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देश भर में जहां एक तरफ हिन्दू भावनाओं से खिलवाड़ करने के विरोध में फिल्म 'पीके' को लेकर उग्र प्रदर्शन जारी हैं, वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने मेहरबानी करते हुए इस फिल्म को 'टैक्स फ्र ी' कर दिया है।
महाराष्ट्र के गृह राज्य मंत्री ने मुंबई के पुलिस महानिरीक्षक देवेन भारती से कहा है कि वे फिल्म देखकर बताएं कि उसमें आपत्तिजनक दृश्य हैं या नहीं। इस पर आश्वासन दिया गया है कि फिल्म में कुछ भी गलत पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी। देश भर में इस फिल्म के विरोध की लहर तेजी से बढ़ रही है और आए दिन जगह-जगह इसके विरोध में धरने-प्रदर्शन जारी हैं। हिन्दू संगठनों का कहना है कि इस फिल्में हिन्दुओं की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है। इन संगठनों ने फिल्म निर्देशक राजकुमार हिरानी और आमिर खान के के खिलाफ मामला दर्ज करने की मांग की है।
सेंसर बोर्ड अध्यक्ष लीला सेमसन ने पीके फिल्म के बारे में कहा है कि सेंसर प्रमाणपत्र जारी कर देने के बाद वे फिल्म में कोई बदलाव नहीं करतीं, लेकिन वास्तव में देखा जाय तो वे असत्य बोल रही हैं। 2012 में फिल्म 'कमाल धमाल मालामाल' में कुछ दृश्यों पर कैथोलिक ईसाइयों ने जब आपत्ति की तो उन्होंने ईसाई गुरुओं के लिए एक विशेष शो दिखाकर उसके बाद सभी आपत्तिजनक दृश्यों को हटवा दिया था।
इसी प्रकार एक अन्य फिल्म 'एंटरटेनमेंट' में एक पात्र के नाम 'अब्दुल्ला' पर मुसलमानों द्वारा आपत्ति करने पर नाम को फिल्म में तोड़-मरोड़ कर पुकारा गया। उस पात्र का नाम भी इन्होंने बदलवाया था। अब हिन्दुओं की आपत्तियों के प्रति संवेदना न रखने की क्या वजह हो सकती है, यह तो वही बेहतर जानती हैं। ल्ल प्रतिनिधि
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