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पाञ्चजन्य सहित मीडिया में कई मामले हुए उजागर
20 अप्रैल को सिंकंदराबाद से हावड़ा जा रही ईस्ट कोस्ट एक्सप्रेस रेल गाड़ी के पार्सल यान से 27 गायों को हिन्दू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने बरामद किया था।
ल्ल मई महीने में सहारनपुर के सरसावा में गोतस्करों ने ट्रक में लकड़ी के फट्टे डालकर 15 गायों को आलू के बोरों के नीचे दबा रखा था।
ल्ल पाञ्चजन्य के 1 जून के अंक में छपा समाचार 'कारों में काटा जा रहा गायों को' गोकशी इसी नये तरीके की ओर इशारा करता है।
– फर्जी नंबर लगे वाहनों से हो रही तस्करी।
-दूध के टैंकरों से गोमांस का अवैध करोबार हो रहा है।
-भूसे से भरे बड़े-बड़े ट्रकों में गायों को नशीली दवा खिलाकर ले जाया जाता है।
अभी तक गोतस्कर गायों की तस्करी पैदल या फिर ट्रकों में भरकर करते थे, जिससे लोगों को उनपर शक हो जाता था और वे पकड़े जाते थे, लेकिन अब उन्होंने तस्करी के नए तरीके निकाल लिए हैं। इसके लिए वे दूध के टैंकरों का प्रयोग कर रहे हैं। दूध के टैंकरों पर किसी को भी आमतौर पर शक नहीं होता है और वे इसी का फायदा उठाकर अपने कार्य को अंजाम दे रहे हैं। तस्करों द्वारा ट्रक को दूध के वाहन का नाम देकर तैयार किया जाता है, जिससे देखने वाले को वह दूध का टैंकर लगता है,लेकिन असल में वह ट्रक होता है। जिसमें 40 से 50 गायों को नशा देकर मूर्छित करके भरा जाता है। गोतस्कर इन गायों को टैंकर में भरने से पहले उसमें बालू डालते हैं ताकि गायों का मल-मूत्र बाहर न आ सके और बालू में ही सूख जाये। इसके बाद परत-दर-परत गायों को लगाया जाता है और उनको आपस में बांध दिया जाता है,जिसके बाद आसानी के साथ उन गायों को कटने के लिए बूचड़खानों में ले जाया जाता है।
विहिप राज्य इकाई गोतस्करों से बराबर संघर्ष कर रही है। हमारे कार्यकर्ता अपनी जान की परवाह किये बिना गोतस्करों से मुकाबला कर रहे हैं। इसी का परिणाम है कि गोतस्करों को अपने तरीकों को बदलना पड़ रहा है। हां ये जरूर है कि शासन से जितना सहयोग मिलना चाहिए वह नहीं मिल पा रहा है। जिससे कुछ समस्याएं जरूर सामने आती हैं,लेकिन फिर भी हमारे कार्यकर्ता गोरक्षा के कार्य में सतत लगे हुए हैं।
– श्री उमेश पोरवाल, केन्द्रीय मंत्री एवं प्रभारी भारतीय गोवंश रक्षण संवर्धन परिषद (वि.हि.प.)
पुलिस को दिए जाएं और अधिकार
भरतपुर में गोतस्करी की बढ़ती घटनाओं पर पाञ्चजन्य से खास बात करते हुए भरतपुर पुलिस अधीक्षक राहुल प्रकाश ने कहा कि प्रशासन की सक्रियता का ही परिणाम है कि इस क्षेत्र की 90 प्रतिशत गोतस्करी पर अंकुश लग गया है, लेकिन उत्तर प्रदेश,हरियाणा से सटे राज्यों की सीमाओं में गोतस्कर चोरी छिपे इन घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। यहां तक कि वे कई बार पुलिस पर भी गोली चलाने से नहीं चूकते हैं। ऐसे में पुलिस को और अधिकार देने की जरूरत है ताकि पुलिस कर्मियोंर् का मनोबल बढ़ सके। मेवाती गिरोह पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि इस गिरोह का दुस्साहस इतना बढ़ गया है कि वे खुलेआम पुलिस पर गोली चला देते हैं। अभी हाल में ही मथुरा के पास हाथिया में एक नाबालिक लड़की को पकड़ने गई राजस्थान पुलिस टीम पर मेवातियों ने गोलियों से हमला कर तीन पुलिस कर्मियोंर् को घायल कर दिया। वैसे राजस्थान में पशुवध पर कड़ा कानून है। अगर ऐसा ही कानून अन्य राज्यों में हो जाए तो गोवंश की तस्करी पर नियंत्रण लग जायेगा।
हमारे-आपके रहते गोमाता प्यासी?
कितनी द:ुखद बात है कि जिस मां के करोड़ों-करोड़ बेटे हों उस माता को पानी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। भीषण गर्मी व आसमान से बरसती आग से गोवंश परेशान हैं। ऐसे में हिन्दू समाज के प्रत्येक व्यक्ति को पूरी निष्ठा के साथ जहां कहीं भी गोवंश दिखे उसके प्यास बुझाने की व्यवस्था करनी चाहिए। उसको चाहिए कि वह घर के दरवाजे पर पानी की उचित व्यवस्था करे ताकि वहां से निकलने वाला गोवंश पानी पीकर अपनी प्यास बुझा सकें। गर्मी में प्यासे को पानी पिलाने से बढ़कर कोई पुण्य का कार्य नहीं है।
अगर कहीं भी गोतस्करी से जुड़ी घटना प्रकाश में आती है तो तत्काल गोरक्षा दल से जुड़े इन नम्बरों पर सम्पर्क करें,ताकि गोमाता की रक्षा हो सके-
राजस्थान 09414245251
पंजाब 09433118551
लुधियाना 09815800356
दिल्ली 09711195952
हरियाणा 08295312050
गुजरात 09805467442
उ. प्र. 09006214000
मध्य प्रदेश 07552733777
महाराष्ट्र 07552733777
बुंदेलखंड 09621344698
कर्नाटक 09886699957
प.बंगाल 09433118551
हिमाचल प्रदेश 09816072246
हैदराबाद 09000214000
विचित्र विडंबना है इस देश की जहां गंगा की तरह गोमाता भी उपेक्षा और तिरस्कार का दंश झेल रही है। छद्म सेकुलरवादी ठेकेदारों के संरक्षण के कारण आज भी ठोस राष्ट्रीय नीति के अभाव में पूर्व से लेकर पश्चिम और उत्तर से लेकर दक्षिण तक समूचे देश में गोहत्या के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी जारी है।
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