बाल चौपाल - अच्छाई का फल हमेशा मीठा होता है
July 12, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

बाल चौपाल – अच्छाई का फल हमेशा मीठा होता है

by
Dec 6, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 06 Dec 2014 16:11:29

एक बार एक लड़का अपने विद्यालय की फीस भरने के लिए एक दरवाजे से दूसरे दरवाजे तक कुछ सामान बेचा करता था। वह सुबह-सवेरे घर से निकलता, दोपहर तक लोगों के घरों के दरवाजे-दरवाजे जाकर सामान बेचता। सामान बेचकर उसे जो पैसे मिलते उससे वह विद्यालय की फीस भरता और अपनी रोजमर्रा की आवश्यकताएं पूरी करता। एक बाद रात को वह जमकर पढ़ाई करता।
एक दिन उसका कोई सामान नहीं बिका और उसे बड़े जोर से भूख भी लग रही थी। जब भूख बर्दाश्त से बाहर हो गई तो उसने यह तय किया कि अब वह जिस भी दरवाजे पर जायेगा, उससे खाना मांगकर खा लेगा।
जैसे ही उसने पहला दरवाजा खटखटाया तो एक लड़की ने दरवाजा खोला। लड़का शर्म के मारे खाना तो मांग नहीं सका लेकिन वह घबराया था तो उसने एक गिलास पानी मांग लिया।
लड़की उसकी स्थिति देखकर समझ गई कि वह भूखा है। इसलिए वह एक बड़ा गिलास दूध का ले आई और लड़के ने दूध पी लिया।
कितने पैसे दूं? लड़के ने पूछा। पैसे किस बात के? लड़की ने जवाब में कहा-मां ने मुझे सिखाया है कि जब भी किसी पर दया करो तो उसके पैसे नहीं लेने चाहिए ?
तो फिर मैं आपको दिल से धन्यवाद देता हूं, यह कहकर वह लड़का वहां चल पड़ा। लड़का जैसे ही वहां चला तो उसके चेहरे पर प्रसन्नता के भाव थे। दूध पीने से उसके शरीर में ताकत भी आ गई थी। साथ ही ईश्वर पर उसका भरोसा और भी ज्यादा हो चला था। वह हृदय से बार बार उसका लड़की को धन्यवाद दे रहा था।
बात बहुत पुरानी हो गई। कई वर्षों बाद अचानक वह लड़की गंभीर रूप से बीमार पड़ गई। स्थानीय डॉक्टर जब उसका इलाज नहीं कर सके तो उसे शहर के बड़े अस्पताल में इलाज के लिए भिजवा दिया। वहां पर विशेषज्ञ डॉक्टर होवार्ड केल्ली को मरीज देखने के लिए बुलाया जाता था। जैसे ही डॉक्टर ने लड़की और उसके कस्बे का नाम सुना तो उसकी आंखों में चमक आ गई। वह एकदम सीट से उठा और उस लड़की के कमरे में गया। उसने उस लड़की को देखा और एकदम से उसे पहचान लिया। हालांकि डॉक्टर ने उसे यह महसूस नहीं होने दिया कि वह उसे पहचान गया है। उसने तय किया कि वह उसकी जान बचाने के लिए जमीन आसमान एक कर देगा। डॉक्टर ने लड़की का इलाज शुरू कर दिया। लड़की की सेहत सुधरने में महीनों का समय लगा। डॉक्टर की मेहनत और लगन रंग लाई। वह धीरे-धीरे ठीक होने लगी और अब उसकी जान को कोई खतरा नहीं रहा, वह बिल्कुल ठीक हो गई।
डॉक्टर ने अस्पताल के ऑफिस में जाकर उस लड़की के इलाज का बिल लिया। उन्होंने उस बिल के एक कोने पर कुछ लिखा और उसे लड़की के पास भेज दिया। लड़की की आर्थिक स्थिति बेहद खराब थी। वह बिल देखकर घबरा गई। उसे लगा कि वह बीमारी से तो बच गई लेकिन अस्पताल का बिल जरूर उसकी जान ले लेगा। इसके बाद लड़की ने हिम्मत करके धीरे से बिल के लिफाफे को खोला। उसकी नजर बिल के कोने पर लिखे नोट पर गई, जहां लिखा था कि एक गिलास के दूध द्वारा इस बिल का भुगतान किया जा चुका है ? नीचे उस नेक डॉक्टर होवार्ड केल्ली के हस्ताक्षर थे। खुशी और अचम्भे से उस लड़की की आंखों से दो बूंद आंसू निकलकर गालों पर ढलक पड़े। उसने दोनों हाथ ऊपर उठाए और कहा कि हे भगवान आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। -बाल चौपाल डेस्क

 

प्रेरक प्रसंग – परमात्मा को पाने का मार्ग

रामानुज एक विख्यात संत हुए हैं। एक बार वह किसी गांव में ठहरे हुए थे। बहुत से लोग उनके दर्शन करने आए। उनमें से एक आदमी ने रामानुज से कहा-मुझे परमात्मा को पाना हैं,मार्ग बतलाइए, रामानुज बोले, तूने कभी किसी से प्रेम किया या नहीं ? वह बोला, मैं प्रेम के झंझट में कभी नहीं पड़ा। मुझे तो परमात्मा को खोजना है, पाना है, आदमी ने उत्तर दिया। रामानुज ने दूसरी बार फिर यही प्रश्न किया तो उसने वही उत्तर दिया। रामानुज फिर बोले, सोचकर बताओ, जरूर किसी न किसी से थोड़ा बहुत प्रेम किया होगा तूने। आदमी ने सोचा कि यदि मैं कहूंगा कि मैने प्रेम किया है तो संत जी कहेंगे कि पहले प्रेम के रोग से छुटकारा पाओ, फिर मेरे पास आना। इसलिए उसने धृष्टतापूर्वक कहा कि उसने कभी प्रेम की तरफ आंख उठाकर भी नहीं देखा।
उसके मुंह से ऐसा सुनकर रामानुज बोले, बस तो मुझे क्षमा करो भाई, तुम कहीं और जाओ व परमात्मा की खोज करो। मेरा अनुभव तो यह कहता है कि जिस आदमी ने जिंदगी में कभी प्रेम नहीं किया, वह परमात्मा को पाने की बात तो दूर उनके निकट तक भी नहीं पहुंच सकता। परमात्मा को पाने के लिए पहले उसको पुत्र-पुत्रियों से प्रेम करना सीखना होगा। आदमी के भीतर प्रेम होना चाहिए। चाहे वह थोड़ी मात्रा में ही क्यों न हो ? उस प्रेम को इतना बड़ा रूप दिया जा सकता है कि परमात्मा को पाया जा सके। ल्ल प्रतिनिधि

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

RSS का शताब्दी वर्ष : संघ विकास यात्रा में 5 जनसंपर्क अभियानों की गाथा

Donald Trump

Tariff war: अमेरिका पर ही भारी पड़ सकता है टैरिफ युद्ध

कपिल शर्मा को आतंकी पन्नू की धमकी, कहा- ‘अपना पैसा वापस ले जाओ’

देश और समाज के खिलाफ गहरी साजिश है कन्वर्जन : सीएम योगी

जिन्होंने बसाया उन्हीं के लिए नासूर बने अप्रवासी मुस्लिम : अमेरिका में समलैंगिक काउंसिल वुमन का छलका दर्द

कार्यक्रम में अतिथियों के साथ कहानीकार

‘पारिवारिक संगठन एवं विघटन के परिणाम का दर्शन करवाने वाला ग्रंथ है महाभारत’

नहीं हुआ कोई बलात्कार : IIM जोका पीड़िता के पिता ने किया रेप के आरोपों से इनकार, कहा- ‘बेटी ठीक, वह आराम कर रही है’

जगदीश टाइटलर (फाइल फोटो)

1984 दंगे : टाइटलर के खिलाफ गवाही दर्ज, गवाह ने कहा- ‘उसके उकसावे पर भीड़ ने गुरुद्वारा जलाया, 3 सिखों को मार डाला’

नेशनल हेराल्ड घोटाले में शिकंजा कस रहा सोनिया-राहुल पर

‘कांग्रेस ने दानदाताओं से की धोखाधड़ी’ : नेशनल हेराल्ड मामले में ईडी का बड़ा खुलासा

700 साल पहले इब्न बतूता को मिला मुस्लिम जोगी

700 साल पहले ‘मंदिर’ में पहचान छिपाकर रहने वाला ‘मुस्लिम जोगी’ और इब्न बतूता

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies