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गत 21 दिसम्बर को नई दिल्ली में विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने 'विश्व हिन्दू परिषद् : एक परिचय' पुस्तक का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हमने कभी मतान्तरण नहीं किया, हम तो लोगों का दिल जीतने व आध्यात्मिक विजय के लिए निकले हैं। घर वापसी करना प्रत्येक बिछुड़े हुए का अधिकार है जिसे कोई रोक नहीं सकता। प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित इस पुस्तक का प्राक्कथन विहिप के अंतरराष्ट्रीय महामंत्री श्री चम्पत राय ने लिखा है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि मतान्तरण रोकने हेतु एक कठोर कानून बने।
पुस्तक के लेखक व विहिप दिल्ली के सह-संगठन मंत्री डॉ. अनिल कुमार ने बताया कि इस पुस्तक में विहिप द्वारा गत 50 वर्ष में किए गए कायार्ें का संक्षिप्त विवरण देने का प्रयास किया गया है। कार्यक्रम में त्रिनिदाद से पधारे पूज्य स्वामी ब्रह्मस्वरूपानन्द, संघ के दिल्ली प्रान्त संघचालक श्री कुलभूषण आहूजा, विहिप के अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्री ओमप्रकाश सिंहल तथा प्रान्त अध्यक्ष ड़ॉ. रिखब चंद जैन सहित अनेक लोग उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
वीरों की भूमि है हरियाणा
कुरुक्षेत्र में 21 दिसम्बर को 'संघ मार्ग' पत्रिका के रजत जयंती वर्ष के अवसर पर प्रकाशित 'वीरभूमि हरियाणा विशेषांक' का लोकार्पण हुआ। समारोह का शुभारंभ मुख्य अतिथि कमांडर फणीश चतुर्वेदी, शिक्षाविद् रतनचंद सरदाना और डॉ़ अतुल यादव ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम में देश की आन-बान-शान की रक्षा के लिए कुर्बानी देने वाले वीर शहीदों के परिवार वाले विशेष रूप से उपस्थित रहे। आयोजन समिति ने 10 शहीद परिवारों को सम्मानित भी किया। समारोह में डॉ़ अतुल यादव ने कहा कि आंकड़े बताते हैं कि हरियाणा की माटी वीर जवानों को जन्म देने वाली जानी जाती है। देश की सीमाओं की रक्षा करने वाले जवानों में हर 10वां सैनिक इसी प्रदेश से है और हर 5वां शहीद भी इसी वीर भूमि से ही सम्बंध रखता है। शहीद नितिन बाली की मां एवं अन्य शहीदों के परिजनों ने भी अपनी व्यथा बताई। कार्यक्रम का आयोजन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, कुरुक्षेत्र के प्रचार विभाग ने किया था। इस अवसर पर विद्या भारती के डॉ़ रामेन्द्र सिंह, डॉ़ हिम्मत सिंह सिन्हा, जिला कार्यवाह प्रीतम सिंह आदि उपस्थित थे। ल्ल
सारनी में स्वयंसेवकों का पथसंचलन
मध्य प्रदेश में बैतूल जिले के सारनी में 21 दिसम्बर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवकों ने पथ संचलन किया। इसमें लगभग 500 स्वयंसेवकों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वयंसेवकों को सम्बोधित करते हुए मध्य भारत प्रान्त के संघचालक श्री सतीश पिंपलीकर ने कहा कि संघ के संस्थापक डॉ. हेडगेवार चिकित्सा की पढ़ाई के लिए कलकत्ता गए थे। वहां उनका क्रांतिकारियों से सम्पर्क हुआ। डॉ. हेडगेवार ने तत्कालीन परिस्थितियों का मूल्यांकन किया और निष्कर्ष निकाला कि आज नहीं तो कल देश स्वतंत्र हो जाएगा, लेकिन सबसे बड़ा प्रश्न है कि क्या हम अपनी स्वतंत्रता को स्थाई रख पाएंगे? वे इस निष्कर्ष पर पहुंचे कि हिन्दू समाज को संगठित किए बिना स्वतंत्रता स्थाई नहीं रह सकती है। इसलिए उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना की। उन्होंने संघ की शाखाओं के माध्यम से कार्यकर्ताओं का निर्माण किया। वही परम्परा आज तक चल रही है। यही कार्यकर्ता समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य कर रहे हैं। उन्होंने स्वयंसेवकों से आग्रह किया कि वे भी कुछ समय निकाल कर संघ कार्य को आगे बढ़ाने में मदद करें। कार्यक्रम की अध्यक्षता सतपुड़ा ताप विद्युत गृह के अतिरिक्त मुख्य अभियन्ता श्री के.के. जैन ने की। इस अवसर पर बैतूल जिले के संघचालक श्री नरेन्द्र धर्मादे भी उपस्थित थे। -प्रतिनिधि
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