ताबूत की आखिरी कीलें
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ताबूत की आखिरी कीलें

by
Jun 7, 2014, 12:00 am IST
in Archive
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दिंनाक: 07 Jun 2014 12:56:23

.भाजपा की ऐतिहासिक विजय पर सभी समाचार चैनल कांग्रेस के हार के कारण गिना रहे थे, पर जिन कारणों पर विशेषज्ञ नजर लगाये हुए थे, शायद उनमें से एक भी वह कारण नहीं था, जिसके चलते कांग्रेस को इतनी बुरी पराजय का सामना करना पड़ा। सभी विशेषज्ञ नरेन्द्र मोदी के दमदार प्रचार अभियान को इस चुनाव की जीत में अहम मान रहे थे और इसके मुकाबले कांग्रेस के युवराज राहुल के प्रचार को कमजोर और लाचार। लेकिन जो असल में हार की जड़ थी उस पर किसी ने नजर तक डालना उचित नहीं समझा,ऐसा क्यों? सभी का फोकस प्रचार अभियान पर था। संप्रग सरकार ने अपने दस साल के शासनकाल में देश बांटने की पूरी कोशिश की क्या इस तथ्य से सभी परिचित नहीं हैं? क्या कांग्र्रेस ने सत्ता में बने रहने के लिए सपा, बसपा, लालू, नीतीश, ममता एवं तथाकथित अपने को सेकुलर कहने वाले दलों और नेताओं को जोड़ने के लिए उनके अपराधों को दबाने के साथ-साथ कई तरह की थोक में रियायतें तक दीं? देश को लूट रहे कांग्र्रेसी नेताओं की जब बाबा रामदेव पोलपट्टी खोलने लगे तो उन पर अनैतिक तरीके से रात में लाठी चार्ज के अलावा सैकड़ों फर्जी मुकदमे में फंसाने के साथ प्रताड़ना दी, क्या यह अनैतिक कार्य किसी को दिखाई नहीं दिया? क्या अन्ना आन्दोलन, महंगाई, भ्रष्टाचार, 'कोलगेट फाइल का गुम होना एवं निर्भया कांड इन सबके बाद हमारे मंदमोहन प्रधानमंत्री का सत्ता के मद में मौन, कांग्रेस की हार का कारण नहीं था? ये वह कारण रहे जो कांग्रेस के ताबूत की आखिरी कीलें बने। साथ ही जो सबसे अहम कारण रहा वो 2002 में कारसेवकों को गुजरात के गोधरा में ट्रेन के दो डिब्बों में जिहादियों द्वारा क्रूरतार्पूवक जलाना और उस घटना के बाद किसी भी सेकुलर नेता के मुंह से हिन्दुओं के लिए सांत्वना का एक शब्द तक नहीं निकलना…. बल्कि उलटकर सेकुलर नेता हिन्दुओं की ही कमियां निकालने व उन मजहबी उन्मादियों को बचाने के लिए प्रयास कर रहे थे, जिन्होंने इस घटना को अंजाम दिया था। इस घटना के बाद गुजरात में जो प्रतिक्रिया हुई वह स्वाभाविक होनी ही थी। लेकिन सेकुलर नेताओं ने हिन्दुओं की इस प्रतिक्रिया को सिर पर उठा लिया और मुसलमानों द्वारा कारसेवकों को जलाने की घटाने को भुलाने का षड्यंत्र करके गुजरात की प्रतिक्रिया को आगे लाकर राजनीति की रोंटियां सेंकने लगे। इस प्रकरण को पूरा देश देख रहा था और मन ही मन धर्मनिरपेक्षता की झूठी राजनीति करने वाले नेताओं के काले चेहरों को पहचान रहा था। कांग्रेस ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी को आरोपी बनाने से लेकर प्रताडि़त व परेशान करने के वे सभी प्रयास किए, जो उसके वश में थे और 12 वर्षों से वह इसी प्रयास को साकार करती आई है। नरेन्द्र मोदी को झूठा फंसाने के लिए कांग्रेसी नेता षड्यंत्र कर रह थेे। ऐसी कोई भी जांच एजेंसी नहीं थी, जिसे मोदी के पीछे न लगाया गया हो। एक राज्य के मुख्यमंत्री से 9-9 घंटे तक बेबुनियाद पूछताछ की गई। लेकिन आज जनता ने कांग्रेस के इसी काले चेहरे को उजागर कर दिया कि सच-सच होता है और झूठ- झूठ होता है।
-किशोरी लाल व्यास
चोपासनी मंदिर के पास
गली न.-1, जोधपुर(राज.)

माथे का सम्मान
कश्मीर है देश के, माथे का सम्मान
उमर बाबू कर रहे, हैं उसका अपमान।
है उसका अपमान, दुहाई संविधान की
कश्मीर को जागीर बताते खानदान की।
कह 'प्रशांत' जनता ने बुरी तरह ठुकराया
लेकिन उनको समझ अभी तक ना आया॥
-प्रशांत

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