सहारनपुर का सच :नाम पूछ कर मारी गई हिन्दुओं को गोली

Published by
Archive Manager

दिंनाक: 02 Aug 2014 14:55:12

26 जुलाई को भड़की हिंसा में जहां मुसलमानों की भीड़ ने अंबाला रोड पर जमकर हिन्दुओं की दुकानों को लूटा और आगजनी की, वहीं पल्सर मोटरसाइकिल पर सवार दो नकाबपोश युवकों ने जमकर आतंक मचाया और उन्होंने नाम पूछ-पूछकर गोली मारी।
अरबी मदरसे मजाहिर उलूम के पास सब्जी मंडी से स्कूटर पर घर लौट रहे व्यापारी 56 वर्षीय हरीश कोचर का नकाबपोश युवकों ने नाम पूछा और उनके हिन्दू होने का पता लगते ही सिर मेें गोली मारकर हत्या कर दी। हरीश ने तड़प-तड़प कर मौके पर ही जान दे दी। मौके पर मौजूद किसी भी व्यक्ति ने घायल हरीश की मदद नहीं की। माना जा रहा है कि यदि लोग थोड़ी सी भी संवदेनशीलता और मानवता दिखाकर कोचर को अस्पताल पहुंचा देते तो संभवत: उनकी जान बचाई जा सकती थी। इसी तरह पुराने शहर में जैन बाग के पास वहीं के निवासी एक युवक नीरज जैन को उस वक्त नकाबपोश हत्यारों ने गोली मार दी कि जब वह अपने घर के बाहर खड़ा हुआ था। समय पर चिकित्सा मिल जाने से नीरज की जान बच गई। मृतक हरीश कोचर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता थे। वे व्यापार मंडल की पश्चिमी उत्तर प्रदेश कमेटी में कोषाध्यक्ष के पद पर भी कार्यरत थे। वह भाजपा महानगर मंडल के सदस्य थे।
उनकी अचानक मौत से उनके घर में मातम पसरा हुआ है। इस दंगे ने उनके परिवार की सारी खुशियां छीन लीं।
जांच में खुलासा हुआ है कि कारोबारी हरीश कोचर और थाना कुतुबशेर के सिपाही सैंसरपाल मलिक को दंगाइयों ने प्वाइंट 9 एमएम की पिस्तौल से गोली मारी थी। कोचर की मौत हो गई, जबकि सिपाही को चिकित्सकों द्वारा बचा लिया गया। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक राजेश पाण्डे के मुताबिक दंगा स्थल से इकट्ठे किए गए ज्यादातर खोल 315 बोर के तमंचों के हैं, जबकि प्वाइंट 9 एमएम पिस्तौल व बंदूकों का भी दंगे में इस्तेमाल किया गया। पुलिस इन कारतूसों को बेचने वाले शस्त्र विक्रेताओं की भी सरगर्मी से तलाश कर रही है।

Share
Leave a Comment
Published by
Archive Manager

Recent News