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23 मार्च को कोचीन (केरल) में अनेक हिन्दू संगठनों ने धर्मरक्षा समागम का आयोजन किया। इसमें लगभग दो लाख हिन्दुओं ने भाग लिया। केरल में यह दूसरा सबसे बड़ा हिन्दू समागम था। इससे पहले केरल में 1982 में सबसे बड़ा विशाल हिन्दू सम्मेलन हुआ था।
समागम का उद्घाटन पेजावर मठ के स्वामी विश्वेशतीर्थ जी ने किया। अध्यक्षता की शिवगिरि मठ के अध्यक्ष स्वामी प्रकाशानन्द जी ने। समागम का उद्देश्य था हिन्दुओं के उत्पीड़न के विरुद्ध हिन्दू समाज को जगाना। उल्लेखनीय है कि पूरे भारत में,विशेष कर केरल में हिन्दुओं का बहुत अधिक उत्पीड़न होने लगा है। आए दिन जिहादी तत्व केरल के हिन्दू समाज पर हमला कर रहे हैं। इसके साथ ही हिन्दू सन्तों को धमकियां मिल रही हैं और उनको बदनाम करने के लिए षड्यंत्र रचा जा रहा है। हाल ही में माता अमृतानन्दमयी के विरुद्ध भी षड्यंत्र किया
गया है।
समागम के मुख्य अतिथि और विश्व हिन्दू परिषद् के संरक्षक श्री अशोक सिंहल ने लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि माता अमृतानन्दमयी पर झूठे तथ्यों के आधार पर आरोप लगाए जा रहे हैं। अमृतानन्दमयी आश्रम केरल में सेवा के अनेक क्षेत्रों जैसे-शिक्षा,चिकित्सा में बहुत अच्छा काम कर रहा है। हिन्दू सभ्यता,संस्कृति पर हो रहे हमले और हिन्दू आध्यात्मिक नेताओं पर लगाए जा रहे झूठे आरोपों का विश्व हिन्दू परिषद् कड़ी निन्दा करती है। उन्होेंने यह भी कहा कि हिन्दू धर्म के विरुद्ध अन्तरराष्ट्रीय साजिश रची जा रही है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रान्त संघचालक श्री पी.ई.बी. मेनन, हिन्दू एक्य वेदी के महासचिव श्री कुम्मनम राजशेखरन, विश्व हिन्दू परिषद् के प्रदेश अध्यक्ष न्यायमूर्ति एम रामचन्द्रन, माता अमृतानन्दमयी मठ के महासचिव स्वामी पूर्णमृतानन्द सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे। ल्ल प्रदीप कृष्णन
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