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23 मई को देहरादून में दुर्गा वाहिनी के द्वारा सीता नवमी के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर दुर्गावहिनी की प्रांत सह संयोजिका रीता गोयल ने कहा कि माता सीता का जीवन प्ररेणा देने वाला है। राजकुमारी व रानी होते हुए भी उन्होंने पति के साथ वन में जाना स्वीकार किया। उनको राजा दशरथ व तीनांे रानियों ने समझाया, वन का जीवन आपके लिए नहीं है,लेकिन माता सीता ने कहा कि पति के बिना गहने भार समान हैं, सारे पदार्थ रोग के समान हैं।
उन्होंने राम जी से कहा कि आपके साथ पशु-पक्षी मेरे अतिथि हांेगे। वन ही नगर और वृक्षों की छाल निर्मल वस्त्र होंगे। पत्तों की बनी झोपड़ी ही स्वर्ग के समान होगी। उन्होंने हर हाल में अपने पति का साथ दिया। महिलाओं को सीता जी का अनुकरण करना चाहिए। कार्यक्रम का संचालन कामेश रावत ने किया। इस अवसर पर दुर्गा वाहिनी की अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थीं।
*प्रतिनिधि
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