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अजमेर के मोइनिया इस्लामिया विद्यालय के प्रांगण में 26 नवम्बर को युवा समागम आयोजित हुआ। समागम को सम्बोधित करते हुए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत को विश्व में सबसे ऊपर लाने के लिए युवा शक्ति को मिलकर नवोत्थान का दौर प्रारम्भ करना होगा। भारत का केवल गौरवशाली प्राचीन इतिहास ही नहीं रहा है, वरन् आज भी भारत दुनिया को अपनी उपलब्धियों का लोहा मनवा रहा है। विश्व की प्रमुख सूचना प्रौद्योगिकी कम्पनियों की भारतीयों पर निर्भरता, दूसरे देश के उपग्रहों को भारत के अंतरिक्षयान से छोड़ना, मंगल पर अल्प खर्चे पर सटीकता से यान भेजना। ये सब बातें भारत को फिर से सिरमौर बनाने की झलक दिखाती हैं। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुम्बकम् का उद्घोष करने वाला व्यक्ति अपने समाज को ही परिवार नहीं मानता। इसी से जाति भेद और ऊंच-नीच जैसी बुराइयां दिखाई देती हैं। हम दूसरों के कारण पिछड़े और गुलाम नहीं हुए, बल्कि अपनी कमजोरियों के कारण हुए। हम अपनी कमजोरियों पर विजय प्राप्त कर लेंगे तो एक बार फिर से दुनिया का मार्गदर्शन कर सकेंगे। उन्होंने उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि पश्चिमीकरण एवं आधुनिकीकरण पर्यायवाची नहीं है। यह धारणा बदलनी होगी कि जो कुछ पश्चिम का है, वही आधुनिक है। हमें अपनी संस्कृति को आधार बनाकर आधुनिक बनने की ओर कार्य करना होगा।
इस अवसर पर विभाग संघचालक श्री बसंत विजयवर्गीय, महानगर संघचालक श्री सुनील दत्त जैन, महानगर सहसंघचालक श्री जगदीश राणा आदि उपस्थित थे। समागम में शहर के विभिन्न महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के लगभग 1500 युवकों ने भाग लिया। ल्ल प्रतिनिधि
गीता जयंती में बिखरी आध्यात्मिक , सांस्कृतिक छटा
धर्मनगरी कुरुक्षेत्र में 23 नवम्बर से 2 दिसम्बर तक श्री गीता जयंती महोत्सव आयोजित हुआ। 9 दिवसीय इस महोत्सव में देश के अनेक राज्यों की सांस्कृतिक छटा देखने को मिली। प्रतिदिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ-साथ अनेक गोष्ठियां भी हुईं। महोत्सव में देशी-विदेशी लाखों लोगों ने भाग लिया। समापन कार्यक्रम में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ब्रह्मसरोवर के पावन तट पर वेद मंत्रों के उच्चारण के बीच दीप दान किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि गीता का भगवान श्रीकृष्ण के मुखारविंद से उद्गम हुआ है और यह भारत ही नहीं पूरे विश्व के लिए मार्गदर्शक बन गई है। उन्होंने कहा कि भगवान की इस कृपावाणी से हताश को उत्साह, अधैर्य को धैर्य तो मिलता ही है, जीवन में उमंग भी प्राप्त होती है। प्रदेश के राज्यपाल कप्तान सिंह सोलंकी ने 'गीता की वैश्विक दृष्टि' पर आयोजित संगोष्ठी में कहा कि गीता में विश्व की हर समस्या का समाधान है। गीता ज्ञान को आचरण में उतारने से नर को नारायण के दर्शन हो सकते हंै। कुरुक्षेत्र के जयराम विद्यापीठ आश्रम में गीता शोध केन्द्र का शुभारंभ प्रदेश के शिक्षा मंत्री रामविलास शर्मा ने किया। उन्होंने कहा कि गीता ज्ञान का मूल संस्कृत भाषा है और संस्कृत में ही भारतीय संस्कृति के दर्शन किए जा सकते हैं। इस अवसर पर विद्वानों ने कहा कि प्रदेश सरकार संस्कृत भाषा को भी अनिवार्य विषय बनाने की ओर कदम उठाए। -गणेशदत्त वत्स
जयपुर में मन्दिर-ध्वंस का जबर्दस्त विरोध
जयपुर में 2 दिसम्बर को विश्व हिन्दू परिषद् एवं बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जयपुर महानगर में सौन्दर्यीकरण के नाम पर मन्दिरों को तोड़े जाने के विरोध में प्रदर्शन किया। उल्लेखनीय है कि पिछले दिनों जयपुर विकास प्राधिकरण एवं जिला प्रशासन ने अनेक मन्दिरों को तोड़ दिया है। प्रदर्शनकारियों को सम्बोधित करते हुए बजरंग दल के प्रान्त सह संयोजक अशोक सिंह राजावत ने कहा कि जयपुर शहर में रात्रि में बिना सूचना के मन्दिर तोडे़ जा रहे हैं। पुजारियों को धमकाया जा रहा है। जयपुर शहर के अनेक मन्दिर अब तक तोडे़ जा चुके हैं। -प्रतिनिधि
दादरा नगर हवेली के मुक्ति आन्दोलन पर नई पुस्तक
3 दिसम्बर को इतिहास संकलन समिति के अखिल भारतीय संरक्षक श्री हरीभाऊ वझे मुम्बई से सिलवासा पहंुचे और उन्होंने वहां के समाहर्ता श्री धनश्याम मीणा से भेंट की। उनसे आग्रह किया कि इतिहास संकलन समिति ने दादरा नगर हवेली के मुक्ति आन्दोलन पर जो पुस्तक प्रकाशित की है उसे यहां के गजट में शामिल कराएं। समाहर्ता ने आश्वस्त किया कि यह कार्य अवश्य होगा। उन्होंने यह भी कहा कि यह पुस्तक दादरा नगर हवेली के विद्यालयों में भी दी जाएगी। उल्लेखनीय है कि सन् 1954 में दादरा नगर हवेली को पुर्तगालियों से मुक्त कराने के लिए आन्दोलन चला था। इस सन्दर्भ में इतिहास संकलन समिति ने कुछ समय पूर्व अघ्ययन कर गुजराती में एक पुस्तक का प्रकाशन किया है। सन् 2011 में एक वृत्तचित्र की सी़ डी. का भी निर्माण किया गया था। इन दोनों के निर्माण में प्रशासन ने अच्छा सहयोग किया था। -प्रतिनिधि
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