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23 अक्तूबर के दिन जब पूरा देश हर्षोल्लास के साथ दीपावली मना रहा था, तब पूर्वी दिल्ली के त्रिलोकपुरी इलाके में मुसलमान उन्माद मचा रहे थे। 'स्वच्छ भारत अभियान' के तहत ब्लॉक-20 में कुछ लोगों ने सफाई करने के बाद माता की चौकी स्थापित कर दी थी जिससे कि वहां कोई दोबारा से गंदगी न मचा सके, लेकिन यह बात कुछ शरारती तत्वों को कतई बर्दाश्त नहीं थी। दरअसल माता की चौकी स्थापित होने से वहां बैठकर जुआ खेलने व शराब पीने में बाधा आने लगी और मुस्लिम युवकों के बैठने का अड्डा उनसे छिन गया।
ऐसे में उन्होंने दीपावली की रात वहां पूजा करने पहंुचे हिन्दू श्रद्धालुओं पर अपने घरों की छतों पर चढ़कर पथराव शुरू कर दिया। देखते ही देखते स्थिति तनावपूर्ण बनती चली गई और हिन्दू-मुस्लिम के बीच दंगा भड़क गया। इस बीच शरारती तत्वों ने जमकर हुड़दंग मचाया। मामला बिगड़ने पर पूर्वी जिला पुलिस सहित दिल्ली के दूसरे जिलों से भी अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया। शांति बनाए रखने के लिए रेपिड एक्शन फ ोर्स को भी तैनात किया गया।
विवाद यहीं खत्म नहीं हुआ, इसके अगले दिन यानी 24 अक्तूबर ब्लॉक-21 और 27 में रहने वालों के बीच जमकर पथराव हुआ और आगजनी की वारदात की गई। पुलिस को मामला शांत करने के लिए आंसू गैस के गोल छोड़ने पड़े। हालात बिगड़ते देख पूरे इलाके में नाकाबंदी कर दी गई। उपद्रवियों ने गाडि़यों के शीशे तोड़ डाले। इसी बीच ट्यूशन पढ़कर अपने घर लौट रहे छात्र अर्जुन और अजित गोली लगने से घायल हो गए। दोनों का अस्पताल में उपचार चल रहा है और उनकी हालत चिंताजनक बनी हुई है। आरोप है कि दोनों बच्चे पुलिस की गोली का शिकार बने हैं, लेकिन पुलिस इस बात को नकार रही है।
गत 25 अक्तूबर को एक मस्जिद के निकट मुसलमानों की भीड़ ने शांति बहाल करने पहंुची पुलिस पर ब्लॉक-27 में पथराव शुरू कर दिया। इस दौरान करीब एक दर्जन पुलिसकर्मी बुरी तरह घायल हो गए। इसके बाद पूरे क्षेत्र में धारा 144 लागू कर दी गई। इससे पहले कि हालात सुधर पाते,उन्मादियों ने 27 अक्तूबर को एक दुकान को आग के हवाले कर दिया।
लोगों को दैनिक जीवन की वस्तुएं खरीदने के लिए लाउडस्पीकर के माध्यम से जानकारी देकर समय बदल-बदलकर खरीददारी की छूट दी गई।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक शरारती तत्वों की मदद के लिए कुछ बाहरी तत्वों के इलाके में प्रवेश करने की भी सूचना मिली है। इसके मद्देनजर पुलिस अधिकारियों ने त्रिलोकपुरी में संवेदनशील ब्लॉक में छापेमारी का अभियान शुरू किया। करीब 700 मकानों की तलाशी लेने के बाद पुलिस ने भारी मात्रा में घरो की छतों से चाकू, रॉड, ईंट, लाठी-डंडे और बोतलें बरामद की हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि जिन घरों से हथियार बरामद हुए हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में क्षेत्र के घोषित अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की विभिन्न टीमें गई हैं। संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए पुलिस सर्विलांस की मदद ले रही है। दंगा भड़काने में शामिल रहे लोगों को सूचीबद्ध किया जा रहा है।
दंगाइयों पर नजर रखने के लिए पुलिस ने ड्रोन की भी मदद ली है। इलाके में हालात सामान्य होने तक पुलिस ड्रोन की मदद से पूरे इलाके पर नजर बनाए रखेगी। पुलिस ने इस संबंध में अलग-अलग तीन मामले दर्ज कर खबर लिखे जाने तक 68 लोगों को गिरफ्तार किया है। इस दौरान 71 लोग घायल हुए हैं जिनमें 56 पुलिस वाले शामिल हैं।
उधर केन्द्र सरकार ने त्रिलोकपुरी दंगे की रपट पुलिस से तलब की है। इसमें दंगे का कारण और पुलिस द्वारा उसे रोकने के लिए किए गए प्रयासों की जानकारी मांगी गई है। पुलिस इलाके के बुजुर्ग लोगों की मदद से शांति बहाल करने का पूरा प्रयास कर रही है। ल्ल प्रतिनिधि
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