|
चीन इस नीति पर वर्षों से चल रहा है कि जो भारत का दुश्मन है वह मेरा दोस्त है। इसका एक और उदाहरण हाल ही में आया है। उसने कहा है कि 'पाकिस्तान और उसकी खुफिया एजेंसी आई.एस.आई. आतंकवाद के विरुद्ध बड़ी तन्मयता के साथ काम कर रहे हैं।' अफगानिस्तान में चीन के नए विशेष दूत सुन युशी ने यह बात कही है। युशी की बुद्धि समझ से परे है। पूरी दुनिया मानती है कि पाकिस्तान आतंकवाद का जनक है और आई.एस.आई. की देखरेख में ही पाकिस्तान में आतंकवादियों के प्रशिक्षण शिविर चलते हैं। खुद चीन के स्िंाक्यिांग प्रान्त केे उइगर मुसलमानों को पाकिस्तानी जिहादी हर तरह से मदद कर रहे हैं। यही कारण है कि हाल के वर्षों में स्क्यिांग सहित चीन के अन्य भागों में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ी हैं। इसके बावजूद सुन युशी यह कह रहे हैं तो इसका मतलब क्या है?
शीतयुद्ध की आहट
यूक्रेन के आसमान पर 17 जून को मलेशिया के यात्री विमान पर किसने मिसाइल से हमला किया, इसकी सही जानकारी अभी तक दुनिया के सामने नहीं आई है। उधर अमरीका इसके पीछे रूस का हाथ बताने से नहीं चूक रहा है। जबकि रूस अमरीकी आरोपों से इनकार कर रहा है। अमरीका और रूस के बीच जारी इस जुबानी जंग से शीतयुद्ध की आहट होने लगी है। अमरीका यूक्रेन पर एक बार फिर से दबदबा कायम करना चाहता है, तो रूस मौजूदा दबदबा छोड़ना नहीं चाहता है। विमान दुर्घटना के बहाने ये दोनों देश अपनी ताकत दिखाने को आतुर हैं।
टिप्पणियाँ