ढाई साल से देवबंद में रह रहा था। जिहादी मानसिकता वाले अजीज को एक मदरसे ने ही शरण दे रखी थी। इससे साफ हो गया कि मदरसों को आतंकी और घुसपैठिये अपना ठिकाना बनाकर राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। पश्चिम बंगाल में हुए विस्फोट के दौरान भी मदरसों में आतंकियों को प्रशिक्षण देने का खुलासा एनआईए पहले ही कर चुकी है, यदि मदरसों पर छापेमारी की जाए तो न जाने कितने अजीज अवैध रूप से यहां रहते हुए पकड़े जाएंगे।
सहारनपुर पुलिस की नाक तले देवबंद में अजीज का रहना राज्य के गुप्तचर विभाग और पुलिसिया तंत्र पर सवालिया निशान खड़ा कर रहा है। उत्तर प्रदेश पुलिस अभी तक उस मकानमालिक का भी पता नहीं लगा सकी है जिसके घर में अजीज किरायेदार के रूप में ठहरा हुआ था। अब उसके पकड़े जाने के बाद सहारनपुर पुलिस किरायेदारों का सत्यापन कराने की खानापूर्ति कर रही है, लेकिन अजीज के गुपचुप तरीके से वहां रहने के विषय में सहारनपुर पुलिस और खुफिया विभाग के पास कोई ठोस जवाब नहीं है। अब्दुल अजीज जिला नौआखली, थाना बेगमगंज बंगलादेश का निवासी है, जो कि घुसपैठ कर विभिन्न स्थानों पर होकर देवबंद तक पहंुचा था। उसके पास जो हैदराबाद का पहचान पत्र था, उसे संदिग्ध मानकर देवबंद मदरसों में प्रवेश देने से मना कर दिया गया था। उसका आधार कार्ड भी फर्जी पाया गया था। उसे जब देवबंद के मदरसों में प्रवेश नहीं मिला तो वह अवैध रूप से एक मदरसे में रहकर समात के नाम पर इस्लामी शिक्षा लेने लगा। रिकार्ड के अनुसार देवबंद दारूल उलूम पंजीकृत में करीब साढे़ चार हजार एवं दारूल उलूम वक्फ में करीब दो हजार छात्र शिक्षा प्राप्त करते हैं। दोनों संस्थाओं का दावा है कि उनके यहां में कोई विदेशी छात्र नहीं पढ़ता है। जम्मू-कश्मीर सहित देश के सभी सीमीवर्ती राज्यांे के छात्रों के डोमेसाइल सर्टिफिकेट और पुलिस सत्यापन के बाद ही उन्हें प्रवेश देने की व्यवस्था है। सहारनपुर 'लोकल इंटेलीजेंस यूनिट' (एलआईयू) के उपाधीक्षक वीरभान सिंह के मुताबिक सहारनपुर जिले के विभिन्न मदरसों में करीब दो दर्जन बंगलादेशी छात्र पढ़ते हैं। इनमें एक छात्र ने देवबंद मदरसे में दाखिला लिया हुआ है और इन सभी के पास वैध वीजा है। सहारनपुर में 19 और मंडल में कुल 42 मदरसे हैं। पुलिस के मुताबिक सहारनपुर मंडल में 1100 से अधिक बंगलादेशी नागरिक रहते हैं। इनमें से 312 सहारनपुर, 523 मुजफ्फरनगर और अन्य शामली जिले में रह रहे हैं।पुलिस आशंका के चलते करीब 200 बंगलादेशियों की जांच में जुटी है कि कहीं उन्होंने राशनकार्ड या मतदाता सूची मंे अपना नाम तो दर्ज नहीं करा रखा है। इसके लिए किरायेदारों का सत्यापन भी जारी है।
गत 19 दिसम्बर को नोएडा के सेक्टर-14 से गिरफ्तार आतंकी अब्दुल अजीज को आईबी, यूपी और पश्चिम बंगाल एटीएस द्वारा उसे मो. बरकतुल्ला की निशानदेही पर गिरफ्तार किया गया था वरना अजीज को पकड़ना संभव नहीं था।
गणतंत्र दिवस से पूर्व अजीज की गिरफ्तारी को सुरक्षा की दृष्टि से अति महत्वपूर्ण माना जा रहा है। आईबी को पूछताछ में अजीज ने बताया कि पिछले कई माह से वह देवबंद में रह रहा था। बरकतउल्ला की सहारनपुर में रहने वाले बंगलादेशियों से मिलने-जुलने का भी खुलासा हुआ है। इससे यह भी आशंका जताई जा रही है कि अजीज ने देवबंद, सहारनपुर और मुजफ्फनगर में कहीं 'स्लीपर सेल' तो नहीं बना रखे थे। अजीज को गिरफ्तारी के बाद पश्चिम बंगाल एटीएस अपने साथ ले गई। उत्तर प्रदेश के प्रमुख सचिव (गृह) ने रक्षा मंत्रालय को भेजे गए पत्र में स्वीकारा है कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय होकर यहां के युवाओं का नेटवर्क बनाने में जुटी हुई है। गौरतलब है कि बिजनौर से सिमी के छह आतंकी बम बनाते समय हुए विस्फोट के बाद से फरार चल रहे हैं, जो कि किसी बड़ी साजिश को अंजाम देने में जुटे हुए थे। केन्द्र व राज्यों की पुलिस व गुप्तचर विभाग उनकी तलाश में जुट हुए हैं। पिछले दिनों हुए विस्फोट में भी उनकी संदिग्ध भूमिका मानी जा रही है। बिजनौर में भी यदि विस्फोट नहीं होता तो वहां की पुलिस को उनकी भी जानकारी नहीं मिलती। प्रतिनिधि

क्या है 'समात'
समात शिक्षा प्रणाली की ऐसी व्यवस्था है जिसमें छात्र संस्था मंे प्रवेश किए बिना शिक्षा प्राप्त कर सकता है। ऐसे में वह प्रबंधक या मौलवी से अनुमति लेकर या गुपचुप तरीके से कक्षाओं में बैठता है। आतंकी अजीज भी इसी तरीके से इस्लाम की शिक्षा ले रहा था और किसी को उसकी कानों-कान खबर तक नहीं लगी। इससे पहले भी समात के नाम पर शिक्षा प्राप्त करने वाले कई बंगलादेशियों को पकड़ा जा चुका है। भारत सरकार द्वारा पढ़ाई का वीजा बंद करने के बाद बंगलादेशी छात्रों के प्रवेश पर काफी हद तक रोक भी लगी है। देवबंद प्रशासन के अनुसार इसके पकड़े जाने के बाद समात पर सख्ती कर दी गई है। बिना पहचान पत्र के किसी को अब कक्षा में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है।

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