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सत्यार्थी और मलाला नोबेल से सम्मानित

by
Dec 13, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 13 Dec 2014 14:45:42

बाल अधिकार कार्यकर्ता कैलाश सत्यार्थी और पाकिस्तान की मलाला यूसुफजई समेत 11 हस्तियों को गत 10 दिसंबर को नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। नॉर्वे की राजधानी ओस्लो में आयोजित कार्यक्रम में नोबेल विजेताओं को नोबेल पदक, नोबेल डिप्लोमा और उनकी पुरस्कार राशि दी गई। इस अवसर पर भारतीय सरोद वादक उस्ताद अमजद अली खान ने अपने बेटे अमान और अयान के साथ सरोद वादन किया। शांति पुरस्कार ग्रहण करने के बाद अपने संबोधन में कैलाश सत्यार्थी ने कहा कि बच्चों के सपनों को कुचलना सबसे बड़ा अपराध है, मैं खामोशी की ध्वनियों और मासूमियत की आवाज का ही प्रतिनिधित्व करता हूं। ल्ल

मिस्र में भारतीय संविधान का पहला अरबी अनुवाद
भारतीय संविधान के मसौदे और लोकतांत्रिक संस्थाएं बनाए रखने में इसके योगदान की सराहना के बीच मिस्र में इसका पहला अरबी अनुवाद जारी किया गया। यह आयोजन भारतीय दूतावास और लीग ऑफ अरब स्टेट्स ने लीग के सचिवालय में किया। लीग के महासचिव नाबिल अल अरबी ने विदेश मंत्रालय के सचिव अनिल वाधवा के साथ मिलकर भारतीय संविधान का अनुवाद जारी किया। अरबी ने ऐसा संविधान बनाने के लिए भारत के संविधान निमार्ताओं की सराहना की, जो समाज के सभी वर्गो की आकांक्षाएं पूरा करता है। उन्होंने कहा कि यह भाषाई, पांथिक व जातीय विविधताएं दर्शाता है। मिस्र में भारत के राजदूत नवदीप सूरी ने इस कदम को मील का पत्थर बताया। इस मौके पर मौजूद राजनयिकों, विद्वतजन ने संविधान के महत्व की चर्चा की। ल्ल

एकजुट भारतवंशियों ने चुना अनिरुद्ध को
मॉरीशस के संविधान में बदलाव के प्रस्ताव को वहां के लोगों ने नकार दिया है। दरअसल लेबर पार्टी के प्रमुख नवीन रामगुलाम देश के संविधान में देश की सत्ता का राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच बंटवारा कराना चाहते थे। जिसके लिए संविधान में संशोधन किए जाने की बात थी। इसलिए अक्तूबर में देश की संसद को भंग कर दिया गया था। देश के विपक्षी दल के नेता पॉल बेरेन्गर ने भी रामगुलाम के साथ हाथ मिला लिया था। मॉरीशस के चुनावी नतीजों से स्पष्ट हो गया है कि वहां की जनता देश के संविधान के बदलाव के पक्ष में नहीं है। मॉरीशस के चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री अनिरुद्ध जगन्नाथ की पार्टी एसएसएम और पीएमएसडी के गठबंधन ने 62 में से 47 सीटें जीती हैं। जबकि संविधान बदलने की वकालत करने वाली लेबर पार्टी और उसके सहयोगी दलों को मात्र 13 सीटें मिली हैं। माना जा रहा है कि जगन्नाथ ही वहां के अगले प्रधानमंत्री होंगे। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि अधिकांश भारतवंशी संविधान में संशोधन किए जाने की बात को पचा नहीं पा रहे थे। वे राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के बीच शक्तियों के बंटवारे के पक्ष में नहीं थे। इसलिए उन्होंने लेबर पार्टी को समर्थन नहीं दिया। मॉरीशस में बड़ी जीत हासिल करने के अवसर पर अनिरुद्ध जगन्नाथ ने कहा कि जो आपत्तिजनक था लोगों ने उसका समर्थन नहीं किया।
यदि चुनावों से पहले की बात की जाए तो वहां की आबोहवा से साफ जाहिर था कि लोग सत्तासीन रही लेबर पार्टी की नीतियों के पक्ष में नहीं थे। मॉरीशस को लघु भारत कहा जाता है और यह सही भी है। भारत के लिए मॉरीशस बेहद महत्वपूर्ण केवल इसलिए नहीं है कि वहां पर भारतीय मूल के लोगों की संख्या सबसे ज्यादा है बल्कि वहां की राजनीतिक व्यवस्था भी हमसे मेल खाती है। इसके अलावा मॉरीशस की भौगोलिक स्थिति के हिसाब से भी वह भारत के साथ व्यापार के लिए अनुकूल है। मॉरीशस में अनिरुद्ध जगन्नाथ की वापसी वहां रह रहे भारतीयों के अलावा भारत के लिए भी शुभसंकेत है। राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि मॉरीशस की भावी सरकार की नीतियों से दोनों देशों के संबंधों में और प्रगाढ़ता आएगी। ल्ल विशेष प्रतिनिधि

रिचर्ड राहुल वर्मा होंगे भारत में अमरीका के राजदूत
अमरीकी सीनेट ने भारत में अमरीका के अगले राजदूत के रूप में रिचर्ड राहुल वर्मा के नामांकन पर गत 9 दिसंबर को मुहर लगा दी है। 46 वर्षीय वर्मा भारतीय मूल के पहले ऐसे अमरीकी हैं। जो भारत में अमरीका के राजदूत होंगे। जल्द ही वह शपथ लेंगे। वह अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे से पहले नई दिल्ली पहुंचकर अपनी जिम्मेदारी संभालेंगे। वर्मा नैंसी पॉवेल की जगह लेंगे, जिन्होंने कनिष्ठ भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े से संबंधित मामले में पैदा विवाद के बाद मार्च में इस्तीफा दे दिया था। असैन्य परमाणु करार को कांग्रेस की मंजूरी दिलवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले वर्मा ने प्रशासन में रहने के दौरान भारत और अमरीका के मजबूत संबंधों की पैरोकारी की थी। ल्ल

इमरान पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत केस दर्ज
पाकिस्तान के विपक्षी नेता इमरान खान पर फैसलाबाद में एक रैली के दौरान पंजाब के पूर्व कानून मंत्री राणा सनाउल्लाह के खिलाफ हिंसा भड़काने के आरोप में आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है। उल्लेखनीय है कि गत आठ दिसंबर को को सत्ताधारी दल पीएमएल (नवाज) व विपक्षी तकरीक-ए-इंसाफ के समर्थकों के बीच फैसलाबाद में जगह-जगह झड़पें हुई थीं। जिसमें एक व्यक्ति की मौत हो गई थी और 17 अन्य घायल हो गए थे। सनाउल्लाह का आरोप है कि विरोध प्रदर्शन के दौरान संघर्ष में एक व्यक्ति के मारे जाने के बाद इमरान व अन्य लोगों ने भीड़ को उनके घर पर हमले के लिए उकसाया। -प्रस्तुति: आदित्य भारद्वाज

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