सरकारी जमीन पर बनाई जा रही मस्जिद
|
दिल्ली के गाजीपुर डेयरी फार्म में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मस्जिद निर्माण व वहां बनी झुग्गियों में बंगलादेशियों की बढ़ती जनसंख्या को लेकर कई प्रदर्शन कर चुके अखंड भारत मोर्चा के अध्यक्ष संदीप आहूजा ने बताया कि दूध व्यवसायियों ने सरकारी जमीन पर अतिक्रमण के संबंध में प्रबुद्व स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर लोगों द्वारा हस्ताक्षरित पत्र दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग, दिल्ली पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी और उपायुक्त पूर्वी दिल्ली अजय कुमार को सौंपा था। 05 जुलाई 2013 को उन्होंने लोगों के साथ मिलकर प्रदर्शन भी किया। जिसके बाद पूर्वी दिल्ली पुलिस उपायुक्त ने कार्रवाई किए जाने की बात कही और वहां की वीडियोग्राफी करवाई। इसके बाद दिल्ली विधानसभा चुनावों से पहले अचानक झुग्गियों में अचानक आग लग गई। जो साजिश थी, उनका आरोप है कि वोट बैंक की राजनीति के लिए वहां पहले से भी ज्यादा झुग्गियां बसा दी गई हैं। दूध व्यवसायी देवेंद्र सिंह जोधा का कहना है कि 1976 में यहां डेयरी के लिए जगह आवंटित की गई थी। अब यहां अवैध तरीके से लोहे और कबाड़ के गोदाम बना लिए गए हैं, जिनमें काम करने वाले ज्यादातर मुसलमान हैं-इनमें बड़ी संख्या बंगलादेशियों की है। उन्होंने वोटर आईकार्ड और राशन कार्ड भी बनवा लिए हैं। उन्होंने बताया कि जहां मस्जिद बनाई जा रही है, वह जमीन हाइवे के बराबर में है और हरित क्षेत्र में आती है। इसके ऊपर से हाइटेंशन बिजली की लाइन गुजर रही है। नियमानुसार जहां से हाइटेंशन लाइन गुजरती है उसके नीचे की जगह हरित क्षेत्र के लिए खाली छोड़ी जाती है।
न्यायालय भी कर चुका है टिप्पणी
भारत में बंगलादेशी घुसपैठिए अपने आकाओं के संरक्षण में किस प्रकार रह रहे हैं, इस पर रोहिणी सत्र न्यायालय की अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश कामिनी लॉ ने 25 जनवरी, 2012 को एक बंगलादेशी घुसपैठिए को विदेशी नागरिक अधिनियम के तहत सजा सुनाते हुए टिप्पणी की थी कि 'वोट बैंक की राजनीति करने वाले लोगों के कारण सरकार भारत में अवैध रूप से रह रहे 3 करोड़ बंगलादेशियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई नहीं कर पाती है। अवैध रूप से रह रहे ये बंगलादेशी न केवल यहां मजे से जीवन-यापन कर रहे हैं, बल्कि भारतीय नागरिकों के अधिकारों एवं भारतीयों के लिए बनाई गई सरकारी सुविधाओं का भी भरपूर मात्रा में दोहन कर रहे हैं।
यह देश का दुर्भाग्य है कि देश के नागरिकों को गरीबी का सामना करना पड़ रहा है। अधिकांश लोगों को राशन कार्ड एवं अन्य सुविधाएं नहीं मिल पाती हैं, जबकि वोट बैंक की गंदी राजनीति के कारण अवैध रूप से घुसपैठ कर देश में आए बंगलादेशी स्वयं को यहां का नागरिक सिद्ध करने के लिए राशन कार्ड, वोटर कार्ड एवं अन्य पहचान संबंधी सुविधाएं जल्द प्राप्त कर लेते हैं।' जब कोई घुसपैठ के खतरों की बात करता है तो वोट बैंक की राजनीति कर रहे नेता उसे साम्प्रदायिक करार दे देते हैं। सेकुलर मीडिया भी इस पर चुप्पी साध लेता है। दिल्ली में सीमापुरी, पुरानी सीमापुरी, बवाना कालोनी, मेट्रो विहार, शास्त्री पार्क, भलस्वा जे.जे. कालोनी, जहांगीरपुरी, मंगोलपुरी वाई ब्लाक और सीलमपुर समेत कई ऐसे इलाके हैं जहां बंगलादेशी बड़ी संख्या में रह
रहे हैं।
टिप्पणियाँ