दामाद जी की दौलत, दुनियाभर में चर्चा
July 9, 2025
  • Read Ecopy
  • Circulation
  • Advertise
  • Careers
  • About Us
  • Contact Us
android app
Panchjanya
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
SUBSCRIBE
  • ‌
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • वेब स्टोरी
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • अधिक ⋮
    • जीवनशैली
    • विश्लेषण
    • लव जिहाद
    • खेल
    • मनोरंजन
    • यात्रा
    • स्वास्थ्य
    • धर्म-संस्कृति
    • पर्यावरण
    • बिजनेस
    • साक्षात्कार
    • शिक्षा
    • रक्षा
    • ऑटो
    • पुस्तकें
    • सोशल मीडिया
    • विज्ञान और तकनीक
    • मत अभिमत
    • श्रद्धांजलि
    • संविधान
    • आजादी का अमृत महोत्सव
    • मानस के मोती
    • लोकसभा चुनाव
    • वोकल फॉर लोकल
    • जनजातीय नायक
    • बोली में बुलेटिन
    • पॉडकास्ट
    • पत्रिका
    • ओलंपिक गेम्स 2024
    • हमारे लेखक
Panchjanya
panchjanya android mobile app
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • मत अभिमत
  • रक्षा
  • धर्म-संस्कृति
  • पत्रिका
होम Archive

दामाद जी की दौलत, दुनियाभर में चर्चा

by
Apr 26, 2014, 12:00 am IST
in Archive
FacebookTwitterWhatsAppTelegramEmail

दिंनाक: 26 Apr 2014 15:05:31

 

-सूर्य प्रकाश सेमवाल-

अमरीकी पत्रिका वॉल स्ट्रीट जर्नल ने संप्रग अध्यक्ष सोनिया गांधी के दामाद राबर्ट वाड्रा पर देश में सोलहवीं लोकसभा के लिए जारी चुनावों के बीच शिकंजा कसते हुए असंख्य भूमि विवादों पर बड़े खुलासे किए हैं।
वॉॅल स्ट्रीट जर्नल ने कई महीनों के गहन अध्ययन, विश्लेषण, अपनी रपटों के निष्कर्षों और उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर राबर्ट वाड्रा को दुनियाभर के मीडिया के सम्मुख कटघरे में ला खड़ा किया है।
इस संबंध में प्रकाशित रपट की शुरुआत ही इस वाक्य से हुई है कि दसवीं पास 44 वर्ष के वाड्रा अचानक 325 करोड़ से भी अधिक की सम्पत्ति के मालिक कैसे हो गए, जबकि 5 वर्ष पूर्व वाड्रा ने मात्र एक लाख रुपए के निवेश से यह व्यवसाय शुरू किया था। रपट ने राजस्थान में महेश नागर नामक व्यक्ति को वाड्रा के लिए और बाद में राहुल गांधी के लिए जमीनी सौदे करवाने की बात कही गई है। वाड्रा द्वारा किए गए जमीनों के ऐसे राजसी सौदे भारत में ही नहीं विदेशों में भी चर्चित हैं। कहीं से भी ऐसा प्रतीत नहीं हुआ कि गांधी परिवार का यह दामाद, जो मात्र कृत्रिम सस्ते गहनों का व्यवसाय करता था, रियल एस्टेट की दुनिया का चर्चित बादशाह बन जाएगा। पत्रिका में ब्योरेवार जानकारी दी गई है कि 2004 से पूर्व वाड्रा का व्यवसाय बहुत ही सामान्य एवं अज्ञात था, वे सस्ते गहनों का व्यापार करते थे। 2007 में रियल एस्टेट के धंधे में कदम रखते हुए मां मौरीन वाड्रा के साथ स्काई लाइट हास्पिटेलिटी प्रा. लि. कंपनी शुरू करने के साथ नार्थ इंडिया आईटी पार्क्स प्रा. लि., रियलअर्थ एस्टेट्स प्रा. लि. और स्काई लाइट रियलिटी प्रा. लि. इत्यादि रियलिटी व्यवसायों की श्रृंखला खड़ी कर हरियाणा, राजस्थान, दिल्ली और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकारों की मिलीभगत से जमीनों का व्यापक कारोबार शुरू कर दिया।
भारत में अति विशिष्ट व्यक्ति की सुविधाएं भोगने वाले राबर्ट वाड्रा को वर्ष 2004 में संप्रग-1 सरकार के गठन के बाद 26 सितम्बर 2005 को सरकार ने विशेष फरमान जारी कर एयरपोर्ट पर व्यक्तिगत जांच से विशेष छूट दे दी थी। राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री सहित पूर्व राष्ट्रपति व प्रधानमंत्री, एस.पी.जी. सुरक्षा प्राप्त विशिष्ट लोगों को यह सुविधा मिलती है। वाड्रा के साथ इस विशेष बर्ताव के लिए उनकी एसपीजी सुरक्षा प्राप्त पत्नी प्रियंका वाड्रा का तर्क दिया जाता है।
राबर्ट वाड्रा की रुचियों, उनके कारनामों और महत्वाकांक्षाओं की खबरें बराबर मीडिया में आती रही हैं। जमीनों के अंधाधुंध सौदों पर खूब छपता रहा है। अक्तूबर 2012 में भ्रष्टाचार के विरुद्ध लड़ाई लड़ने वाले अरविन्द केजरीवाल ने भी राजनीति में आने से पूर्व वाड्रा के जमीन घोटालों पर बड़े खुलासे किए हालांकि अब वे ठंडे पड़ गए हैं और भ्रष्टाचार से बड़ा उन्हें साम्प्रदायिकता का रोग दिखाई देने लगा है। अलग-अलग राज्यों में अपने रसूख के बल पर वाड्रा ने संबंधित राज्यों के पूरे के पूरे भू-अधिग्रहण और नियमन कानून ही बदलवा डाले थे, भू उपयोग को बदलवाकर किसानों को धोखा देकर अपनी जमीनों की कीमतें बढ़वा दीं और ज्यादा विवाद होने पर जांच करने वाले आईएएस अधिकारी अशोक खेमका को निलंबित करवाने के साथ ही प्रधानमंत्री कार्यालय से भी स्वयं को क्लीन चिट दिलवा दी।
हजारों एकड़ जमीन के मालिक वाड्रा ने जब देखा कि सूचना अधिकार अधिनियम के तहत लोग उनकी पड़ताल करने लगे तो वर्ष 2012 के बाद के सौदों के कोई दस्तावेज सार्वजनिक नहीं दिखाई देते। जिस हरियाणा में 27 एकड़ कृषि भूमि ही खरीदी जा सकती थी, वहां 46 एकड़ जमीन सारे नियमों को ताक पर रखकर वाड्रा की कंपनी ने ले ली। जिस राजस्थान में कानून के तहत रेगिस्तानी और अर्द्ध रेगिस्तानी क्षेत्रों में 125 से 175 एकड़ तक ही भूमि खरीद की सीमा निर्धारित थी वहां वाड्रा की कंपनियों ने 321 एकड़ तक भूमि खरीद ली। बीकानेर में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने सौर ऊर्जा केन्द्र वहीं बनाना सुनिश्चित किया जहां वाड्रा ने जमीन खरीदी थी।
डीएलएफ से 65 करोड़ के व्याज मुक्त ऋण और कार्पोरेशन बैंक के 7.94 करोड़ के ओवरड्राफ्ट का रहस्य अब भी रहस्यमय ही है और 2009 में उत्तर प्रदेश के सल्तानपुर लोकसभा से चुनाव लड़ने के दबाव का दावा करने वाले वाड्रा जो कुछ कर रहे हैं उनसे बेशक सोनिया और राहुल आंख मूंदे रखने का ढकोसला कर रहे हों, लेकिन दादी की पोशाक और प्रतिछाया का स्मरण दिलाने वाली प्रियंका वाड्रा भी क्या अनभिज्ञ हैं, देश की जनता वास्तविकता जान चुकी है और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने भी शायद इसी सत्य का आभास पाकर प्रियंका को पिछले कई वर्षों से इसी कारण से रायबरेली और अमेठी तक सिमटा रखा है। ल्ल
मुझे पीड़ा हुई है
देश ने मेरी मां को बहू स्वीकारा है, इसके बावजूद उनके मूल पर सवाल उठाए जा रहे हैं। आप टीवी देखें तो पाएंगे- उस पर मेरे परिवार को लेकर भद्दी बातें कही जा रही हैं। मेरे पति के बारे में बहुत सी बातें कही जा रही हैं। मुझे इससे पीड़ा होती है। उस व्यक्ति को भी पीड़ा होती है जिसके बारे में सच नहीं बोला जा रहा है। रोजाना मैं अपने बच्चों से कहती हूं कि सच छिपाया जा रहा है। इस चुनाव में जैसी राजनीति हो रही है उससे मुझे दुख है। यदि पति पर हमला जारी रहा तो मजबूती से लड़ाई लड़ूंगी, दादी इंदिरा से ऐसी स्थिति का सामना करना सीखा है। इसका मजबूती से कैसे सामना करना चाहिए, मुझे पता है। -प्रियंका वाड्रा
30 अप्रैल को होगी सुनवाई
दिल्ली उच्च न्यायालय ने राबर्ट वाड्रा के जमीन विवादों पर एक जनहित याचिका को स्वीकार कर लिया है। इस याचिका में मांग की गई है कि न्यायालय की निगरानी में राबर्ट वाड्रा की भागीदारी वाली विभिन्न कम्पनियों द्वारा अलग-अलग समय पर किए गए जमीन सौदों की सीबीआई जांच की जाए। याचिका में विशेष रूप से वाड्रा की कंपनियों द्वारा हरियाणा के गुड़गांव क्षेत्र में क्रय की गई कृषि भूमि के भूमि उपयोग बदलाव के लिए प्रस्तुत किए गए लाइसेंस की जांच की मांग करने के साथ सरकारी खजाने को हुए नुकसान की जांच की भी मांग की गई है। मुख्य न्यायाधीश जी. रोहिणी की अगुआई वाली पीठ 30 अप्रैल को इस मामले की सुनवाई करेगी।
वाड्रा की संपत्ति का राज क्या है?
यह एक गंभीर खुलासा है। नरेन्द्र मोदी पर कीचड़ उछालने वाले राहुल गांधी और सोनिया गांधी को इस बात का उत्तर देना चाहिए कि 6 महीने या सालभर में कुछ लाख रुपयों का निवेश करने वाले वाड्रा 300 करोड़ रुपए से भी अधिक की संपत्ति के मालिक कैसे बन गए।
-रविशंकर प्रसाद, वरिष्ठ भाजपा नेता
अब कैसे जगी प्रियंका की संवेदना
वाड्रा जब भारत को  ह्यबनाना रिपब्लिकह्ण और यहां के लोगों को ह्यमैंगो पीपुलह्ण कह रहे थे, तब प्रियंका की संवेदनाएं कहां थीं? अब सही बातें बोले जाने पर बुरा लग रहा है।
-निर्मला सीतारमण,  भाजपा प्रवक्ता

जब हमारा क्षेत्र सौर ऊर्जा केन्द्र के तहत आ गया तो हमने पाया कि वाड्रा ने किसानों से सारी भूमि बहुत सस्ते दामों पर खरीद ली। क्षेत्र में सौर ऊर्जा कंपनी के आने से भूमि की कीमत में जोरदार उछाल आया। वाड्रा की स्काई लाइट हास्पिटेलिटी ने 2010 में खरीदी गई जमीन जनवरी 2012 में बेच दी जिसमें 94 एकड़ भूमि का अधिकांश हिस्सा भी शामिल था। कोलायत भूमि कार्यालय के रिकार्ड के अनुसार, इस जमीन की बिक्री कीमत खरीद मूल्य की तुलना में दस गुना अधिक थी। वाड्रा ने राजस्थान में खरीदी गई कुल भूमि का करीब एक तिहाई हिस्सा यानी 700 एकड़ भूमि 27 लाख डालर में बेच दिया जो राजस्थान में उनके द्वारा खरीदी गई कुल भूमि की कीमत का लगभग तीन गुना था। इस बिक्री के बाद भी वाड्रा की कंपनियों के पास 1200 एकड़ भूमि बची थी जिसकी कीमत 40 लाख डालर से अधिक थी। -अर्जुन राम मेघवाल, भाजपा सांसद

ShareTweetSendShareSend
Subscribe Panchjanya YouTube Channel

संबंधित समाचार

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

टिप्पणियाँ

यहां/नीचे/दिए गए स्थान पर पोस्ट की गई टिप्पणियां पाञ्चजन्य की ओर से नहीं हैं। टिप्पणी पोस्ट करने वाला व्यक्ति पूरी तरह से इसकी जिम्मेदारी के स्वामित्व में होगा। केंद्र सरकार के आईटी नियमों के मुताबिक, किसी व्यक्ति, धर्म, समुदाय या राष्ट्र के खिलाफ किया गया अश्लील या आपत्तिजनक बयान एक दंडनीय अपराध है। इस तरह की गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

ताज़ा समाचार

फैसल का खुलेआम कश्मीर में जिहाद में आगे रहने और खून बहाने की शेखी बघारना भारत के उस दावे को पुख्ता करता है कि कश्मीर में जिन्ना का देश जिहादी भेजकर आतंक मचाता आ रहा है

जिन्ना के देश में एक जिहादी ने ही उजागर किया उस देश का आतंकी चेहरा, कहा-‘हमने बहाया कश्मीर में खून!’

लोन वर्राटू से लाल दहशत खत्म : अब तक 1005 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

यत्र -तत्र- सर्वत्र राम

NIA filed chargesheet PFI Sajjad

कट्टरपंथ फैलाने वालों 3 आतंकी सहयोगियों को NIA ने किया गिरफ्तार

उत्तराखंड : BKTC ने 2025-26 के लिए 1 अरब 27 करोड़ का बजट पास

लालू प्रसाद यादव

चारा घोटाला: लालू यादव को झारखंड हाईकोर्ट से बड़ा झटका, सजा बढ़ाने की सीबीआई याचिका स्वीकार

कन्वर्जन कराकर इस्लामिक संगठनों में पैठ बना रहा था ‘मौलाना छांगुर’

­जमालुद्दीन ऊर्फ मौलाना छांगुर जैसी ‘जिहादी’ मानसिकता राष्ट्र के लिए खतरनाक

“एक आंदोलन जो छात्र नहीं, राष्ट्र निर्माण करता है”

‘उदयपुर फाइल्स’ पर रोक से सुप्रीम कोर्ट का इंकार, हाईकोर्ट ने दिया ‘स्पेशल स्क्रीनिंग’ का आदेश

  • Privacy
  • Terms
  • Cookie Policy
  • Refund and Cancellation
  • Delivery and Shipping

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies

  • Search Panchjanya
  • होम
  • विश्व
  • भारत
  • राज्य
  • सम्पादकीय
  • संघ
  • ऑपरेशन सिंदूर
  • वेब स्टोरी
  • जीवनशैली
  • विश्लेषण
  • लव जिहाद
  • खेल
  • मनोरंजन
  • यात्रा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म-संस्कृति
  • पर्यावरण
  • बिजनेस
  • साक्षात्कार
  • शिक्षा
  • रक्षा
  • ऑटो
  • पुस्तकें
  • सोशल मीडिया
  • विज्ञान और तकनीक
  • मत अभिमत
  • श्रद्धांजलि
  • संविधान
  • आजादी का अमृत महोत्सव
  • लोकसभा चुनाव
  • वोकल फॉर लोकल
  • बोली में बुलेटिन
  • ओलंपिक गेम्स 2024
  • पॉडकास्ट
  • पत्रिका
  • हमारे लेखक
  • Read Ecopy
  • About Us
  • Contact Us
  • Careers @ BPDL
  • प्रसार विभाग – Circulation
  • Advertise
  • Privacy Policy

© Bharat Prakashan (Delhi) Limited.
Tech-enabled by Ananthapuri Technologies