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पाञ्चजन्य के पन्नों से

by
Jul 28, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 28 Jul 2014 15:59:19

प्रचार में 2 करोड़ रुपये व्यय होगा

उ.प्र. में नर्तकियों द्वारा पंचवर्षीय योजना का प्रचार

कांग्रेस द्वारा राजनीतिक पीडि़तों के लिए अनुचित सुविधाओं की मांग
लखनऊ। प्रादेशिक कांग्रेस कमेटी की बैठक में कांग्रेसाध्यक्ष श्री धेवर भाई के उस पत्रक को लेकर गर्मागर्म बहस हुई जिसमें उन्होंने कांग्रेसियों को गोवा मुक्ति के प्रश्न पर धैर्य न छोड़ने की सलाह दी थी। अधिकांश सदस्य इस मत के थे कि गोवा-मुक्ति सत्याग्रह के संबंध में कांग्रेस द्वारा अपनाई गई उदासीन नीति के कारण कांग्रेस की प्रतिष्ठा को भारी ठेस पहुंच रही है। इसके अतिरिक्त कुछ सदस्य इस मत के थे कि आन्दोलन में सक्रिय भाग लिया जाय। किन्तु अन्त में किसी न किसी प्रकार कांग्रेसाध्यक्ष और कांग्रेस की प्रतिष्ठा एवं सम्मान का ध्यान दिलाकर लोगों को शान्त कर दिया गया जिसके परिणामस्वरूप सभी ने नत मस्तक होकर श्री धेवर के आदेश का समर्थन किया।

 

गोवा को सुधार नहीं,मुक्ति चाहिए

जनसंघ के महामंत्री पं. दीनदयाल उपाध्याय का वक्तव्य

दिल्ली। पुर्तगाल सरकार ने उप-निवेशों में सुधार करने की घोषणा की है उसके संबंध में अखिल भारतीय जनसंघ के महामंत्री पं. दीनदयाल उपाध्याय ने वक्तव्य दिया है
पुर्तगाल सरकार ने कुछ घोषणा की है जिसके अनुसार गोवा,दमन और दीव के शासन के निमित्त एक प्रतिनिधि सभा के संगठन का आश्वासन प्रदान किया गया है। मुक्ति- आंदोलन के प्रति संसार के लोगों की बढ़ती हुई सद्भावना को दबाने के लिए तथा समस्त समस्या को ओझल करने के लिय चली गई चाल के अतिरिक्त यह कुछ भी नहीं है। गोवा तथा भारतवासियों के समक्ष प्रमुख समस्या किसी प्रकार के शासन विशेष को विकसित करना नहीं है वरन् राष्ट्रीय एकता और अखंड भारत के निर्माण का प्रश्न है। गोवा तथा अन्य पुर्तगाली उपनिवेशों की जनता अपनी मातृभूमि से मिलने के लिए निरंतर संघर्ष कर रही है। अत: किसी भी प्रकार का ऐसा प्रतिनिधि शासन,जिसका शासन विदेशी गवर्नर जनरल के अधीन किया गया हो,कभी भी उक्त आकांक्षाओं की पूर्ति नहीं कर सकता। कुछ भी हो किन्तु इस घोषणा ने मुक्ति आंदोलन की सफलता प्रमाणित कर दी है,क्योंकि स्वेच्छाचारी पुर्तगाली शासन को बाध्य होकर आश्वसनीय उपायों को स्वीकार करना पड़ा है। साम्राज्यवादी शक्तियों का यह एक पुराना एवं भ्रष्ट हथकंडा हैं जो राष्ट्रीयता के उठते हुए तूफान के सम्मुख अधिक दिन तक नहीं टिक सकता। पुर्तगालियों को पूर्णत: भारत छोड़ना होगा। उनका हित इसी में है कि वे इतिहास के पृष्ठों पर अंकित घटना-चर्क को देखें ओर इसके पूर्व कि उन्हें देश छोड़ने को बाध्य होना पड़े वे स्वयं ब्रिटेन एवं फ्रांस का अनुसरण करके देश से बाहर चले जायं।

सत्याग्रहियों की भरती प्रारम्भ

बिहार-गोहत्या-निषेध-सत्याग्रह

श्री प्रभुदत्त ब्रह्मचारी की घोषणा
पटना। गोहत्या-निरोध समिति के अध्यक्ष श्री प्रभुदत्त जी ब्रह्मचारी ने सत्याग्रहियों की भरती के संबंध में निम्नलिखित वक्तव्य दिया है।-
बिहार में गत सात वर्ष से गोहत्या बन्द करने के लिए कोशिश की जा रही है। गाय,बछड़े,बछड़ी की हत्या बन्द कराने के कानून को सरकार द्वारा उपस्थित किए हुए दो वर्ष हो चुके हैं। इस कानून के बनने पर भी गोहत्या पूर्णतया बन्द नहीं होगी,अत: उसका विशेष लाभ नहीं,किन्तु इस सामान्य विधेयक को भी सरकार ने पास नहीं किया है। बिहार सरकार जानबूझ कर गोहत्या निषेध के प्रति उपेक्षा कर रही है।… अत: सत्याग्रह करने का निश्चय किया गया है। आरम्भ में दस हजार गोभक्त सत्याग्रही भरती करने की तजबीज है। सत्याग्रहियों की भरती आरम्भ कर दी गई है। सैकड़ों गोभक्तों ने सत्याग्रह में नाम लिखाये हैं। जगन्माता जानकी की जन्मभूमि,महात्मा बुद्ध तथा महावीर स्वामी की कार्यस्थली होने के कारण बिहार में गोहत्या बन्द कराने के लिए देश भर के लोगों को सहयोग देना चाहिए। नर्तकियों द्वारा प्रचार
उत्तरप्रदेश सरकार के प्रचार विभाग ने पंचवर्षीय योजना को सफल बनाने के लिए एक योजना तय की है। इस योजना के अन्तर्गत बड़े-बड़े बालों वाले अनेक लड़के-लड़कियां नाच-गा कर जनता में सरकारी योजना की सफलता का प्रचार करते हैं।
इसमें कोई संदेह नहीं कि जनता को अपनी ओर आकर्षित करने में इन लड़के-लड़कियों ने काफी सफलता प्राप्त की है परन्तु फिर भी कभी-कभी ऐसी स्थिति आती है कि इन्हें आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
इस संकट को दूर करने के लिए सरकार ने द्वितीय पंचवर्षीय योजना के प्रचार के लिए केवल 200,000,000 रुपया व्यय करने का निश्चय किया है।…यह घोषणा भी की है कि यदि वह ग्रामों में नाटक करने की इच्छा प्रदर्शित करेंगी तो उन्हें 600 रुपये प्रदान किए जाएंगे।

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