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गत दिनों त्रिशूर (केरल) में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े कई संगठनों ने वृत्तचित्र (डाक्यूमेंट्री)ओसियन ऑफ टियर्स(आंसुओं का सागर) का भारी विरोध किया। यह वृत्तचित्र यहां के विबग्योर फिल्म महोत्सव में दिखाया जाने वाला था। उल्लेखनीय है कि यह वृत्तचित्र जम्मू-कश्मीर में फर्जी बलात्कार की घटनाओं पर केन्द्रित है। इसमें भारत और भारतीय सेना की बहुत ही खराब छवि दिखाई गई है। यही कारण है कि इसका विरोध जगह-जगह होने लगा है। त्रिशूर में भारतीय मजदूर संघ के अखिल भारतीय अध्यक्ष श्री साजी नारायण के नेतृत्व में लोगों ने इसका विरोध किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस वृत्तचित्र पर प्रतिबंध लगाया जाए,क्योंकि यह भारत विरोधियों को बढ़ावा देता है। इसमें दिखाया गया है कि कुपवाड़ा जिले के एक गांव कुना पोशपरा में एक ही रात में सुरक्षा बलों ने 36 महिलाओं के साथ बलात्कार किया है,जबकि सच्चाई कुछ और है। इस गांव में सेना की ओर से अनेक कल्याणकारी योजनाएं चलाई जा रही हैं और गांव के लोग भी सेना के साथ सहयोग करते हैं। इस वृत्तचित्र के सन्दर्भ में हुई जांच में भी इसे फर्जी बताया गया है। कई जांच रपटों में कहा गया है कि लगता है कि इस वृत्तचित्र का निर्माण घाटी के अलगाववादियों को समर्थन देने के लिए किया गया है। इस वृत्तचित्र का निर्माण सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के सहयाग से राजीव मेहरोत्रा ने और निर्देशन बिलाल के जान ने किया है। 27 मिनट क ा यह वृत्तचित्र पब्लिक सर्विस ब्रोडकास्टिंग ट्रस्ट (पीएसबीटी) के बैनर तले आया है। वि.सं.के., केरल
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