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पिछले दिनों मध्य प्रदेश के उज्जैन में लोगों को मल्लखम्ब का बेहतरीन प्रदर्शन देखने को मिला। मल्लखम्ब करने वाले युवकों ने अपने करतबों से लोगों को तालियां बजाने के लिए विवश कर दिया। इसमें कई वर्गों के 4500 विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इसका आयोजन लोकमान्य तिलक सांस्कृतिक न्यास ने अपने वार्षिकोत्सव के अवसर पर किया था। उल्लेखनीय है कि मल्लखम्ब भारत की प्राचीन कला है, जिसका उल्लेख हमारे पौराणिक ग्रंथों में है। यह विद्या योग,अध्यात्म और अनुशासन का मिश्रित रूप है। मल्लखम्ब को आधुनिक अन्तरराष्ट्रीय खेल जिमनास्टिक का जनक भी कहा जाता है। इसके महत्व को देखते हुए ही मघ्य प्रदेश सरकार ने इसे राजकीय खेल का दर्जा दिया है। ल्ल प्रतिनिधि
बिहार पहुंची भारत परिक्रमा यात्रा
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक रहे श्री सीताराम केदिलाय (अब सन्त सीताराम) की भारत परिक्रमा यात्रा बिहार में प्रवेश कर चुकी है। 31 दिसम्बर, 2014 को उनकी यह यात्रा गोपालगंज जिले में पहंुची। जगह-जगह उनका जोरदार स्वागत हो रहा है। उल्लेखनीय है कि 67 वर्षीय सन्त सीताराम इस यात्रा के दौरान अब तक 10,250 किलोमीटर की पैदल यात्रा कर चुके हैं। उनकी यात्रा के लगभग 900 दिन हो चुके हैं। केरल से प्रारंभ हुई यह यात्रा अनेक राज्यों से होती हुई बिहार पहुंची है। दो दिन के लिए यह यात्रा नेपाल भी गई थी। यात्रा के दौरान सन्त सीताराम लोगों को सलाह देते हैं कि जल,जंगल और जमीन को बचाने का कार्य करें, भारतीयता और भारतीय संस्कृति को बढ़ाने का प्रयत्न करें और स्वदेशी वस्तुओं का प्रयोग करें। उनके साथ यात्रा में हर वर्ग और आयु के लोग शामिल हो रहे हैं। ल्ल प्रतिनिधि
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