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हाल ही में अमरीका ने चार आतंकवादी गुटों- 'जमात-उद-दावा', 'अल अनफाल ट्रस्ट', 'तहरीक-ए-हुरमत-ए-रसूल' और 'तहरीक-ए-तहाफुज किबला अव्वल' को प्रतिबंधित कर दिया है। अमरीकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि वास्तव में ये चारों आतंकी गुट लश्कर-ए-तोयबा के ही भिन्न-भिन्न नाम हैं। प्रतिबंधों से बचने के लिए लश्कर बार-बार अपना नाम बदलता रहा है। उल्लेखनीय है कि 2001 में ही अमरीका ने लश्कर-ए-तोयबा को आतंकवादी संगठन घोषित किया था। अमरीका जिन संगठनों को प्रतिबंधित करता है अमरीकी जमीन या उसके अधिकार क्षेत्र में मौजूद उसकी सारी सम्पत्ति जब्त कर लेता है और उसके समर्थकों को भी गिरफ्तार करता है। अब उपरोक्त चारों आतंकवादी गुटों की सम्पत्ति को भी अमरीका अपने कब्जे में ले लेगा। यहां उल्लेखनीय बात यह भी है कि जमात-उद-दावा को कुछ अन्य देशों ने भी प्रतिबंधित कर रखा है। इसके बावजूद उसका प्रमुख हाफिज सईद पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है और अमरीका, भारत, इस्रायल, म्यांमार आदि देशों के विरुद्ध जहर उगलता है। इस हालत में अमरीका को यह समझना होगा कि आतंकवादी गुटों पर सिर्फ कागजी प्रतिबंध से कुछ नहीं होगा। अमरीका जब तक पाकिस्तान के कान नहीं मरोड़ेगा तब तक हाफिज सईद जैसे आतंकवादियों का कुछ भी नहीं बिगड़ेगा।
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