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उपलब्धि-अकेले ऐसे लेखक जो उपन्यास लेखन में 'मैन बुकर पुरस्कार' से सम्मानित हुएनाता-भारत –
मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित लघु कथा और उपन्यास विदेशों में सराहे गए
विभिन्न विषयों पर लेखन के माध्यम से विदेश में भारत का नाम रोशन करना
शब्दों से झलकाई भारत की झलक
कनाडा के मशहूर लेखक रोहिंटन मिस्त्री भारतीय मूल के हैं। रोहिंटन अकेले ऐसे लेखक हैं जिन्हें उपन्यास के लिए 'मैन बुकर पुरस्कार' से सम्मानित किया गया। इनका जन्म 1952 में मुंबई में एक मध्यमवर्गीय पारसी परिवार में हुआ। रोहिंटन ने 1975 में मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से गणित व अर्थशास्त्र में स्नातक की शिक्षा प्राप्त की। कुछ समय बाद कनाडा की फ्रेनी इलेविया से उनका विवाह हो गया, जो कि टोरंटो में शिक्षिका थीं और उसके बाद से रोहिंटन कनाडा ही रहने लगे। उन्होंने टोरंटो में अपना अध्ययन जारी रखने के लिए एक बैंक में नौकरी भी की। इस दौरान उन्होंने दर्शनशास्त्र और अंग्रेजी की डिग्री भी प्राप्त कर ली। टोरंटो विश्वविद्यालय में रहने के दौरान कहानियां लिखने पर उन्होंने दो 'हॉर्ट हाउस' पुरस्कार पाए। 1987 में ही 'पेंगुइन' प्रकाशन द्वारा उनकी 11 कहानियों का संग्रह प्रकाशित किया गया। उन्होंने इसके बाद तीन उपन्यास और कई लघु कहानियां लिखीं। उनका उपन्यास 'सच ए लॉन्ग जर्नी' मुंबई की पृष्ठभूमि पर आधारित रहा जिसमें दर्शाया गया था कि-कैसे एक बैंक क्लर्क सरकार द्वारा की गई धोखाधड़ी का न चाहते हुए भी हिस्सा बन जाता है। इस पुस्तक के लेखन पर उन्हें राष्ट्रकुल लेखक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 1996 में भारत में आपातकाल पर आधारित उनके उपन्यास 'ए फाइन बैलेंस' और 2002 में प्रकाशित 'फैमिली मैटर्स' को खूब सराहा गया। मुंबई पृष्ठभूमि पर आधारित 'ए फाइन बैलेंस' उपन्यास एक पारसी विदुर की कहानी है, जो कि अपने सौतेले बच्चों के साथ रहता था। मिस्त्री को 1991, 1996 और 2002 में बुकर सम्मान हेतु नामित किया गया। 1992 में ही लघु कहानियों का संग्रह और 'स्वीमिंग लेसन एंड फिरोजश बाग' को अमरीका में भी प्रकाशित किया गया। अभी रोहिंटन का कहानी 'दा स्क्रीम' पर काम चल रहा है। रोहिंटन के लिए अमरीका के मशहूर लेखक 'रिक जेकॉस्की' ने एक बार कहा था कि रोहिंटन के पास महान आंखें और विशाल हृदय है जिससे कि वे अपने लेखन में किरदारों को अनोखे ढंग से प्रस्तुत करते हैं।
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