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आदित्य भारद्वाज
बंगलादेशी घुसपैठियों की समस्या का निदान करना जरूरी है, इस मुद्दे पर यदि कोई राजनीति करके उनकी तरफदारी करता है तो वह देश को गर्त में ले जाने का काम कर रहा है। ऐसे लोग देश के लिय जयचंदों का काम कर रहे हैं। बंगलादेश से होने वाली घुसपैठ को रोकने के लिए ठोस रणनीति बनाने की जरूरत है।- आरके ओहरीरिटायर्ड इंस्पेक्टर जनरल पुलिस अरुणाचल प्रदेश79 लाख पश्चिमी बंगाल50 लाख असम3.75 लाख त्रिपुरा4.75 लाख झारंखड का साहिबगंजआईबी की रपट के मुताबिक विभिन्न राज्यों में बंगलादेशियों की संख्या साभार: (वृतचित्र दि बंगला क्रीसेंट)
सरकारी जमीन पर बनाई जा रही मस्जिद
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक देश के किसी भी हिस्से की बात करें तो अवैध तरीके से घुसपैठ कर भारत में बसने वाले बंगलादेशियों की तादाद लगातार बढ़ती जा रही है। इन घुसपैठियों ने असम में तो अपना पूरा साम्राज्य स्थापित कर ही लिया है और वोट बैंक के सेकुलरवादी सौदागरों के संरक्षण में ये पूरे देश में फैल रहे हैं। इन पर नियंत्रण की बात गुनाह और इनके संरक्षण का नारा फैशन बन गया है। पुलिस आए दिन विभिन्न वारदातों में बंगलादेशियों की संलिप्तता भी उजागर करती रहती है। आईबी भी बंगलादेशियों की घुसपैठ को लेकर दर्जनों रपट सरकार को सौंप चुकी है। बावजूद इसके बंगलादेशियों की घुसपैठ रुकने का नाम नहीं ले रही है। संयुक्त राष्ट्र संघ के ह्यडिपार्टमेंट ऑफ इकॉनामी एंड सोशल अफेयर ह्ण ने वर्ष 2013 में अपनी रपट में भारत में करीब साढ़े तीन करोड़ बंगलादेशियों के होने की बात कही थी। असम में पुलिस प्रमुख रह चुके भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी बलजीत राय ने 1993 में ह्यभारत के खिलाफ जनसांख्यिकी आक्रमणह्ण नाम की एक पुस्तक लिखी थी। इस पुस्तक में उन्होंने अनुमान लगाया था कि भारत में डेढ़ करोड़ बंगलादेशी हैं, साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि यह अनुमान है, बंगलादेशियों की संख्या इससे कहीं ज्यादा हो सकती है। एशिया-2030 नाम की पुस्तक में प्रसिद्ध समाजशास्त्री डॉ. आनंद कुमार का ह्यइलीगल माइग्रेशन इन टू इंडिया: प्रॉब्लम्स एंड प्रोस्पेक्टह्ण शीर्षक से निबंध था, जिसमें उन्होंने इस बात पर आश्चर्य प्रकट किया था कि आधिकारिक तौर पर बंगलादेश सरकार इस बात से मना करती है कि भारत में बंगलादेशी अवैध तरीके से घुसपैठ कर रहे हैं, लेकिन व्यक्तिगत बातचीत में वहां के सभी राजनीतिज्ञ स्वीकार करते हैं कि भारत में बड़ी संख्या में बंगलादेशी जा रहे हैं। केंद्रीय गृह राज्यमंत्री एम रामचंद्रन ने 2011 में संसद को बताया था कि पिछले दस वर्षों में लगभग डेढ़ करोड़ अवैध बंगलादेशी भारत में घुस चुके हैं। यदि एक दशक में डेढ़ करोड़ आ सकते हैं तो पिछले चार दशकों में कितने आए होंगे ? भारत में बंगलादेशियों की अवैध घुसपैठ का काम 1971, से जारी है। 14, जुलाई, 2004, को संसद में केन्द्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल ने बताया था कि भारत में करीब एक करोड़ बीस लाख के लगभग बंगलादेशी हैं। असम के राज्यपाल रहे श्री अजय सिंह ने भी केंद्रीय गृह मंत्रालय को लिखा था कि असम में हर रोज 06 हजार बंगलादेशी घुसते हैं। मामला प्रेस में लीक हो गया तो सरकार के दबाव में उन्हें कहना पड़ा कि यह संख्या सारे देश में घुसने वाले बंगलादेशियों की है। लेफ्टिनेंट जनरल एसके सिन्हा को वर्ष 1997 में असम का राज्यपाल बनाया गया था। उन्होंने 1998 में 42 पन्ने की एक रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंपी थी। जिसमें उन्होंने लिखा था ह्यलंबे समय से ग्रेटर बांग्लादेश बनाने का षड्यंत्र उत्तरपूर्वी भारत के लिए भयंकर खतरा पैदा कर रहा है, चुपचाप हो रही घुसपैठ असम के निचले हिस्सों को भारत से काटने का काम कर रही है। दिल्ली पुलिस ने सितंबर 2003 मेंं उच्च न्यायालय में एक शपथपत्र दाखिल किया था, जिसमें कहा गया था कि कम से कम 13 लाख बंगलादेशी दिल्ली में मौजूद हैं। वरिष्ठ स्वतंत्र पत्रकार मयंक जैन ने वर्ष 2005 में ह्यदि बंगला क्रीसेंटह्ण वृतचित्र बनाया था, जिसमें इन सब बातों का ं उल्लेख किया गया है। करीब दो वर्ष पहले हिंदू महासभा ने एक सर्वेक्षण किया था। जिसमें दिल्ली में ही करीब 15 लाख से अधिक बंगलादेशियों के होने का दावा किया गया था। सर्वेक्षण के बाद जो आंकड़े निकलकर आए वे चौंकाने वाले थे, बंगलादेशी घुसपैठियों के कारण दिल्ली के करीब 37 प्रतिशत विधानसभा क्षेत्रों में मुसलमान मतदाता निर्णायक स्थिति में पहुंच चुके हैं। कुछ क्षेत्रों में मुसलमानों की आबादी करीब 30 प्रतिशत हो चुकी है। इनकी रणनीति है 2020 तक दिल्ली के सभी विधानसभा क्षेत्रों में अपना दबदबा कायम करने की। इसी को देखते हुए पूरी दिल्ली में बंगलादेशियों को बसाया जा रहा है। पाञ्चजन्य ने पूर्व में ह्य बंगलादेशी मुस्लिम घुसपैठियों के कारण असम की राह पर दिल्ली ह्ण शीर्षक से लेख प्रकाशित किया था, दिल्ली में बंगलादेशियों की बढ़ती हुई आबादी और दिल्ली में बढ़ते अपराधों में उनकी संलिप्तता के बारे में विस्तार से बताया गया है। यदि दिल्ली की बात करें तो यहां पर बंगलादेशियों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है।
दिल्ली के गाजीपुर डेयरी फार्म में सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से मस्जिद का निर्माण भी किया जा रहा है। यहां पर आसपास करीब दो हजार झुग्गियां हैं। जहां अवैध तरीके से हजारों की संख्या में बंगलादेशी अपना ठिकाना बनाकर रह रहे हैं।
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