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जशपुर में पिछले दिनों जिला विकलांग पुनर्वास केन्द्र द्वारा विकलांगों की सहायतार्थ एक लघु शिविर एवंं संगोष्ठी का आयोजन किया गया। शिविर में 20 विकलांगों के बीच अंध घड़ी,तिपहिया साईिकल,अंध छड़ी आदि सामग्री वितरित की गई। इस अवसर पर श्री विश्वबन्धु शर्मा, श्री देवांगन, डॉ़ मृगेन्द्र सिंह, श्री बासुदेवराम यादव सहित अनेक लोग उपस्थित थे।
शिविर से पूर्व ह्यजशपुर के विकलांगों की सेवाह्ण विषय पर आयोजित संगोष्ठी में सभी सहभागियों ने अपनी राय देते हुए कहा कि विकलांग केन्द्र का कार्यरत रहना जशपुर के विकलांगों के लिए अति आवश्यक है। विश्वबंधु शर्मा व विक्रान्त पाठक ने सुझाव दिया कि समाज में सेवारत अन्य संगठनों से सहयोग लेकर इसे चलाना चाहिए। विकलांग केन्द्र के सचिव श्री कृपा प्रसाद सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा हस्तान्तरण के समय आर्थिक सहायता का आश्वासन था जो बाद में केन्द्र सरकार और राज्य सरकार के अधिकार का विषय तय होने में लम्बित रह गया। फिर भी 2008 से 2013 तक विकलांग केन्द्र द्वारा हजारों विकलांगों को सहायता प्रदान की गई है।
जिले में 11,571 विकलांग चिन्हित किए गए हैं जिनमें से अभी तक 3225 लोगों को ही विकलांग केन्द्र के द्वारा सहायता की जा सकी है। श्री सिंह ने समाज के लोगों से अपील की कि जिनके हृदय में विकलांगों के लिए सहानुभूति है ऐसे लोग इस पवित्र सेवा में सामने आएं ताकि विकलांगों की सेवा होती रहे। प्रतिनिधि
वनवासियों पर केन्द्रित दो पुस्तिकाएं लोकार्पित
गत दिनों धनबाद (झारखण्ड) में वनवासी कल्याण आश्रम के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री अवधबिहारी श्रीवास्तव ने वनवासियों पर केन्द्रित दो पुस्तिकाओं का लोकार्पण किया। एक पिुस्तका है ह्य देश के लाल श्री नीलाम्बर और पीताम्बरह्ण। इसमें 1857 के स्वतंत्रता संग्राम में योगदान देने वाले दो वनवासी भाइयों की कथा है। इसके लेखक हैं श्री सत्येन्द्र सिंह। दूसरी पुस्तिका है ह्यसंथाली जनजाति की सृष्टि कथाह्ण। इसके लेखक हैं डॉ. राजकिशोर हंसदा। इन दोनों पिुस्तकाओं का प्रकाशन वनवासी कल्याण केन्द्र, झारखण्ड ने वनयोगी बालासाहब देशपांडे की जन्मशती के अवसर पर किया है। इस अवसर पर विशेष रूप से उपस्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह श्री दत्तात्रेय होसबले ने दोनों पुस्तिकाओं की बड़ी प्रशंसा की और लोगों को इन्हें पढ़ने की प्रेरणा दी। समारोह में क्षेत्रीय संघचालक श्री सिद्धिनाथ सिंह, क्षेत्र प्रचारक श्री स्वांत रंजन, प्रांत संघचालक श्री जगन्नाथ शाही, प्रांत सह संघचालक श्री देवव्रत पाहन आदि उपस्थित थे। लोकार्पण से पूर्व वनवासी कल्याण आश्रम के क्षेत्रीय संगठन मंत्री श्री प्रकाश कामत ने इन पुस्तिकाओं की जानकारी दी। प्रतिनिधि
कौन बचा रहा है अजीमुल हक को?
अजीमुल हक उत्तर प्रदेश में अम्बेदकर नगर जिले के टाण्डा से समाजवादी पार्टी के विधायक हैं। पूरे इलाके में इनकी पहचान दबंग की है। पुलिस इनका कुछ भी नहीं बिगाड़ सकती है,क्योंकि पुलिस सरकार के इशारे पर नाचती है और सरकार इनकी पार्टी की है। अजीमुल हक पर हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष रामबाबू गुप्ता की हत्या करवाने का आरोप है। एक वर्ष बीत गया है,पर पुलिस ने उनसे अब तक पूछताछ भी नहीं की है। कहा जा रहा है कि अजीमुल के कथित इशारे पर रामबाबू गुप्ता की हत्या 3 मार्च,2013 को इरफान, रहमान और शाहिद ने गोली मारकर कर दी थी। इस हत्या के बाद से ही ये अपराधी रामबाबू के परिजनों को अदालत में गवाही न देने की धमकी दे रहे थे। जब ऐसा नहीं हुआ तो इन गुण्डों ने रामबाबू के भतीजे और हत्या काण्ड के मुख्य गवाह राममोहन की भी 4 दिसम्बर, 2013 को हत्या कर दी। परिजन बार-बार कह रहे हैं कि इन दोनों हत्या के मुख्य साजिशकर्ता विधायक हैं, पर उनका अब तक बाल भी बांका नहीं हुआ है। उधर पीडि़त परिवार न्याय की मांग को लेकर 6 दिसम्बर,2013 से ही टाण्डा में धरने पर बैठा है। इनकी मांग है विधायक को गिरफ्तार किया जाए और दोषियों को सजा दी जाए,लेकिन राज्य सरकार अपनी पार्टी के विधायक को हर तरह से बचाने में लगी है। राज्य सरकार से न्याय न मिलने पर पीडि़त परिवार ने पिछले दिनों दिल्ली में एक दिवसीय सांकेतिक धरना दिया और राष्ट्रपति को एक ज्ञापन सौंप कर न्याय दिलाने की गुहार लगाई है। प्रतिनिधि
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