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विवेक कुमार
भारत का ीअस्तित्व केवल इस देश के गांवों और गलियों से ही नहीं बल्कि उन दिलों और दिमागों से भी है जो विश्वभर में फैले हुए हैं। यह बात कई बार लाखों स्वप्नों में आकार लेती प्रतीत होती है कि देश अपनी चमक और उपलब्धि के बल पर विश्व क्षितिज पर उपयुक्त स्थान प्राप्त करे। आगामी कुछ सप्ताहों में भारत में लोकसभा चुनाव होने जा रहे हैं। हम ऐसी आशा करते हैं, चुनी हुई सरकार अन्य उपलब्धियों के बजाए केवल सुशासन पर जोर दे जैसा कि महात्मा �
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