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अंक संदर्भ : 8 जून, 2014
आवरण कथा 'नई शुरुआत की शपथ' पूरे तरीके से सटीक लगती है। श्री नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने का सफर कई मायनों में ऐतिहासिक व परिवर्तनकारी रहा,जिससे पता चलता है कि वैश्विक जगत को भी कई क्षेत्रों में अच्छे दिन आने की संभावनाएं प्रतीत हो रही हैं। श्री मोदी ने भारत के सभी पड़ोसी देशों के प्रतिनिधियों को शपथ ग्रहण में बुलाकर एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। इससे हमारे पड़ोसी देशों को संदेश गया है कि अब भारत में एक मजबूत सरकार आ गई है, जो कि न तो किसी से डरेगी,न ही दादागिरी सहन करेगी,अपितु सभी पड़ोसी देशों के साथ मिलकर विकास की राजनीति करेगी।
-कमलेश कुमार ओझा
पुष्प विहार, खानपुर (नई दिल्ली)
० किसी भी राष्ट्र का सच्चा विकास पड़ोसी राष्ट्रों के साथ अमन-चैन व अर्थ की मजबूती में संपन्न होता है। श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने शुरुआती सफर में ही देश को ही नहीं अपितु संपूर्ण विश्व को बताने का प्रयास किया है कि वह पड़ोसी देशों के साथ मित्रता का संबंध रखने वाले हैं और स्वयं के साथ पड़ोसी देशों का विकास चाहते हैं।
-हरिओम जोशी, भिण्ड(म.प्र.)
० देश की जनता ने सभी अपवादों को तोड़ते हुए एक ऐसी सरकार दी है,जो सिर्फ और सिर्फ विकास के नाम पर बनी है। कांग्रेस ने देश को लूटकर खोखला कर दिया है। इसलिए लोगों को चाहिए कि वह ऐसी कोई भी आशा न करें, जो उन्हें अंत में कष्ट दे।
-नरेश कौशल, कानपुर(उ.प्र.)
० अब तक देश के प्रत्येक वर्ग को अपने झूठ के जाल में फंसाकर वोट हथियाने वाले दलों को इस बार ऐसी पटखनी मिली कि वे चारों खाने चित हो गए। कांग्रेस ने देश को जो झूठे सपने दिखाये, उसका परिणाम है कि उसको पूरे देश में मात्र 44 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा, क्योंकि जनता इन दलों के काले कारनामों से भलीभांति परिचित हो चुकी थी, जिसका परिणाम सामने है ।
-हरेन्द्र प्रसाद साहा
नया टोला,कटिहार(बिहार)
० देश के प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी संपूर्ण देश के सामने ऐसी मिसाल हैं, जिसने अपना सर्वस्व देशसेवा हित के लिए सौंप दिया है।
-कुंवर बीरेन्द्र सिंह
कम्पू-लश्कर,ग्वालियर(म.प्र.)
ठोस नीति का अभाव
उत्तराखंड में आयी दैवीय आपदा को एक साल होने के बाद भी आज तक उत्तराखंड की कांग्रेस सरकार द्वारा इस प्रकार की आपदाओं से निपटने के लिए लिए कोई ठोस उपाय नहीं किये गए हैं। यहां 90 प्रतिशत पहाड़ी क्षेत्र है,जिसके कारण समय-समय पर कोई-न कोई प्राकृतिक आपदा आने का भय बना ही रहता है। भविष्य में इस प्रकार के हादसों की पुनरावृति न हो इसके लिए केन्द्र और राज्य सरकार को मिलकर ठोस नीति बनानी होगी।
-निमित जायसवाल, मुरादाबाद (उ.प्र.)
पहले ही दाव में चित!
श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा अपने शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को बुलाना कई राजनैतिक कारणों से अच्छा रहा। लेकिन पाकिस्तान के लिए यह गले की फांस बन गया, एक तरफ सेना का दबाव तो दूसरी तरफ पंजाब प्रान्त के लोगों का नरेन्द्र मोदी के विरोध में आना व मियां नवाज के भारत दौरे का विरोध करना। भारत के पहले ही दाव में मियां ऐसे फंसे कि आये तो मुसीबत और न आए तो मुसीबत में। खैर मियां ने बुद्धि से काम लिया और और अपने देश की साख को बचा लिया। भाजपा द्वारा सभी दक्षेस देशों को बुलाने का निर्णय अपने आप में प्रशंसनीय है। उम्मीद है कि भाजपा ऐसे ही देशहित और समाज हित में निर्णय लेती रहेगी।
-जमालपुरकर गंगाधर, हैदराबाद (तेलंगाना)
अब मिला सुराज
16 मई का दिन समस्त भारत की जनता के लिए एक अनोखा पल था। ऐसा लगा कि मानो बरसों से किसी ने देश को बंधक बना रखा था, जो आज आजाद हो गया है। मन में अपार प्रसन्नता शायद इससे पहले कभी नहीं हुई। स्वतंत्रता पश्चात हमें स्वराज्य तो मिला पर सुराज नहीं मिला। बरसों से कांग्रेस ने सत्ता के सिंहासन को अपने पंजों में ऐसे जकड़ा था जैसे वह उसकी जागीर हो। इस दौरान कांग्रेस ने देश को लूटने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी। लेकिन इस चुनाव में जनता ने जागकर ऐसी शक्ति का परिचय दिया, जिसका किसी को अंदाजा तक नहीं था। भाजपा को ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई। सेकुलर नेताओं को समझ लेना चाहिए कि जब जनता जागती है तो ऐसे ही बदलावों का परचम लहराती है।
-देवेन्द्र सुथार
गांधी चौक , जालोर(राजस्थान)
० प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कैबिनेट सहयोगियों को राज्यमंत्रियों के मध्य कार्य वितरण का विवरण प्रस्तुत करने का निर्देश छोटा दिखने वाला अवश्य पर सुशासन के लिए एक अहम पहल है। श्री मोदी का यह निर्णय उनके दृढ़ संकल्प की अभिव्यक्ति है कि वे कनिष्ठ मंत्रियों की क्षमता,प्रतिभा और सेवाओं से देश को लाभान्वित होते हुए देखना चाहते है तथा साथ ही राज्यमंत्रियों को अपनी क्षमता व प्रतिभा विकसित एवं प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करना चाहते हैं। इस निर्णय से अब तक राज्यमंत्रियों का पद जो केवल सजावटी रहता था, उनके पद एवं प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी।
-हरिसिंह यू. अस्नानी
अजमेर,(राजस्थान)
करारा जवाब
इस लोकसभा चुनाव में जनता ने विकास की राजनीति को वरीयता दी,जिसके फलस्वरूप भाजपा को ऐतिहासिक विजय प्राप्त हुई। कई मायनों में यह विजय महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस चुनाव में वे सभी चीजें टूटी हैं जिन्होंने अब तक देश को खोखला करने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी। चाहे वह तुष्टीकरण की राजनीति हो,जातिवाद एवं क्षेत्रवाद सभी 'वादों' को इस चुनाव में जनता ने आईना दिखाया और राष्ट्रहित को प्राथमिकता देकर सेकुलर दलों और ओछी राजनीति करने वालों को उनका स्थान याद दिला दिया कि वे कहां हैं।
-भूपेन्द्र राठौर
इंदौर(म.प्र.)
गोहत्या बंद हो
देशभर में आए दिन गोतस्करी एवं गोहत्या की घटनाओं से मन द्रवित हो उठता है। सुबह होते ही कत्लखानों में हजारों गायों की निर्मम हत्या कर दी जाती है और हिन्दू समाज हाथ पर हाथ रखे बैठा रहता है। लुधियाना (पंजाब) के गोप्रेमियों की ओर से सवा तीन लाख लोगों के हस्ताक्षर वाला ज्ञापन प्रधानमंत्री को जल्द ही भेज जा रहा है, ताकि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी इस दिशा में ठोस कदम उठायें और देश में गोहत्या एवं तस्करी पर पूर्णत: रोक लगे।
-अरुण अतारी
लुधियाना (पंजाब)
आआपा एक गिरती इमारत
आम आदमी पार्टी बिना नींव के खड़े किये गए भवन की तरह भरभरा कर ढहती जा रही है। इसके पीछे उसकी पृष्ठभूमि में देखे तो वास्तविक कारण का पता चलता है कि इस पार्टी का न कोई विचार है और न ही सिंद्धान्त। सिर्फ अगर उसके पास कुछ है तो नौंटंकीबाजी।
-रमेश कुमार मिश्र
अम्बेडकरनगर(उ.प्र.)
इनसे ही तो आबाद है घर!
वृद्धाश्रम की धारणा अवश्य ही पश्चिमी देशों की देन है क्योंकि वहां पर असहाय-बड़े-बुजुर्गों को बेकार समझा जाता है और इसी के चलते उन्हें वृद्धाश्रमों में भेज दिया जाता है। ठीक इसके विपरीत भारत में घर-परिवार के बड़े-बुजुगोंर् को पथ-प्रदर्शक और घर की शोभा माना जाता है। उन्हें बड़ी श्रद्धा व आदर के साथ घर में स्थान दिया जाता है। यद्यपि कुछ लोगों द्वारा अपने वृद्धों को बेकार और किसी काम का न समझकर आश्रम में भेज दिया जाता है।
-देवी सिंह राव
विवेक स्कूल, बाली (राजस्थान)
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