पाठकों के पत्र - विदेशी चालों को पूरा करते देशी एनजीओअंक संदर्भ : 6 जुलाई, 2014
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पाठकों के पत्र – विदेशी चालों को पूरा करते देशी एनजीओअंक संदर्भ : 6 जुलाई, 2014

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Jul 28, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 28 Jul 2014 16:22:02

आवरण कथा 'झोले वालों का गड़बड़झाला' उस सत्य से अवगत कराता है,जिससे आज तक देश की जनता अनजान थी। आज हमारे ही अपने देश में कई एनजीओ राष्ट्र के खिलाफ एक ऐसा अभियान चला रहे हैं,जिसे बेचारी सामान्य जनता समझ भी नहीं पाती। ये अधिकतर एनजीओ विदेशी धन लेकर राष्ट्र को कमजोर करने का तो षड्यंत्र रचते ही हैं साथ ही हमारे देश के विकास को भी जाने-अनजाने स्थिर करने का पूरा प्रयास करते हैं। इस प्रकार की गतिविधियों में अधिकतर वह गिरोह सक्रिय है,जो शासकीय और प्रशासकीय सेवा से निवृत्त है। क्योंकि उन्हें पता है कि वे किस प्रकार से किन शतोंर् से दूसरे देशों से धन प्राप्त कर सकते हैं। ऐसे गिरोह आज राष्ट्र के लिए चिंता का विषय हैं साथ ही जिन शर्तांे पर दूसरे देश उन्हें पैसा देते हैं वे शर्त आखिर क्या होती हैं ये जानने का विषय है?
रामकृष्ण पाटिल,अहलवाड़ा,(म.प्र.)
० देश के अधिकतर एनजीओ जाने-अनजाने देश के खिलाफ ही षड़्यंत्र करते हैं। इसका ताजा प्रमाण देश की जनता के सामने है। दिल्ली में अरविंद केजरीवाल की पार्टी जिसकी लड़ाई कांग्रेस के भ्रष्टाचार से शुरू हुई थी,लेकिन अरविंद गिरोह ने भ्रष्टाचार और कांग्रेस पार्टी के काले कारनामों को उजागर करने के बजाए भाजपा के खिलाफ ही खड़े हो गए। गौर करने वाली बात यह है कि देश को दस साल कांगे्रस ने लूटा फिर भाजपा के खिलाफ अरविंद क्यों खड़े हैं? यही बात उजागर करती है कि विदेशों से एनजीओ के नाम पर धन एंेठने वाले यह गिरोह ऐसे ही जनता को भ्रमित कर स्वयं का और दूसरे देशों का हित साधते हैं।
ताराचंद देव
श्रीनिवासपुरी (नई दिल्ली)
० पाञ्चजन्य ने पूरी तरीके से 6 जुलाई के अंक में 'झोले वालों का गड़बड़झाला' को तथ्यों के साथ उजागर किया है। साथ ही यह भी उजागर किया गया है कि कैसे यह संगठन विदेशी आकाओं की बात को पूरा करने और उनका हित साधने के लिए राष्ट्र के खिलाफ ही षड्यंत्र रचते हैं। केन्द्र सरकार को चाहिए कि ऐसे गैर सरकारी संगठनों को चिन्हित करके उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करे, क्योंकि यह राष्ट्र के खिलाफ एक सोची-समझी चाल है।
जमालपूरकर गंगाधर,
नीलकंठ नगर,(तेलंगाना)
० यह सभी गैर सरकारी संगठन अपने आप को भारत के हित में काम करने का ढोंग रचाकर भारत को ही हानि पहंुचाते हैं। साथ ही यह वही कार्य करते हैं जो इन्हें विदेशों से बोला जाता है। देश की सामान्य जनता की नजरों में यह समाजसेवी बने रहते हैं और दूसरी तरफ राष्ट्र को चोट पहंुचाते रहते हैं।
प्रमोद प्रभाकर वालसंगकर
दिलसुखनगर(हैदराबाद)
० खुफिया विभाग की रपट में तमाम गैर सरकारी संगठनों के गुप्त षड्यंत्रों का खुलासा एक गंभीर चिंता का विषय है। अधिकतर गैर सरकारी संगठन समय-समय पर देश के विकास को अपने आन्दोलनों से स्थिर करने का कुचक्र रचते रहे हैं। कांग्रेस के राज में विपक्ष की राजनीति को घेरने का षड्यंत्र भी इन्होंने खूब चला पर सफल नहीं हुए। असल में यह चाल किसी और की नहीं बल्कि कांग्रेस की ही थी ।
कमलेश कुमार ओझा
ओझौली(बिहार)
करनी का फल
० देश को कांग्रेस ने दस साल तक लूटा, इस सत्य से आज देश की जनता पूरी तरह से अवगत है। इसी का परिणाम है कि आक्रोशित जनता ने कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष तक बनने के लिए सीटें नहीं दीं। अब कांग्रेस तर्क-वितर्क करके नेता विपक्ष का पद हथियाने की जुगत में है। कांग्रेस का भी इतिहास रहा है कि उसने भी 1979 और 1984 में नेता विपक्ष का पद नहीं दिया था। मोदी सरकार को चाहिए जनता की भावना का आदर करते हुए कांग्रेस को नेता विपक्ष का पद न दंे क्योंकि जनता की यही इच्छा है।
हरेन्द्र प्रसाद साहा
कटिहार(बिहार)
० कांग्रेस ने कभी भी देशहित को सर्वोपरि नहीं समझा। स्वतंत्रता के बाद से कांग्रेस के अधिकतर नेताओं का एक ही हित रहा है कि कैसे अपने स्वाथोंर् को पूरा किया जाए इसके लिए अगर देश को हानि भी पहुंचती है तो उससे भी उन्हें कोई गुरेज नहीं। इसी का परिणाम है कि देश की जनता ने उन्हें अर्श से फर्स पर लाकर खड़ा कर दिया है।
कुन्ती रानी
कटिहार(बिहार)
राष्ट्रभक्त स्वयंसेवक
० बिहार के छपरा जिले में राजधानी एक्सप्रेस की दुर्घटना के बाद संघ स्वयंसेवकों की दु्रतगति से सेवाकार्य की साधना गदगद करने वाली थी। सदैव से ही यह होता रहा है कि आपदा में संघ के स्वयंसेवकों ने अपनी जान की परवाह तक न करते हुए समाज के लिए कार्य किया क्योंकि उनके मन में राष्ट्र और समाज से बढ़कर कोई दूसरा नहीं है। उनके लिए सम्पूर्ण हिन्दू समाज ही सबकुछ है।
हरिओम जोशी, भिण्ड(म.प्र.)
समाज के लिए प्रेरणादायक
० पाञ्चजन्य में प्रकाशित वीर हकीकत राय का जीवन चरित्र हमारे समाज के लिए बड़ा ही प्रेरणादायक है। आज के समय जब कान्वेंट स्कूलों में देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले वीर सेनानियों की गाथाओं और उनके प्रेरणादायक जीवन परिचय से अवगत न कराकर पाश्चात्य देश की सभ्यता से परिचय कराने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। यह चिंता का विषय है। इसलिए समाज के प्रत्येक व्यक्ति को इस बारे में जागरूक होना चाहिए कि वह अपने बच्चों को देश के वीर सेनानियों की गाथाओं से अवगत कराए। क्योंकि इन्हीं  की बदौलत आज हमारा अस्तित्व है।
बी.एल.सचदेवाआईएनए बाजार(नई दिल्ली)
उपेक्षा का शिकार हिन्दी
पब्लिक स्कूलों में त्रिभाषा सूत्र लागू न होने के कारण भारतीय भाषाएं विशेष रूप से हिन्दी और संस्कृत समाप्त होती जा रही हैं। हिन्दी साहित्य सम्मेलन इस विषय को लेकर लंबे समय से संघर्षरत है कि दिल्ली के सभी स्कूलों में त्रिभाषा सूत्र लागू किया जाए। विशेष रूप से पब्लिक और मान्यता प्राप्त विद्यालयों में तो तीन भाषाओं में अंग्रेजी तो अनिवार्य रूप से पढ़ाई जाती रही है,लेकिन दूसरी भारतीय भाषाओं के स्थान पर विद्यालय फें्रच,जापानी,जर्मन और स्पेनिश आदि की पढ़ाई कराते हैं। आशा है कि केन्द्र सरकार इस प्रकार की पद्धति को समाप्त कर हिन्दी प्रेमियों की भावना का ध्यान रखेगी।
नवीन कुमार
पंचकुुइयां रोड(नई दिल्ली)
गोहत्या पर प्रतिबंध लगे
आज किसी भी राज्य का ऐसा कोई भी जिला नहीं होगा जहां से गोतस्करी एवं गोहत्या की खबर न आती हो। हर तरफ गोतस्करी और गोहत्या के ही समाचार मिलते हैं। प्रशासन का यह हाल है कि वह गायों के मामले को दूर से जानकर उससे बचने की कोशिश करता है। क्योंकि उसे पता रहता है कि इसमें किसी बड़े नेता का हाथ है,इससे वह सक्रिय रूप से उसमें हिस्सा नहीं लेता। प्रशासन की उदासीनता का परिणाम यह होता है कि गोहत्या एवं गोतस्करी सतत् जारी रहती है। आज देश के समस्त हिन्दुओं को आशा है कि केन्द्र सरकार जल्द ही गोसंवर्द्धन और संरक्षण के लिए कड़ा कानून बनाएगी ताकि देश में हो रही गोमाता की हत्या बंद हो सकेगी।
उमेश शर्मा
मुरादाबाद(उ.प्र.)
हिन्दू समुदाय पर होता अत्याचार
पाकिस्तान और बंगलादेश में 'ईश निंदा' के नाम पर हिन्दू समुदाय को अत्याचार झेलना पड़ रहा है। अत्याचार और यातना भुगत रहे इस वर्ग को न तो वहां की सरकारें न्याय दिला रही हैं और न ही अत्याचार करने वालों पर कोई कार्रवाई। कुल मिलाकर यह सत्य है कि इन देशों में हिन्दुओं को मिटाने का एक षड्यंत्र चल रहा है।
मनोहर मंजुल
प.निमाड(म.प्र.)
साकार हुआ सपना
देश की जनता ने कांग्रेस को धूल चटाकर बताया है कि वह 'एक भारत और श्रेष्ठ भारत' के सपने को मूर्त रूप देना चाहती है। इसी कारण उसने श्री नरेन्द्र मोदी को ऐतिहासिक मतों से जिताकर उन्हें भारत का प्रधानमंत्री बनाया है। देश के प्रत्येक व्यक्ति को आशा है कि वह उन सभी विषयों को पूरा करेंगे जिनसे मिलकर भारत का गौरव पूर्ण होता है।
शिव श्ंाकर मिश्रा
कोटा(राज.)

पुरस्कृत पत्र
समाजसेवा के नाम पर ढांेग
भारत की खुफिया एजेंसी ने 3 जून,2014 को प्रधानमंत्री कार्यालय को एक विस्तृत गोपनीय रपट भेजकर देश के विकास में रोड़ा अटकाने वाले कुछ गैर सरकारी संगठनों के प्रति जानकारी देते हुए सावधान किया था। इस रपट में इस बात का भी जिक्र किया गया था कि कैसे ये संगठन अपना सारा जोर देश के विकास को स्थिर करने में लगा रहे हैं। राष्ट्रहित से जुड़ी परियोजनाओं को बाधित करने वाले गैर सरकारी संगठनों को अमरीका,जर्मनी, नीदरलैंड और डेनमार्क जैसे तमाम देशों से अनुदान मिलता है।
वास्तव में खुफिया विभाग की जांच मनमोहन सिंह के कार्यकाल में प्रारम्भ तो हुई थी लेकिन सत्ता में बैठे कांग्रेस के ही अधिकतर एनजीओ चलाने वाले गिरोह ने इसकी गति को मंद करते हुए इसके सत्य को बाहर आने से रोक दिया। यह सोनिया और मनमोहन सरकार का ही षड्यंत्र था कि इसका सत्य दबा रहा और ये गैर सरकारी संगठन देश को नुकसान पहुंचाते रहे। इसी के चलते सोनिया सरकार ने उन विदेशी सहायता प्राप्त अनेकों एनजीओ मालिकों को अपनी सरकार में बड़े-बड़े पदों से सम्मानित भी किया था। वास्तव में हमारे देश के गैर सरकारी संगठन एक व्यापार के रूप में हैं और उनका सिर्फ एक ही कार्य है कि कैसे भी करके अपने स्वाथोंर् को पूरा करना। इसके लिए अगर उन्हें कहीं लगता है कि राष्ट्र की हानि हो रही है तो इससे भी उन्हें कोई गुरेज नहीं। आज जरूरत है कि नई सरकार को ऐसे गैर सरकारी संगठनों के मुखौटों को उतार कर उनके राष्ट्र विरोधी कृत्यों को जनता के समक्ष लाए और उनके खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई करे।
डॉ. सुशील गुप्ता
शालीमार गार्डन कालोनी,
बेहट बस स्टैण्ड,सहारनपुर(उ.प्र.)

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